Advertisment

Law And Her: 5 वर्कप्लेस के अधिकार जो महिलाओं को पता होने चाहिए

महिलाओं के साथ वर्कप्लेस में भी कईं तरह के घटनाएं आए दिन सुनने को मिलते रहते है और इसके खिलाफ सही से आवाज़ ना उठा पाने का एक कारण यह है की महिलाओं को कार्यस्थल पर अपने अधिकारों के बारे में पूरा ज्ञान है ही नहीं।

author-image
Ayushi Jha
New Update
Law and her

Law And Her: महिलाओं के साथ वर्कप्लेस में भी कईं तरह के घटनाएं आए दिन सुनने को मिलते रहते है और इसके खिलाफ सही से आवाज़ ना उठा पाने का एक कारण यह है की महिलाओं को कार्यस्थल पर अपने अधिकारों के बारे में पूरा ज्ञान है ही नहीं। इसी चीज़ों को बदलने का समय अब आ गया है। आइये इस ब्लॉग में पढ़े 5 वर्कप्लेस के अधिकार जो महिलाओं को पता होनी चाहिए। 

Advertisment

5 वर्कप्लेस के अधिकार जो महिलाओं को पता होनी चाहिए

(5 Workplace Rights That Women Should Know)

1. Right To Equal Remuneration 

Advertisment

एक लीगल और प्रॉपर वर्कप्लेस में हर एम्प्लोयी, चाहे पुरुष हो या स्त्री, को अपने सेम पोजीशन के हिसाब से सेम सैलरी, बोनस इत्यादि मिलनी चाहिए। जेंडर के बेसिस पर भेद भाव नहीं होना चाहिए रिक्रूटमेंट, प्रमोशन या ट्रेनिंग जैसे प्रक्रियाओं में। 

2. Right To Harassment Free Work Place 

वर्क प्लेस में किसी भी तरीके का हर्रास्मेंट, मेन्टल, फिजिकल या सेक्सुअल, नहीं होना चाहिए। किसी भी एम्प्लोयी, ख़ास कर के महिला, को ऐसे हरस्समेंट से बचाने के लिए कानून बने हुए हैं और इसे मेन्टेन करने के लिए हर ऑफिस में एक इंटरनल कमिटी बनती है जो ऐसे प्रोब्लेम्स को एड्रेस करते हैं। 

Advertisment

3. Maternity and Employer Protection Benefit 

हर महिला को 26 हफ़्तों तक पेड मैटरनिटी लीव का अधिकार होता है। यदि कोई महिला सरोगेट माँ बनती है या फिर 3 साल से नीचे के बच्चे को अडॉप्ट करती हैं तो उन्हें भी 12 हफ़्तों की पेड लीव मिलती है। लीव के बाद जॉइन करने वाली महिला एम्प्लाइज को कईं सारे पोस्ट प्रेगनेंसी रिलेटेड बेनिफिट्स भी मिलते हैं जैसे की नर्सिंग ब्रेक्स। 

4. Health And Safety 

Advertisment

वर्कप्लेस में एम्प्लाइज के हेल्थ और सेफ्टी के लिए इनिशिएटिव लेने होते हैं कंपनी को जैसे की अलग अलग बाथरूम्स, चेंजिंग रूम्स इत्यादि। महिलाओं के शिफ्ट्स कण्ट्रोल को भी बारीकी से मैनेज किया जाता है ऐसे ऑफिसेस में उनके सुरक्षा के लिए। 

5. Mandatory Board Representation 

भारत के संबविधान के तहत, कुछ कंपनी क्लास्सेस में, सारे बोर्ड मेंबर्स में से काम से काम एक महिला मेंबर होना अनिवार्य है और यह इसलिए ताकि यह मेक श्योर किया जाए की कंपनी की उच्चे लेवल की डिसिशन मैकिंग्स में किसी एक महिला का भी होना ज़रूरी है। 

Law And Her वर्क प्लेस
Advertisment