महिलाओं एब्यूसिव विवाह में क्यों रहती हैं?
कम उम्र से ही महिलाओं को उनकी शादी के लिए तैयार किया जाता है। जब लड़कियां टीनऐज में होती हैं, तो उनसे घरेलू कामों जैसे बर्तन धोना, खाना बनाना आदि सिखाया जाता है ताकि वे अपने भविष्य के ससुराल वालों को खुश कर सकें। यह उन्हें यह बताने की दिशा में पहला कदम है कि विवाह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और विवाह करना बहुत जरूरी है।
बॉलीवुड फिल्मों में शादी को हर प्रेम कहानी का अंतिम लक्ष्य बताया जाता है। इसी के साथ लगभग सभी डेली सोप उन महिलाओं पर होते हैं जो शादीशुदा हैं और उनके शादीशुदा जीवन के ऊपर बनाया गया होता है। महिलाओं को बचपन से ही सिखाया जाता है कि शादी उनके जीवन का इनटीग्रल पार्ट है। जानिए कुछ चीजें जिसकी वजह से कई महिलाएं एब्यूसिव विवाह से बाहर नहीं आ पातीं है।
4 चीजें जिनकी वजह से महिलाएं एब्यूसिव विवाह में रहती हैं
1. एक थप्पड़ ही तो मारा है
आज भी न जाने कितनी महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। घरेलू हिंसा एक दंडनीय अपराध है लेकिन घरेलू हिंसा के खिलाफ कोई आवाज़ न उठाना उसे भी बड़ा जुर्म है। बचपन से लड़कियों को एडजस्ट करना, पति की बात मानना सिखाया जाता है। पर क्या एक शादी में औरत का अपना वजूद खो देना, सही है, क्या यह कोई बड़ी बात नहीं है? जब एक लड़की अपनी मां यां किसी बुजुर्ग महिला को उसके साथ होती हिंसा के बारे में बताती है तो सब उस लड़की का साथ देने के बदले उसे है समझते हैं “एक ही तो थप्पड़ है, एडजस्ट करलो गुस्से में मार दिया होगा, ऐसी छोटी छोटी लड़ाई तो होती रहती हैं। दरअसल, असली समस्या इन छोटे सिग्नल और रेड फ्लैग को नजरंदाज करना होता है।
2. औरत की इज्जत तब तक होती है जब तक उसका पति साथ होता है
हमारे समाज में महिलाओं को एक पुरुष की तुलना में कभी भी सामान्य नहीं समझा जाता। एक लड़की को अपने जीवन में अनेक परेशानियों, समस्याओं, तानो, का सामना करना पड़ता है। लड़कियों को घर की इज्जत, माता पिता का गुरूर फिर क्यों आज तक एक लड़की को लड़को के काबिल नहीं समझा गया। क्यों आज भी कहा जाता है, एक औरत की इज्जत तब तक होती है जब तक उसका पति साथ होता है, जिसका पति उसके साथ नहीं होता उसे समझ में कोई इज्जत नहीं मिलती। क्या एक लड़की का कोई काबिलियत, वजूद और आत्मसम्मान नहीं होता? इसलिए अपनी बेटियों को ये कहना बंद कीजिए कि पति के बिना एक लड़की कुछ नहीं होती।
3. अब वही तुम्हारा घर है, एडजस्ट करना सीखो
जब एक लड़की की शादी होने वाली होती है उसे उसकी मां बहुत सी बातों के बारे में बताती है। जिसमे से एक होती है शादी के बाद थोड़ा बहुत एडजस्ट करना, क्योंंकि अब वही तुम्हारा घर होगा। किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो उन लोगों से बात करना और थोड़ा एडजस्ट करना समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। क्यों एक लड़की को झुकने की राय दी जाती है, क्यों माता पिता भुल जाते हैं कि उन्होंने अपनी बेटी को झुकने के लिए जन्म नहीं दिया था। कहते हैं कि घर वहीं होता है जहां दिल होता है और जहां दिल नहीं वो घर नहीं होता। तो फिर एक एब्यूसिव ससुराल कैसे एक लड़की का घर हो सकता है।
4. तलाक तुम्हारे माता पिता का सिर शर्म से झुका देगा
तलाकशुदा महिलाओं को अक्सर नीचा दिखाया जाता है। उसे तरह तरह कि बाते सुनाई जाती हैं। तलाकशुदा महिलाओं को भारतीय समाज में अक्सर उनकी असफल शादी के लिए दोषी ठहराया जाता है। शादी से पहले ही माता पिता अपनी बेटियों को कहते हैं कि चाहे कुछ हो जाए अपने मां बाप का सिर झुकने मत देना। सिर झुकने को अक्सर तलाक से जोड़ा जाता है। एक लड़की अपने माता पिता के लिए सब कुछ कर सकती है और इसी के कारण वो एक ऐसे विवाह में रहने को तैयार होती है जहां उसकी कोई कदर न हो, उसके साथ रोज़ हिंसा होती हो। महिलाएं समाज के इस कलंक और दबाव के कारण अपने दुखी विवाह को छोड़ नहीं पाती हैं।