5 Feminist Books You Must Read: फेमिनिस्ट बुक्स या महिला के सम्मान पर आधारित पुस्तकें विचारों में गहराई और समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से उन पांच पुस्तकों के बारे में जानते हैं, जो फेमिनिस्ट दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।
5 Feminist Books जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं
1. When I Hit You- Meena Kandasamy
ये किताब लेखिका मीना कंडासामी के ही जीवन की दास्तां है। ये कहानी है एक महिला लेखिका की जिसका जीवन शादी के बाद नरक हो जाता है। एक आदमी की कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो कर, लेखिका उससे शादी कर लेती है, लेकिन शादी के बाद उसका पति उसे मारता है, शक्क करता है और बलात्कार जैसे घिनौने अपराध को भी अंजाम देता है। इस किताब के आख़िर में लेखिका अपनी आवाज़ ख़ुद बनती है और शादी से बाहर जाती है। ये किताब आपको एक टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलने की मोटिवेशन देगी।
2. Seeing Like A Feminist- Nivedita Menon
"फेमिनिज़म उस अंतिम विजय के क्षण के बारे में नहीं है, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में धीरे परिवर्तन के बारे में है,..यह धीरे-धीरे आता है…" कुछ ऐसा संदेश है इस किताब का। मेनन की ये किताब परिवार, रिश्ते और शरीर के इर्द-गिर्द पितृसत्ता (patriarchy) को देखती है। ये किताब आपका फेमिनिज़म को देखने का नजरिया बदल सकती है।
3. Lifting The Veil- Ismat Chugtai
मशहूर फेमिनिस्ट लेखिका इस्मत चुगताई द्वारा लिखी ये किताब महिलाओं की सेक्शुएलिटी को दर्शाती है। इसमें एक महिला समाज की सीमाएं कैसे तोड़ें, अपनी आजादी को कैसे चुनें, बहुत हास्यप्रद तरीके से दिखाया गया है।
4. Why Loiter?- Shilpa Phadke, Sameera Khan, Shilpa Ranade
मुंबई, महिलाओं के लिए वैसे तो काफी सुरक्षित शहर माना जाता है, लेकिन, इस किताब के लेखिकाओं का नजरिया कुछ अलग है। मुंबई की भीड़-भाड़ से निकल कर क्या एक महिला कहीं भी, बिना किसी सवाल-जवाब के घूम सकती है? इस प्रश्न पर इस किताब में बहुत डीटेल से विचार किया गया है।
5. My Story- Kamala Das
भारत की मशहूर लेखिका कमला दास ने अपने जीवन को इस किताब में खोल कर रख दिया है। किस तरह उनको अपने पति से प्रेम नहीं मिल पाता और वो अपनी ही कल्पना में प्रेमियों की कहानियाँ बुनती हैं। ये किताब आपको एक महिला के जीवन की विडम्बना दिखाएगी, रूलाएगी भी और हंसाएगी भी।
ये पांच पुस्तकें न केवल नारीवादी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन्हें पढ़कर हम समाज में स्त्री के अधिकारों और उनकी समस्याओं को समझने में भी सक्षम होते सकते हैं। इन पुस्तकों को पढ़कर हम विश्वास कर सकते हैं कि हम एक सहनशील और समर्थ समाज की ओर आगे बढ़ सकते हैं।