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Photograph: (hindustantimes)
Outstanding Bollywood Films by Women Directors: बॉलीवुड में पुरुष डायरेक्टर्स का दबदबा हमेशा से रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों में महिला डायरेक्टर्स ने भी अपनी जगह बनाई है। जब कोई महिला फिल्म डायरेक्टर होती है, तो वह अपनी नजर से समाज को देखती है और उसकी कहानियों में असल जिंदगी की झलक मिलती है। इन फिल्मों में महिलाओं की असल परेशानियों, उनकी जीत और उनके संघर्ष को बहुत ही बारीकी से दिखाया जाता है, जिससे हर कोई जुड़ाव महसूस कर सकता है।
महिला डायरेक्टर्स की शानदार बॉलीवुड फिल्में
हर घर में एक महिला होती है—माँ, बहन, बेटी या पत्नी—जो अलग-अलग हालातों से गुजरती है। कभी उन्हें समाज से लड़ना पड़ता है, कभी परिवार की जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, तो कभी अपने सपनों को कुर्बान करना पड़ता है। महिला डायरेक्टर्स इन असली कहानियों को पर्दे पर लाकर समाज को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। उनकी फिल्मों में न सिर्फ महिलाओं के इमोशंस को गहराई से दिखाया जाता है, बल्कि यह भी बताया जाता है कि कैसे महिलाएं हर चुनौती का सामना कर सकती हैं।
कुछ बेहतरीन महिला डायरेक्टर्स और उनकी फिल्में
- ज़ोया अख्तर – उन्होंने गली बॉय और ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा जैसी शानदार फिल्में बनाई हैं, जो समाज की सच्चाई को खूबसूरती से दिखाती हैं।
- गौरी शिंदे – इंग्लिश विंग्लिश और डियर ज़िंदगी जैसी फिल्में महिलाओं के आत्मसम्मान और मानसिक स्वास्थ्य पर रोशनी डालती हैं।
- मीरा नायर – सलाम बॉम्बे! और द नेमसेक जैसी फिल्में समाज की असलियत और रिश्तों की गहराई को समझाने का काम करती हैं।
- रीमा कागती – उन्होंने तलाश और गोल्ड जैसी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है, जो महिलाओं और समाज के जटिल रिश्तों पर रोशनी डालती हैं।
- फराह खान – उन्होंने मैं हूँ ना और ओम शांति ओम जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जो महिलाओं को भी मनोरंजन के साथ एक अलग पहचान देती हैं।
- किरण राव - किरण राव की फिल्म लापता लेडीज़ दो महिलाओं के जीवन की जटिलताओं और समाजिक चुनौतियों को हल्के हास्य और गहरे अर्थ के साथ प्रस्तुत करती है।
इन फिल्मों से हमें क्या सीख मिलती है?
इन महिला निर्देशकों की फिल्मों से हमें यह सीखने को मिलता है कि महिलाओं की कहानियां सिर्फ रोमांस या घरेलू जिंदगी तक सीमित नहीं हैं। वे मजबूत हैं, अपने फैसले खुद ले सकती हैं और दुनिया को बदलने की ताकत रखती हैं। इन फिल्मों में दिखाया जाता है कि महिलाएं भी समाज की धारणाओं को तोड़ सकती हैं, अपने सपनों को जी सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। महिला निर्देशकों की ये फिल्में सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए हैं, जो समाज को एक नई नजर से देखना चाहते हैं।