Women How To Overcome Fear Of Failure : जन्म से लेकर बड़े होने तक हम अलग-अलग तरह से बहुत बार बहुत सी चीजों में असफलता का सामना करते हैं। इन असफलताओं की लिस्ट इतनी लम्बी होती है की कभी-कभी ये बिल्कुल हमारे उन अनचाहे मित्रों की तरह लगती हैं जिनके हम मित्र कभी बनना ही नही चाहते थे। लेकिन इसके बावजूद भी हमे असफलता का डर हमेशा बना ही रहता है। ये बिल्कुल भी जरूरी नहीं है की हम जो भी काम करने का विचार कर रहे हैं उसमे सफल होंगे ही लेकिन उतना ही सही यह भी है कि हम हर बार असफल भी नहीं हो सकते।
असफलता का डर इतना बड़ा है की हम इस डर की वजह से बहुत से काम करने से ही पीछे हट जाते हैं। कभी-कभी यह डर हमारे जीवन पर हमारे खान-पान और सेहत पर भी असर डालता है। महिलाओं में असफलता का डर अधिक होता है क्योंकि उनके पास एक आम व्यक्ति के मुकाबले जिम्मेदारियां भी ज्यादा होती हैं। लेकिन असफलता सफलता के विपरीत तो बिल्कुल भी नहीं है बल्कि आगे आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए एक अच्छा माध्यम है। न तो सफलता स्थायी है और न असफलता इसलिए बिना डर के आगे बढ़ना सीखें।
महिलाओं में असफलता के डर को कैसै कम करें
1. असफलता को अपने हिसाब से परिभाषित करें
महिलायें अपनी असफलता को उनके मूल्य या क्षमताओं के आंकलन के बजाय विकास और सीखने के अवसर के रूप में देखना चाहिए। इस बात को समझें की असफलता एक आम बात है यह भविष्य में आपको सफल होने में सहायता करेगी।
2. यथार्थवादी अपेक्षाएँ रखें
महिलायें अपने लिए अपने हिसाब से यथार्थवादी लक्ष्य स्थापित करें। बहुत बड़े लक्ष्यों को छोटे और आसान कार्यों में बाँटें ताकि उन्हें असफलता का कम डर रहे और उन्हें अच्छी तरीके से पूरा किया जा सके। साथ ही अपने जीवन में छोटे-छोटे लक्ष्यों की पूर्ति से प्रसन्न होना सीखें।
3. सहायता पूर्ण माहौल बनाएं
महिलाएं स्वयं मिलकर ऐसी जगह बनाएं जहां महिलाएं जोखिम लेने और गलतियां करने में नार्मल महसूस करें। अपने साथ ऐसे साथियों और सलाहकारों एक समूह तैयार करें जो समय-समय पर प्रोत्साहन और मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।
4. अपने आप को प्रोत्साहित करें
महिलाओं को खुद के प्रति सहज होने की आवश्यकता होती है। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि सभी के जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं कभी न कभी सभी को असफलताओं का सामना करना ही पड़ता है। साथ ही यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी चीजें आपकी योजना के अनुसार नहीं होती हैं असफलता को नॉर्मल लें।
5. लचीलापन निर्माण
महिलाओं को हमेशा अपनी समस्या को सुलझाने के कौशल, अनुकूलन क्षमता और दृढ़ता विकसित करके लचीलापन बनाये रखना चाहिए। अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को स्थायी रूप से नहीं देखना चाहिए वे सदैव अस्थायी होती हैं। सदैव ही असफलताओं का सामना करने पर जितना हो सके अलग-अलग विकल्पों से समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए।
6. जोखिम उठाना सीखें
ऐसी महिलाएं जिन्हें असफलता का डर अधिक रहता है उन्हें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर जोखिम लेने की आवश्यकता है। उन्हें सोच-समझकर जोखिम लेने के लिए खुद को प्रोत्साहित करना चाहिए। अपने व्यक्तिगत विकास पर अधिक से अधिक जोर दें इससे उन्हें नई चुनौतियों से सीखने को मिलेगा और चुनौतियों से आने वाला डर भी समाप्त होगा।
7. सामाजिक अपेक्षाओं को चुनौती देना सीखें
समाज में महिलाओं के लिए तमाम माप दंड तय हैं इसलिए समाज महिलाओं से अलग-अलग तरह की अपेक्षाएं रखता है। ऐसे सामाजिक मानदंडों और अपेक्षाओं को समय-समय पर चुनौती देना सीखें जो महिलाओं में असफलता का डर पैदा करती हों। साथ ही इस बात पर जोर देना सीखे की असफलता से हम सीखते हैं यह हमारे सीखने का एक आम हिस्सा है। असफल होने पर महिलाओं को समाज में कलंकित या असमान रूप से नहीं देखा जाना चाहिए।
हर व्यक्ति को हमेशा यह याद रखना चाहिए की असफलता हमारी जिन्दगी का एक आम हिस्सा है हमने बचपन में गिरकर ही चलना सीखा है। हम सबने बार-बार लिखकर मिटाकर ही लिखना सीखा है। हम कुछ भी नया सीखते समय कई बार असफल हुए हैं और बाद में सफल भी हुए हैं। इसलिए यह आम बात है। असफलता को डर बनाने की जगह एक सीख के रूप में देखना चाहिए। जो लोग आज बहुत सफल हैं वे जिन्दगी में कई बार असफल हुए होंगे। जरूरत है तो असफलता से सीखने की।
सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन प्रिया सिंह का है।