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Tips To Self-study: सेल्फ स्टडी से जुड़ी परेशानियों को कैसे दूर करें

पेरेंटिंग | करिअर-कौशल: पिछले आर्टिकल में हमने बताया कि माता-पिता या पेरेंट्स बच्चों को सेल्फ स्टडी के प्रति कैस गाइड करें। अब जब बच्चा खुद से पढ़ाई करना सीख जाएगा तो जरूरी तो नहीं उसे हर चीज़ समझ आए। ऐसे में कई तरह की समस्याएं आती हैं।

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Prabha Joshi
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सेल्फ स्टडी

बच्चों को सेल्फस्टडी कराएं

Tips To Self-study: पिछले आर्टिकल में हमने कवर किया था कि सेल्फ स्टडी बच्चों को कैसे सिखाएं। आज बात करेंगे कि सेल्फ स्टडी के दौरा कौन-कौन सी परेशानियां आती हैं और उनको कैसे दूर करें। सेल्फ स्टडी हर बच्चे के लिए बहुत जरूरी होती है। सेल्फ स्टडी एक तरह की स्किल है जो जब बच्चे को आ जाती है तो बच्चे को पढ़ाई के समय किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती। इसके साथ ही एक बार सेल्फ स्टडी की कला आ जाती है तो आने वाले समय की पढ़ाई भी आसान हो जाती है। 

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हमने बताया कि माता-पिता या पेरेंट्स बच्चों को सेल्फ स्टडी के प्रति कैस गाइड करें। अब जब बच्चा खुद से पढ़ाई करना सीख जाएगा तो जरूरी तो नहीं उसे हर चीज़ समझ आए। ऐसे में कई तरह की समस्याएं आती हैं। आज बात करेंगे सेल्फ स्टडी के दौरान आने वाली समस्याओँ से कैसे निपटें।

stubborn children

सेल्फ स्टडी में कौन-कौन सी समस्याएं आती है और उन्हें कैसे सुलझाएं 

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सेल्फ-स्टडी के दौरान आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए निम्न तरीके अपनाएं :-

डिक्शनरी रखें 

सबसे पहले तो हर बच्चे के लिए जरूरी है कि वो अपने पास एक हिंदी और एक अंग्रेजी की डिक्शनरी जरूर रखे। माता-पिता को चाहिए बच्चों को डिक्शनरी जरूर प्रोवाइड करें। ध्यान रहे, बच्चों को मोबाइल से डिक्शनरी देखना न सिखा कर शुरुआत किताब से कराएं। ऐसा इसलिए कि मोबाइल बच्चों का ध्यान भटका देगा और शुरुआती स्टेज में बच्चों को मोबाइल से पढ़ाना सही भी नहीं है। सेल्फ स्टडी के दौरान बहुत से शब्दों के अर्थ नहीं आते हैं, ऐसे में बच्चों को चाहिए कि वो उन शब्दों का अर्थ तुरंत डिक्शनरी में देखें।

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स्टार लगाएं 

सेल्फ स्टडी के दौरान बहुत से प्वाइंट्स ऐसे होते हैं जो समझ में नहीं आते हैं। ऐसे में बच्चों को उन प्वाइंट्स में स्टार लगा देना है। इससे आने वाले समय में उन प्वाइंट्स को अच्छे से समझा जा सकता है। कोई जरूर नहीं स्टार का ही इस्तेमाल किया जाए, किसी भी तरह के सिंबल का उपयोग किया जा सकता है। 

टीचर्स से समझें

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पूरा लेसन पढ़ने के बाद अगली क्लास में उन प्वाइंट्स को अपने टीचर से समझें। ऐसा करने से आपको पाठ ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा और उस पाठ से जुड़े क्वेश्चेंस भी आसानी से याद हो जाएंगे। किसी तरह की रटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खुद आप भी इस योग्य हो जाएंगे कि खुद से क्वेश्चेंस बना लें और उत्तर भी करें। इस तरह से आपको पढ़ने में और ही इंटरेस्ट आएगा। 

दोबार पढ़ें 

जब एक बार टीचर स्टार वाले प्वाइंट्स का अर्थ बता दे तो बच्चों को चाहिए कि वो प्वाइंट्स बार-बार पढ़ें और अच्छे से दिमाग में बैठा लें। इसके बाद दोबारा से एक बार पूरे लेसन को पढ़ें। इससे पूरा लेसन क्लियर हो जाएगा यानि कि अच्छे से समझ में आ जाएगा। अब आप जान लेंगे कि आपको तो कुछ रटने की जरूरत ही नहीं है। चटपट टीचर के जवाब का सबसे पहले आप ही उत्तर देंगे। 

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इस तरह सेल्फ स्टडी की खुद से आदत डालने पर आप क्लास में आगे बढ़ने से साथ-साथ जिंदगी में भी आगे बढ़ते जाएंगे। माता-पिता को चाहिए कि पहले बच्चों को सेल्फ स्टडी करना सिखाएं और फिर खुद से बच्चों को पढ़ने की आदत पड़वाएं। इससे आपका बच्चा हर क्लास में अव्वल दर्जे का रहेगा। पहले से पढ़ाई करने पर एग्जाम से पूर्व टेंशन भी नहीं रहेगी।

बच्चों पढ़ाई सेल्फ-स्टडी Tips To Self-study
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