World Environment Day 2023: महिलाएं हर एक क्षेत्र में प्रमुखता से अपना सहयोग दे रही हैं। एनवायरनमेंट को लेकर भी समय पर बहुत सी समस्याएं सामने आती हैं। जिसके लिए महिलाओं ने भी अपने स्तर पर काम किया है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने में बहुत सी महिलाओं का योगदान रहा है। आज भी बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो एनवायरनमेंट को सुरक्षित करके देश विदेश तक जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही हैं। हर वर्ष 5 जून को पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाती है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में बतायेंगे जिन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित करके के लक्ष्य पर जोर दिया और कई महत्वपूर्ण कार्य भी किये।
जानिए कौन हैं पर्यावरण में योगदान देने वाली 5 भारतीय महिलाएं
1. मेधा पाटकर
मेधा पाटकर पर्यावरण के लिए कम करने वाली महिला और सोशल वर्कर के तौर पर जानी जाती हैं। वे एनवायरनमेंटल जस्टिस और उसके विकास के लिए मुख्य रूप से जानी जाती हैं। उन्होंने नर्मदा नदी के ऊपर बहुत बढ़े बांधों को बनाये जाने के खिलाफ आवाज उठाई और नर्मदा बचाओ आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है।
2. वंदना शिवा
वंदना शिव को एनवायरमेंटल एक्टिविस्ट और इको-फेमिनिस्ट के तौर पर जाना जाता है। वे बहुत समय से भारत में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और बायोडाइवर्सिटी पर काम कर रही हैं। उन्होंने देश में पारम्परिक खेती को बढ़ावा देने के लिए और इंडियन शीड्स को कॉर्पोरेट कण्ट्रोल से बचाने के लिए नवदान्य नाम नेटवर्क की स्थापना की जो भारत में जैविक बीज रखने का काम करता है।
3. सालू मरदाथिमक्का
शालू मरदाथिमक्का भारत के कर्नाटक स्टेट से आती हैं। एनवायरनमेंट के लिए उनके द्वारा किये गये काम की वजह से उन्हें जाना जाता है। वे एक पर्यावरणविद के तौर पर जानी जाती हैं। उन्होंने कई हाईवेज के किनारे बरगद के पेड़ लगाये और उनकी देखभाल भी की। उनके द्वारा पर्यावरण के काम और पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम ने ही उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई।
4. सुनीता नारायण
सुनीता नारायण एक एनवायरमेंटलिस्ट के तौर पर जानी जाती हैं वे साइंस और एनवायरनमेंट सेंटर की डायरेक्टर- जेनेरल हैं। यह सेंटर भारत के पर्यावरण रिसर्च और बचाव के लिए काम करती है। सुनीता नारायण प्रमुख रूप से एयर पॉल्यूशन, क्लाइमेट चेंज और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के तौर पर पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती आ रही हैं। उसके कामों का भारत के पर्यावरण पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव भी पड़ा है।
5. कांदोनी सोरेन
कांदोनी सोरेन भारत के झारखण्ड स्टेट के जमशेदपुर डिस्ट्रिक्ट से आती हैं। वे एक आदिवाशी महिला हैं जो कि जंगलों की रक्षा करने के लिए जानी जाती हैं। उन्हें जंगल की शेरनी के नाम से भी जाना जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने एक टीम बनाई है जो कि एक बहुत बड़े क्षेत्र में फैले जंगल की सुरक्षा करती हैं। वे अपनी जान की परवाह किये बिना जंगलों की रक्षा करती हैं।