Dubbing: टीवी में किरदारों को देखते हुए हम उनकी आवाज को कॉपी करना शुरु कर देते हैं। हमें बहुत पसंद आने लगती है। बहुत से लोगों को बहुत से बॉलीवुड अभिनेताओं जैसे सलमान खान, शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और बहुत से नायक और नायिकाओं का रोल निभा चुके लोगों की आवाज बनाते देखा जा सकता है। किरदार की ताकत ही उसकी आवाज है। किरदारों की डायलॉग डिलीवरी के दर्शक फैन हो जाते हैं। लेकिन कई बार किरदार की अपनी आवाज होती ही नहीं है, उसे कोई और आवाज दे रहा होता है। इसी प्रक्रिया को कहते हैं डबिंग।
डबिंग एक तरह की कला है जिसके जरिए किरदारों को आवाज दी जाती है। डबिंग का काम जरूरी नहीं फिल्मों में ही हो बल्कि इसकी डिमांड अन्य क्षेत्रों जैसे डॉक्यूमेंटरीज, एडवर्टाइजमेंट्स और शार्ट फिल्म्स आदि में भी किया जाता है। लेकिन फिल्मों में इसका बहुत प्रयोग होता है। जब किरदार किसी कारणवश अपनी आवाज उस जॉनर में नहीं दे पाते हैं तो काम आता है डबिंग आर्टिस्ट।
कैसे करें डबिंग की पढ़ाई
डबिंग में करियर बनाने के लिए डबिंग की पढ़ाई बाद में आती है, पहले है आपकी आवाज। अपनी आवाज पर ध्यान देना, उस पर काम करने से डबिंग के क्षेत्र में रास्ते खुलने आसान हो जाते हैं। डबिंग के कोर्स के लिए बहुत से अच्छे संस्थान शार्ट टर्म कोर्स कराते हैं, जिनमें आवेदन किया जा सकता हैै।
डबिंग आर्टिस्ट के लिए आवाज पर कैसे काम करें
डबिंग आर्टिस्ट में करियर बनाने के लिए जरूरी है अपनी आवाज को इस तरह बनाएं कि आपकी आवाज में वो बात आए जो आपको अन्य लोगों की आवाज से अलग करती हो। अपनी आवाज पर ध्यान देने के लिए जरूरी है आप अपनी आवाज का नियमित अभ्यास करें। अभ्यास से आवाज साफ होगी। इसके साथ ही उच्चारण पर ध्यान दें, लिप सिंक और वॉयस मॉड्यूलेशन यानि कितनी तरह से आप अपनी आवाज बदल सकते हैं, इस की प्रेक्टिस करें। डबिंग आर्टिस्ट के लिए आपको अन्य लोगों की आवाज पर गौर करना होगा, अन्य लोगों में उठना-बैठना होगा। इसके साथ ही बहुत तरह की भाषाओं का ज्ञान भी एक डबिंग आर्टिस्ट के लिए जरूरी है।
वहीं डबिंग आर्टिस्ट के लिए एक नहीं हजार मौके होते हैं। आज बहुत-सी ऐसी फिल्में हैं जो हिंदी भाषा में न होकर अन्य भाषाओं में हैं। ऐसे ही अन्य भाषाओं की फिल्में हिंदी भाषा में नहीं हैं। फिल्मों को ज्यादा लोगों के बीच प्रसारित करने के लिए जरूरी होता है डबिंग आर्टिस्ट हाइरिंग। डबिंग आर्टिस्ट का काम फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों तरह से किया जा सकता है।
डबिंग आर्टिस्ट और वॉयस ओवर आर्टिस्ट में थोड़ी कन्फूजन हो सकती है। वॉयस ओवर के ज्यादातर इ्स्तेमाल में वॉयस मॉड्यूलेशन की इतनी जरूरत नहीं होती। एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट ज्यादातर नैरेशन से जुड़ा काम करता है लेकिन डबिंग आर्टिस्ट की जिम्मेदारियां ज्यादा होती हैं।