Deal With Stress At Work: महिलाओं को अपने वर्कप्लेस पर बहुत स्ट्रैस हो जाता है क्योंकि सोशल नॉर्म्स की वजह से उन्हें पुरुषों के कम्पेरिज़न में काम के साथ-साथ, अपने घरों को मैनेज भी करना होता है। ज़िंदगी में ऐसी कई चीज़ें हैं जिन्हें हम कण्ट्रोल नहीं कर सकते। हालाँकि थोड़ा स्ट्रैस होना नॉर्मल है। मॉडरेट स्ट्रैस थोड़ा स्टिम्युलेटिंग हो सकता है और बहुत ज़्यादा स्ट्रेस हमारी प्रोडक्टिविटी को कम कर सकता है और आपके फिज़िकल और इमोशनल हेल्थ को अफेक्ट कर सकता है।
1. प्रॉपर एक्सेर्साइज़ करें
रेगुलर एक्सेर्साइज़ करने से न सिर्फ़ हम फिज़िकली फिट रहते हैं बल्कि इससे हमारी मेन्टल हैल्थ पर भी असर पड़ता है। एक्सेर्साइज़ करने से एंडोर्फिन रिलीज होता है। ये ब्रेन में मौजूद केमिकल होते हैं जो नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करते हैं। इससे नींद अच्छी आती है और स्ट्रैस लेवल कम होता है।
2. कॉफ़ी कम पिएं
कॉफ़ी में कैफीन होता है जो स्ट्रैस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ा सकता है। यह एडिक्टिव भी हो सकता है। दिमाग को शांत करने के लिए कॉफ़ी कम पिएं। इसी के साथ स्मोकिंग भी न करें और अपने ऑफ़िस टेबल पर फ्रेश फ्रूट्स या ड्राई फ्रूट्स रख सकते हैं।
3. मल्टीटास्किंग न करें
मल्टीटास्किंग को ज़्यादा प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए बैस्ट ऑप्शन माना जाता है। हालांकि, बाद में लोगो को यह अहसास होने लगता है की ऐसा करने से उनके काम करने की स्पीड और एक्यूरेसी कम हो रही है। मल्टीटास्किंग आपके लिए बहुत हेक्टिक हो जाती है और आपका स्ट्रेस भी बढ़ जाता है, इसीलिए मल्टीटास्किंग अवॉयड करना ही सेफ रहेगा।
4. अपना मनपसंद म्यूज़िक सुनें
म्यूज़िक सुनने से हमें बहुत फ़ायदा मिलता है और काम से पहले, काम के दौरान और बाद में स्ट्रैस दूर करने के लिए बैस्ट तरीका माना जाता है। ऑफ़िस से घर जाते समय म्यूज़िक सुनते हुए जाएं। आप इसे ज़रूर एन्जॉय करेंगे और आपका स्ट्रैस भी कम होगा। आप खुशनुमा फ़ील करेंगे और आपके रिश्तों में मिठास आएगी।
5. प्रॉपर आराम करें
जब आप अच्छी तरह से आराम करेंगे तो आपका स्ट्रैस लेवल कम हो जाएगा और आप अपनी नौकरी की चुनौतियों को ज़्यादा संयम के साथ हैंडल कर पाएंगे। अपनी बॉडी को कम से कम सात से नौ घंटे की नींद दें। हम में से ज़्यादातर लोग "पुश, पुश, पुश" वाली अप्रोच के साथ दिन गुज़ारते हैं। हम यह सोचते हैं कि अगर हम पूरे 8 से 10 घंटे काम करते हैं, तो हम ज़्यादा काम कर सकेंगे लेकिन इसकी वजह से हमारी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है और स्ट्रैस लेवल बढ़ जाता है। और आप अपनी फ़ैमिली को टाइम नहीं दे पाते।