Stay Positive: पॉजिटिव थिंकिंग का मतलब यह नहीं है की आपको जो चीज़ें पसंद नहीं है उन चीज़ों को ज़्यादा पॉजिटिव और प्रोडक्टिव तरीके से देखें। आपको यह सोच रखनी चाहिए की जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। अगर आपके दिमाग में चलने वाले विचार ज़्यादातर नेगेटिव हैं, तो ज़िंदगी की तरफ़ आपका आउटलुक भी नेगेटिव होगा। अगर आपके विचार ज़्यादातर पॉजिटिव होंगे, तो आप शायद एक ऑपटिमिस्ट हैं - कोई ऐसा इंसान जो पॉजिटिव थिंकिंग की प्रैक्टिस करता है।
How To Stay Positive? पॉजिटिव रहने के आसान तरीके
1. एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें
हफ़्ते के 6 दिनों में लगभग 30 मिनट एक्सेर्साइज़ करने का टारगेट रखें। आप इसे दिन के दौरान 10-10 मिनट में डिवाइड करके भी कर सकते हैं। एक्सेर्साइज़ मूड को पॉजिटिव तरिके से अफेक्ट करती है और स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। अपने दिमाग और शरीर को फ्यूल देने के लिए हेल्दी डाइट फॉलो करें और स्ट्रेस को रेज़िस्ट करने की कोशिश करें।
2. अपने आसपास पॉजिटिव लोगों को रखें
इस बात का ध्यान रखें की आपकी ज़िंदगी में पॉजिटिव, सप्पोर्टिव लोगों का होना बहुत जरुरी है। जिन पर आप पॉजिटिव अड्वाइज़ और फीडबैक के लिए डिपेंडेंट हो सकते हैं। नेगेटिव लोग आपके स्ट्रेस को बढ़ा सकते हैं और आपके हेल्दी तरीके से स्ट्रेस दूर करने की क्षमता पर सवाल उठा सकते हैं।
3. सोल्युशन पर ध्यान दें
किसी सिचुएशन के बारे में ज्यादा नेगेटिव महसूस किये बिना उस सिचुएशन से बहार आने के बारे में सोचें। हर सिचुएशन में हमेशा पॉजिटिव चीज़ें ढूंढ़ने की कोशिश करे। सिचुएशन से बहार आने के लिए छोटे छोटे स्टेप्स लें और किसी की मदद जरूर लें, खासकर उनकी जिन्हे उस सिचुएशन का एक्सपीरियंस हो। इससे आपकी एनर्जी बूस्ट होगी और आपके अंदर पॉजिटिविटी आएगी।
4. आइडियल चीज़ों से ज़्यादा इम्प्रेस न हों
एक नॉर्मल गलती जो लोग अपने एटीट्यूड में लाते हैं वो यह है की लोग हर चीज़ हासिल करना चाहते हैं। हमारे जीवन में एक न एक समय आता है जहाँ हम कहते हैं काश मेरे पास यह होत। और उस चीज़ को पाने के लिए हम जरुरत से ज्यादा बड़े टारगेट सेट कर लेते हैं। जो उन्हें पॉज़िटिव होने से रोकता है। एटीट्यूड में बदलाव धीरे-धीरे आता है। अपने लिए कभी भी इम्पॉसिबल टारगेट सेट नहीं करना चाहिए। टारगेट वही सेट करें जो प्रैक्टिकल हो।
5. कभी गिव-अप न करें
कितनी भी मुश्किल आ जाये लेकिन अपने अंदर हार मानकर कोशिश छोड़ देने वाला एटीट्यूड निकाल दें। खुद को काम करने के लिए, गिव-अप न करने के लिए पुश करें। इसके साथ ही मैडिटेशन की भी प्रैक्टिस करें।