Exercises For Normal Delivery: नॉर्मल डिलीवरी के लिए महिलाओं को रोजाना करनी चाहिए ये 5 एक्सरसाइज

author-image
Swati Bundela
New Update


Pregnancy Exercises For Normal Delivery:  प्रेग्नेंसी, हर महिला के लिए बहुत ही अनमोल पल होता है। जीवन बनाने में सक्षम होना महिलाओं को दिए जाने वाले सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक है। प्रेग्नेंसी के नौ महीने महिलाओं के लिए बेहद मुश्किल और कठिन दिन होते हैं लेकिन बच्चे के आने के बाद वो सभी चुनौती भरे दिनों का इनाम मिल जाता है। बच्चे को जन्म देना बेहद दर्दनाक होता है। लेबर पेन यूटरस की मसल्स की कॉन्ट्रैक्शन, सर्विक्स और ब्लैडर पर दबाव, बर्थ कैनाल और पेट में खिंचाव के कारण होता है।


सी सेक्शन डिलीवरी के साइड इफेक्ट क्या हैं?

Advertisment

आज कल नॉर्मल डिलीवरी से ज्यादा महिलाओं की सी सेक्शन डिलीवरी होती है। इसका कारण है क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी में, सी सेक्शन डिलीवरी से ज्यादा दर्द होती है। लेकिन सी सेक्शन के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं जो उमर भर तक रहते हैं। अगर सी सेक्शन में एनेस्थीसिया सही से नहीं लगा तो महिला को ब्लैडर पर कंट्रोल खोना, पीठ दर्द, त्वचा में खुजली और नस डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही सी सेक्शन डिलीवरी के बाद के स्कार्स कई महिलाओं को एक समय के बाद परेशान कर सकते हैं। आज यहां कम दर्द की नॉर्मल डिलीवरी के लिए कुछ आसान एक्सरसाइज बताई जा रही हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए करें ये 5 एक्सरसाइज: Pregnancy Exercises For Normal Delivery

एक्सरसाइज शुरू करने से पहले हमेशा 5-6 मिनट का वार्मअप करना चाहिए। वॉर्मअप के लिए आप हेड टिल्ट कर सकते हैं। हेड टिल्ट, दाएं से बाएं,  ऊपर और नीचे, क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज कर सकते हैं। एक्सरसाइज करते  समय हमेशा किसी न किसी को अपने पास रखें ताकि आपको कोई भी दिक्कत आते ही वह व्यक्ति आपको संभाल सके।

1. वॉल स्लाइड यां वॉल स्क्वाट

Advertisment

सबसे पहली एक्सरसाइज है वॉल स्लाइड। वॉल स्लाइड पीठ दर्द से राहत देता है, बॉडी का बैलेंस बढ़ता है। इसके साथ ही यह आपके पेल्विक आउटलेट को आराम देने में मदद करता है और बच्चे को नीचे उतरने के लिए अधिक जगह देता है।

इस एक्सरसाइज को करने के लिए दीवार से पीठ जोड़ कर खड़े हो जाएं। ध्यान रखे की आपके शोल्डर, आर्म और हिप भी दीवार से जुड़े हों। इसके बाद धीरे धीरे अपने घुटनों को मोड़कर नीचे की तरफ स्लाइड करें। आप एक सिटिंग पोजिशन में आ जाएंगे, इसमें कुछ सेकंड के लिए रुके और फिर धीरे धीरे सीधा हो जाएं।

2. हिप उठाना

हिप उठाने की एक्सरसाइज आपकी पीठ को मजबूत करेगी और दर्द को कम करती है। इसके साथ ही यह आपको लेबर में बैक पेन और पेट के निचले हिस्से में दर्द को कम करता है। इसके लिए आप योग मत पर लेट जाएं। इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ लें और अपने हाथों को सीधा मैट पर रहने दें। धीरे धीरे अपने हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं, आपके हाथ, सिर और पैरों का निचला हिस्सा मैट पर होना चाहिए। इस पोजीशन में कुछ सेकंड के लिए रुके और फिर दुबारा धीरे धीरे नीचे आ जाएं।

3. डाउनवार्ड डॉग

Advertisment

डाउनवॉर्ड डॉग एक्सरसाइज को कई लोग करने से मना करते हैं लेकिन यह प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। यह तनाव, चिंता और यहां तक कि दर्द को भी कम करता है। इसके साथ ही यह महिलाओं को दर्दनाक लेबर पेन को भी कम करने में मदद करता है।

इसके लिए महिलाओं को एक पार्टनर की जरूरत होगी ताकि ये एक्सरसाइज करते समय कोई दिक्कत न आए। इसके लिए सबसे पहले, नीचे घुटने मोड़ कर बैठें और हाथों को आगे मैट पर रखें। उसके बाद अपनी टांगो को उठाए और अपने हिप को हवा में रखें। ध्यान रखें की आपके पैर और हाथ जमीन को छुने चाहिए। इसके बाद दुबारा टांगों को मोड़ते हुए पहले वाली पोजीशन में आ जाएं। 

4. पेल्विक टिल्ट

पेल्विक टिल्ट के लिए आप घुटने मोड़ कर बैठें, उसके बाद अपनी अपर बॉडी को आगे की तरफ लाएं और मैट पर हथेली फ्लैट रखें। इससे बॉडी में एक कर्व शेप बन जाएगी। अपने सिर और पीठ को नीचे की और मोड़ें ताकि रीढ़ गोल दिखे। इससे आपके पेल्विक आउटलेट को आराम मिलता है और दर्द कम होती है।

5. ओपनिंग हिप्स

Advertisment

इससे आपकी लोअर बॉडी स्ट्रॉन्ग होती है और यह आपकी मांसपेशियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त लाने में मदद करता है, आपको अधिक ऊर्जा देता है और टॉक्सिंस और लैक्टिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है, इसलिए आपको कम मसल्स में दर्द का अनुभव होगा। इसके लिए सीधा खड़े हो जाएं एंड आपके पैरों को शोल्डर की चौड़ाई तक खोलें। उसके बाद धीरे धीरे अपनी बॉडी को नीचे ले जाएं। आप एक स्क्वाट की पोजिशन में आ जाएंगे। इसके बाद लंबी लंबी सांस लें और फिर दुबार धीरे धीरे खड़े हो जाएं। 






Disclaimer: यह सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।









सेहत पेरेंटिंग