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जानिए इन मशहूर Indian Women Environmentalists के बारे में

आज ढेरों समस्याएं हैं जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं। इंसान को पर्यावरण का ध्यान रखना आवश्यक है नहीं तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा। पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पर्यावरण को लेकर बहुत जागरुक हैं और उसके बारे में जागरूकता फैलाते हैं।

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Shruti
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(Image Credit - Pinterest)

Know About These Famous Indian Woman Environmentalists: दुनिया के फ्लोरा एंड फौना कुछ सबसे बड़े खजानो में से एक हैं। परंतु आज ढेरों समस्याएं हैं जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं। बदलते हुए जमाने के साथ इंसान को पर्यावरण का भी ध्यान रखना आवश्यक है, नहीं तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं। पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पर्यावरण को लेकर बहुत जागरुक हैं और उसके बारे में जागरूकता फैलाते हैं। ऐसे एक्टिविस्ट अपनी जिंदगी का यह मिशन बना लेते हैं कि वह इस प्रकृति के लिए आवाज़ उठाएं और इसकी रक्षा करें। जानिए ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने अपनी जिंदगी एनवायरमेंटलिस्ट के तौर पर डेडिकेट कर दी

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जानिए इन मशहूर इंडियन वूमेन एनवायरमेंटलिस्ट के बारे में

1. वंदना शिवा

वंदना शिवा का जन्म देहरादून में हुआ था और वह भारत की सबसे ज्यादा चहिता फीमेल एनवायरमेंटलिस्ट में आती हैं। वह इफेक्ट्स ऑफ़ ग्लोबलाइजेशन ऑन इंडियन फूड सप्लाईज पर काफ़ी सालों से काम कर रही हैं। इसी के साथ-साथ डॉक्टर वंदना शिवा एंटी ग्लोबलाइजेशन मूवमेंट के भी फोरफ्रंट में हैं। उन्होंने 1991 में डायवर्सिटी को बचाने के लिए एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था जिसका नाम उन्होंने रखा नवदानय।

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2. मेधा पाटकर

मेधा पाटकर एक भारतीय सोशल एक्टिविस्ट हैं। ये दलित्स, फार्मर्स, ट्राईबल्स और जो औरतें भारत में इंजस्टिस फेस कर रही हैं उनके राइट्स के लिए लड़ी हैं। उनके एक्टिविज्म के दौरान उन्होंने कुछ पॉलिसीज बनाई ताकि लैंड एक्विजिशन, अनऔर्गनाइज्ड पब्लिक सेक्टर वर्कर्स और दूसरे सेक्शन ऑफ़ सोसाइटी से लड़ा जा सके। उनका एक्टिविज्म 1960 और 1970 के टाइम में रहा। मेधा पाटकर ने नर्मदा बचाओ आंदोलन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी लॉन्च किया। जब सरदार सरोवर डैम को नर्मदा रिवर पर बनाने का अप्रूवल मिल गया था। इसी के साथ साल 1996 में मेधा ने नेशनल एलायंस ऑफ़ पीपल्स मूवमेंट की भी खोज की। 

3. सुनीता नारायण

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सुनीता नारायण भारत की मोस्ट प्रॉमिनेंट एनवायरमेंटल एक्टिविस्ट में से एक हैं। वह भारत के एनवायरनमेंट के बारे में 1980 के समय से जागरूकता फैला रही हैं। वह डायरेक्टर जनरल हैं सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की और एडिटर हैं फोर्टनाइटली मैगजीन की। इसी के साथ-साथ वह टाइगर टास्क फोर्स को चेयर कर चुकी हैं। उनके काम और डेडीकेशन के लिए सुनीता नारायण को बहुत सारे अवार्ड भी मिले हैं जिसमें से पद्मा श्री भी है। जो कि उन्हें भारत सरकार की तरफ से मिला था। इसी के साथ-साथ उन्हें वर्ल्ड वाटर प्राइज, रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम करने के लिए मिला था। 

4. सालूमराडा थिमक्का

सालूमराडा थिमक्का एक बहुत ही फेमस इंडियन एनवायरमेंटलिस्ट हैं। यह हुदुर नाम के एक छोटे से गांव से आती हैं। जो कि कर्नाटक में स्थित है। थिमक्का जानी जाती हैं बनियान वृक्ष को प्लांट करके उन्हें नर्चर करने के लिए। थिमक्का ने 384 बनियान वृक्ष एक बैरन हाईवे पर प्लांट किए थे। जो कि हुलीकल से कुदुर तक जाता है। जिसकी लंबाई है 4 किलोमीटर। वह कहती हैं कि क्योंकि उनके खुद के बच्चे नहीं हैं वह इन पेड़ों का अपने बच्चों की तरह ही ध्यान रखती हैं। थिमक्का को नेशनल सिटीजंस अवार्ड ऑफ़ इंडिया से भी सम्मानित किया गया है।

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5. सुगाथा कुमारी

सुगाथा कुमारी एक फेमस भारतीय फीमेल कंजर्वेशनिस्ट और एनवायरमेंटलिस्ट हैं। वह फाउंडर सेक्रेटरी हैं कंजर्वेशनिस्ट एन जी ओ प्रकृति संरक्षण समिति की। एक कमिटेड कंजर्वेशनिस्ट सुगाथा कुमारी को सेव साइलेंट वैली को लीड करने के बाद पापुलैरिटी मिली। उन्होंने देश के कुछ सबसे पुराने वनों को इंडस्ट्रियलाइजेसन से बचाने के लिए एक नेशनवाइड मूवमेंट स्टार्ट किया था।

इंडियन वूमेन एनवायरमेंटलिस्ट Indian Woman Environmentalists
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