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Do You Have PCOD? लाइफस्टाइल में बदलाव दिला सकता है आपको पीसीओडी की समस्या से छुटकारा

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Swati Bundela
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Do You Have PCOD? पीसीओडी (पॉलीसाइटिक ओवेरियन डिजीज) एक ऐसी कंडीशन है जिसमें महिला की ओवरी में बड़ी संख्या में इम्मैच्योर या पर्शिअली मैच्योर एग प्रोडयुस करते हैं और समय के साथ ये ओवरीज़ में सिस्ट बन जाते हैं। इसके कारण ओवरीज़ बड़े हो जाते हैं और बड़ी मात्रा में मेल हॉर्मोन (एण्ड्रोजन) का सिक्रेशन करते हैं, जिससे बांझपन, इर्रेगुलर पीरियड्स, बालों का झड़ना और वज़न बढ़ने लगता है। पीसीओडी को खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कण्ट्रोल किया जा सकता है। 

पीसीओडी समस्या के कॉमन सिम्पटम्स

कुछ महिलाओं को अपने पहले पीरियड के समय के आसपास सिम्पटम्स दिखाई देने लगते हैं, कुछ महिलाओं को तभी पता चलता है जब उनका वजन बहुत बढ़ गया हो या प्रेग्नेंट होने में परेशानी हो। आइये जानते हैं महिलाओं में पीसीओडी के सबसे आम लक्षण:
1. इर्रेगुलर मेंस्ट्रुएशन (ओलिगोमेनोरिया)
2. पीरियड मिस होना या बंद हो जाना (अमेनोरिया)
3. हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग (मेनोरेजिया)
4. बहुत ज़्यादा हेयर ग्रोथ (चेहरा, शरीर - पीठ, पेट और छाती)
5. मुँहासे (चेहरा, छाती, और ऊपरी पीठ)
6. वज़न बढ़ना
7. बालों का झड़ना
8. स्किन का काला पड़ना (गर्दन, कमर में और ब्रेस्ट्स के नीचे)

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Do You Have PCOD? पीसीओडी के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपचार

पीसीओडी मुख्य रूप से महिलाओं में शरीर के हार्मोन बैलेंस को अफ़ेक्ट करता है। लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने से महिलाओं के शरीर में एण्ड्रोजन लेवल को कम करने में मदद मिलेगी।


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हेल्दी बॉडी वेट मेनटेन करना


बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 18.5 - 24.9 के बीच महिलाओं के लिए आइडियल और हेल्दी माना जाता है, 30 से ऊपर को मोटे और स्वस्थ नहीं माना जाता है। हेल्दी वेट बनाए रखने या वजन घटाने से पूरे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिज़िज़, डाइबिटीज़ के रिस्क को कम करने, इंसुलिन लेवल और एण्ड्रोजन लेवल बनाए रखने में मदद मिलती है जो मेंस्ट्रुएशन में ओव्यूलेशन को भी रिस्टोर करते हैं। हैल्दी बीएमआई तक पहुंचने के लिए वज़न घटाने के लिए डाइटीशियन से सलाह लें।

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बैलेंस्ड कार्बोहाइड्रेट खाना


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अगर आप को पीसीओडी है तो कम कार्बोहाइड्रेट्स वाला खाना या काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट डाइट फॉलो करें जो इंसुलिन के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। मछली, मांस, अंडे, ज़मीन के ऊपर उगने वाली सब्ज़ियां और नेचुरल फैट (जैसे सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, तिल और मक्खन) खाएं और चीनी और स्टार्ची फ़ूड (जैसे आलू, ब्रेड, चावल, पास्ता और बीन्स) खाने से बचें।


कॉफी अवॉयड करें

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कैफीन लेना एस्ट्रोजन लेवल और हार्मोनल बेहेवियर में बदलाव से जोड़ा जा सकता है। एक हर्बल चाय जैसे डीकैफ़िनेटेड ऑप्शन के साथ अपनी एनर्जी बढ़ाने की कोशिश करें। और अगर आप कैफीन को बढ़ावा दिए बिना नहीं रह सकते हैं, तो इसके बजाय ग्रीन टी ट्राई करें। ग्रीन टी को इंसुलिन रेज़िस्टेंस में सुधार करने के लिए अच्छा माना जाता है। यह पीसीओडी वाली महिलाओं में वेट मैंटेन में भी मदद कर सकता है।


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सोया प्रोडक्ट्स के बारे में ज़रूर सोचें


अपनी डाइट में ज़्यादा सोया शामिल से पहले, अपने डॉक्टर से पूछें। सोया आपके शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम करता है। अगर आपको पीसीओडी है तो यह हॉर्मोन को बैलेंस करने में मदद कर सकता है। लेकिन यह भी पाया गया है कि सोया को अपनी डाइट में शामिल करने से आपका एंडोक्राइन सिस्टम डिसरप्ट हो सकता है। अगर आपका डॉक्टर आपकी डाइट में सोया को शामिल करने की परमिशन देता है, तो सोया दूध, टोफू, मिसो और टेम्पेह के बारे में ज़रूर सोचें।

अगर आपको पीसीओडी है तो रेगुलर एक्सरसाइज़ करें और एक्टिव रहने से ब्लड शुगर लेवल्स को कण्ट्रोल करने में मदद मिलेगी और आपका वज़न भी कण्ट्रोल में रहेगा।

 


सेहत
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