Periods and Pregnancy: अगर आप प्रेग्नेंसी के लिए अपने पीरियड साइकिल को कैलकुलेट कर रही हैं, तो इससे आपको ये जानने में बहुत मदद मिलेगी कि महीने के किन दिनों में आपके प्रेग्नेंट होना सबसे आसान है। प्रेग्नेंसी को लेकर मिथक है कि माहवारी के दौरान महिलाएं सेक्स नहीं कर सकती। हालांकि पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंट होने की संभावना बहुत कम होती है लेकिन यह बिल्कुल शून्य नहीं होती। जानिए क्या संबंध है ओवुलेशन और प्रेग्नेंसी के बीच में।
ओवुलेशन और प्रेग्नेंसी का संबंध
आपके मासिक धर्म चक्र में ऐसा समय होता हैं जब आप सबसे फरटाइल होते हैं, और तब प्रेग्नेंट होने की सबसे अधिक संभावना होती है। आमतौर पर महिलाओं का पीरियड साइकिल 29 या 28 दिनों का होता है जबकि कुछ महिलाओं का में 20 या 40 दिनों या इससे ज्यादा दिनों का भी हो सकता है। एक महिला ओव्यूलेशन के समय सबसे अधिक फर्टाइल होती हैं।
जब आपके अंडाशय से एक अंडा निकलता है), जो आमतौर पर आपके अगली पीरियड्स शुरू होने से 12 से 14 दिन पहले होता है। जब आप ओव्यूलेट करने से 1 या 2 दिन पहले सेक्स करती हैं तो आपके गर्भवती होने की संभावना सबसे अच्छी होती है लेकिन ओवुलेशन चक्र के दौरान महिलाओं के प्रेगनेंट होने की संभावना बढ़ और घट सकती है।
यह महीने का वह समय होता है जब आपके प्रेग्नेंट होने की सबसे अधिक संभावना होती है। पीरियड्स के शुरुवाती दिनों में प्रेग्नेंट होने की संभावना बाकी के दिनों से थोड़ी कम होती है लेकिन जैसे जैसे आपके पीरियड्स ख़तम होने को आयेंगे उस समय आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ती जाएगी। वैसे तो पीरियड्स के ठीक बाद प्रेग्नेंट होने की संभावना वैसे तो बहुत कम होती है, लेकिन कभी-कभी ऐसा हो सकता है। क्योंंकि कभी-कभी स्पर्म आपके शरीर में सेक्स करने के बाद 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।
एक महिला हमेशा ओवुलेशन के समय है कंसीव करती है ऐसा कहा जाता है लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि ओवुलेशन के अलावा बाकी के दिनों में प्रेग्नेंसी की संभावना कम जरूर होती है लेकिन शून्य नहीं होती है। सेक्स के ठीक बाद कुछ देर के लिए बिस्तर पर लेटे रहे ताकि स्पर्म को अंडे तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो।
हेल्दी डाइट और व्यायाम
प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स के साथ अपनी हैल्थ पर भी ध्यान दीजिए। अगर आपका वजन बहुत कम और ज्यादा होता है तो उससे आपके ओवुलेशन पर प्रभाव पड़ेगा और प्रमुख हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करता है। हमेशा अपने शरीर को फिट रखने की कोशिश कीजिए जिसके लिए आपका बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से 29.5 के बीच में होना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं, गुस्से में रहते हैं इससे आपके हार्मोन्स पर असर पड़ता है इसलिए स्ट्रेस को कम करने के लिए व्यायाम, योग और ध्यान लगाना चाहिए।
आज के दौर में हर व्यक्ति को किसी ना किसी प्रकार की बीमारियां से जूझना पड़ता है जैसे अस्थमा, डायबिटीज, आदि। इसलिए हमेशा इन्हे नियंत्रण में रखने की कोशिश कीजिए, परहेज कीजिए ताकि आपको ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े क्योंंकि यह बीमारियां प्रेग्नेंट होने की संभावना को कम कर सकता है और अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो यह बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।