Law And Her: सेक्सुअल हैरेसमेंट एक महिला या किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही ट्रॉमेटिक अनुभव हो सकता है। कोई शायद कभी समझ भी ना पाएं उनका संघर्ष ऐसा कोई मेमोरी या एक्सपीरियंस को भूलने में जो मेन्टल हेल्थ ख़राब होती है और सबसे दुखद बात यह है की यह सबसे लीडिंग अपराधों में से एक है। महिलाओं के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट इतना कॉमन होगया है की उनके लिए कहीं भी सेफ फील करना नामुमकिन सा हो गया है। सड़क, रास्ता, पब्लिक, ट्रांसपोर्ट यहाँ तक की उनके वर्कप्लेस में भी वह सेफ नहीं फील कर पाती।
आधे लोग तो इस अपराध और इसके लिए जो कानून बने हैं उससे ही बेखबर हैं। शायद इसलिए ज़रूरी है की हम इस पर खुल कर बात करें और जाने की कैसे खुदको ऐसे परिस्तिथि से बाहर निकालें, खुदको बचाएँ एवं यह करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाएं। आइये इस ब्लॉग में जाने वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट में क्या गिना जाता है और हम कैसे खुदको इससे बचाएँ।
वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट में क्या गिना जाता है?
What Counts As Sexual Harassment At Workplace
अगर आपके कार्यस्थल में कोई भी आपसे फिजिकली, वर्बली या फिर सेक्सुअली आपको परेशान या ह्रास करता है जिससे आप उनकंफर्टबले हो जातें है या फिर कोई भी अगर आपसे ऐसी बातें करें जो आपको अजीब या असुविधाजनक महसूस कराने लगे, तो आप इसकी कम्प्लेन कर सकतें हैं। आप अपने करीबी पुलिस स्टेशन में या ICC में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
महिलाओं के लिए एक स्पेसिफिक कानून है जिसे POSH Act कहतें है जो की वर्कप्लेस में महिलाओं को सेक्सुअल हैरेसमेंट से बचाने के लिए होता है। इस एक्ट के तहत महिलाओं को सुरक्षा दी जाती है उनके कार्यस्थल पर होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट से। POSH ACT के तीन ज़रूरी तत्व होतें हैं जो की है प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन और रेड्रेसल।
यदि आपके या आपके किसी करीबी महिला के साथ यह होरहा है तो एक जागरूक भारतीय नागरिक होने के नाते आप उनकी सहायता करें इस मुसीबत से उन्हें निकलने में। सबसे ज़रूरी होता है की उन अपराधियों को खुले में छूठ ना मिले वरना और ना जाने कितने मासूम इस दरिंदगी और बदसलूखी का शिकार बन जातें हैं। उनकी सुरक्षा के लिए भी यह ज़रूरी है की इंसाफ हो।