Draupadi Murmu: द्रौपदी मुर्मू देश की वर्तमान और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रिपति हैं। वे ओड़िशा के संथाल आदिवासी जनजाति की हैं। उन्होंने आदिवासी समाज में महिलाओं के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। साल 2015 से 2021 तक वे झारखण्ड राज्य की राज्यपाल के रूप में कार्यरत थीं। वे झारखण्ड की राज्यपाल बनने वाली पहली महिला के तौर पर भी जानी जाती हैं। द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन का लक्ष्य आदिवासी समाज की महिलाओं को मजबूत बनाना और उन्हें बेहतर जीवन देना रहा है। वे साल 2022 में भारत की राष्ट्रपति बनीं।
जानिए राष्ट्रपति (Present President Of India) द्रौपदी मुर्मू के बारे में 10 महत्पूर्ण बातें
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द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा, भारत में हुआ था। उनका जन्म स्थान ओडिशा के मयूरभंज जिले में रायरंगपुर है। वे एक आदिवाशी फैमिली से बिलोंग करती हैं।
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मुर्मू संथाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, यह भारत के सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक है। वे आदिवासी समुदायों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
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दौपदी मुर्मू ने रमा देवी महिला विश्वविद्यालय भुवनेशवर से अपना ग्रेजुएशन किया था। वे अपने गाँव से बाहर जाकर पढ़ने वाली पहली लडकी थीं।
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द्रौपदी मुर्मू के पिता उड़ीसा में मंत्री थे। उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था। उनके 2 बेटे और 1 बेटी थी जिनमे से एक एक्सीडेंट में उनके दोनों बेटों की डेथ हो गई उनकी बेटी इतिश्री अभी बैंक में कार्यरत है। द्रौपदी मुर्मू के पति का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया था।
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द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय राजनीतिज्ञ और झारखंड की वर्तमान राज्यपाल हैं। उन्होंने 18 मई, 2015 को पद ग्रहण किया, राज्य में पद संभालने वाली पहली महिला बनीं। झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले, द्रौपदी मुर्मू भारतीय संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा में संसद सदस्य (सांसद) थीं। उन्होंने 2010 से 2015 तक सांसद के रूप में कार्य किया।
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द्रौपदी मुर्मू राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में। उन्होंने पार्टी के भीतर विभिन्न पदों पर काम किया है और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए काम किया है।
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मुर्मू ने महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के उद्देश्य से सक्रिय रूप से पहल का समर्थन किया है। वह महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के लिए एक मजबूत वकील रही हैं, खासकर आदिवासी समुदायों से संबंधित हैं।
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झारखंड के राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू की नियुक्ति भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण और जनजातीय प्रतिनिधित्व के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी। उनके नेतृत्व और हिमायत ने राज्य में वंचित समुदायों की जरूरतों और चिंताओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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दौपदी मुर्मू आदिवाशी समुदाय से आने वाली पहली भारतीय महिला राष्ट्रपति हैं। वे 25 जुलाई 2022 को भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं। वे भारत देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
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दौपदी मुर्मू को ओड़िशा सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक से पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे उन्हें साल 2007 में नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।