Bollywood Film 'Piku' हर उस बेटी के लिए खास क्यों है जो अपने पिता से निस्वार्थ रूप से प्यार करती है?

बॉलीवुड फिल्म 'Piku' एक पिता-बेटी के अनमोल रिश्ते की कहानी है, जो हर उस बेटी को भावुक कर देती है, जो अपने पिता से निस्वार्थ प्रेम करती है। जानिए क्यों यह फिल्म खास है

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Sakshi Rai
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Photograph: (madaboutmoviez)

Why is the Bollywood film 'Piku' special for every daughter who truly loves her father : बॉलीवुड फिल्म Piku सिर्फ एक साधारण कहानी नहीं है, बल्कि यह हर उस बेटी की भावनाओं को छूती है, जो अपने पिता से निस्वार्थ प्रेम करती है। यह फिल्म एक पिता और बेटी के रिश्ते की जटिलताओं, जिम्मेदारियों और गहरे प्रेम को खूबसूरती से दर्शाती है। हर परिवार में बुजुर्गों की ज़िद, उनकी जरूरतें और उनकी देखभाल से जुड़ी चुनौतियाँ होती हैं, लेकिन Piku यह दिखाती है कि प्यार और समझदारी से हर रिश्ते को संभाला जा सकता है। यह कहानी सिर्फ एक बेटी की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उसकी भावनात्मक यात्रा को भी उजागर करती है, जो हर दर्शक को अपने परिवार की याद दिला देती है।

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फिल्म 'Piku' हर उस बेटी के लिए खास क्यों है, जो अपने पिता से निस्वार्थ रूप से प्यार करती है?

फिल्म 'Piku' एक साधारण लेकिन गहरी कहानी है, जो एक पिता और बेटी के रिश्ते को खूबसूरती से दिखाती है। यह फिल्म हर उस बेटी के दिल के करीब होती है, जो अपने पिता की परवाह करती है, उनकी छोटी-बड़ी जरूरतों का ध्यान रखती है और अपने कर्तव्यों को बोझ नहीं, बल्कि प्यार समझकर निभाती है।

हर परिवार में कुछ ना कुछ समस्याएँ होती हैं। कभी बुजुर्गों की ज़िद, तो कभी उनकी जरूरतें हमें परेशान कर सकती हैं, लेकिन जब हम गहराई से सोचते हैं, तो समझ आता है कि वही हमारे सबसे करीबी और अपने होते हैं। फिल्म 'Piku' की कहानी भी इसी भावना को दर्शाती है।

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फिल्म की मुख्य किरदार पीकू (दीपिका पादुकोण) एक आत्मनिर्भर लड़की है, जो अपने बूढ़े और ज़िद्दी पिता भास्कर बनर्जी (अमिताभ बच्चन) की देखभाल करती है। भास्कर जी को पुरानी कब्ज़ की समस्या होती है और वह अपनी सेहत को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं। उनके लिए हर चीज़ से ज्यादा ज़रूरी उनका स्वास्थ्य होता है, जिस कारण वह अपनी बेटी पीकू को कभी-कभी परेशान भी कर देते हैं। कई बार पीकू को उनके मूड स्विंग्स और ज़रूरत से ज्यादा चिंता के कारण परेशानी होती है, लेकिन वह फिर भी उन्हें छोड़कर जाने का कभी नहीं सोचती।

हर परिवार में ऐसा ही होता है। माता-पिता जैसे-जैसे बड़े होते हैं, उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति बदलती है। वे ज़िद्दी हो जाते हैं, छोटी-छोटी बातों पर बहस करने लगते हैं और कई बार उनकी आदतें बच्चों के लिए चुनौती बन जाती हैं। लेकिन जिस तरह माता-पिता ने अपने बच्चों को बचपन में हर मुश्किल में संभाला, वैसे ही बुढ़ापे में बच्चों का भी फर्ज़ होता है कि वे अपने माता-पिता की देखभाल करें।

फिल्म 'Piku' हमें सिखाती है कि माता-पिता की सेवा करना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक प्यार भरा रिश्ता होता है। यह फिल्म हर उस बेटी को खुद से जोड़ती है, जो अपने पिता की ज़िम्मेदारी को खुशी-खुशी निभाती है, चाहे हालात जैसे भी हों।

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