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महिलाओं के लिए Feminism का सही अर्थ और इसे कैसे अपनाएं

फेमिनिज्म न केवल महिलाओं के हित के लिए बात करती है बल्कि सभी जेंडर के लिए समानता, न्याय और फ्रीडम की भी मांग करती है। आज की दौर में फेमिनिज्म एक बहुत ही जरूरी आंदोलन बन चुका है।

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Sneha yadav
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The True Meaning Of Feminism For Women And How To Embrace It

(Image Credit: Pinterest)

The True Meaning Of Feminism For Women And How To Embrace It: फेमिनिज्म एक ऐसी थिंकिंग है जो सोसाइटी में चल रहे जेंडर के भेदभाव और असमानता के खिलाफ आवाज उठाती है। यह न केवल महिलाओं के हित के लिए बात करती है बल्कि सभी जेंडर के लिए समानता, न्याय और फ्रीडम की भी मांग करती है। आज की दौर में फेमिनिज्म एक बहुत ही जरूरी आंदोलन बन चुका है जो सिर्फ महिलाओं को अधिकार तक सीमित नहीं है यह समाज के हर उसे क्षेत्र को प्रभावित करता है जहां असामान्यता और भेदभाव होते हैं। इसे समझना थोड़ा कठिन हो सकता है। तो आईए जानते हैं फेमिनिज्म का सही अर्थ और इसे अपने जीवन में कैसे अपनाया जा सकता है। 

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फेमिनिज्म का अर्थ 

समानता 

फेमिनिज्म का मतलब होता है पुरुष और महिलाओं को समान अधिकार और अवसर देना, समाज में सभी को बिना किसी भेदभाव के समान समझना। जब पुरुष और महिलाओं को सामान्य अधिकार मिलेगा तो देश प्रगति के ओर और तेजी से आगे बढ़ेगा।

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अधिकार

फेमिनिज्म उन अधिकारों की सुरक्षा करता है जो महिलाओं को ऐतिहासिक रूप से नहीं दिए गए थे इसमें शिक्षा राजनीति और सामाजिक अधिकार शामिल होते हैं। समाज में जितना अधिकतर पुरुषों का है उतना ही अधिकार महिलाओं को भी मिलना चाहिए।

आत्मनिर्भरता 

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महिलाओं के लिए फेमिनिज्म का मतलब होता है कि वह खुद के जीवन में निर्णय लेने की उन्हें पूरी स्वतंत्रता होना और आत्मनिर्भर बना। वह निर्णय चाहे शिक्षा का हो कैरियर हो या फिर परिवार से जुदा क्यों हीना हो। फेमिनिज्म अपनी महिलाओं को अपने जीवन को खुद के अनुसार चलने का मौका देता है।

फेमिनिज्म को कैसे अपनाएं 

1. शिक्षा और जागरूकता 

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फेमिनिज्म को अपने जीवन में लाने और अपने का सबसे पहला कदम होता है उसे गहराई से जानना और उसके प्रति जागरूक होना। फेमिनिज्म को अपनाने के लिए हमें विभिन्न स्रोतों से उसकी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। अपने आसपास के माहौल में होने वाले भेदभाव और असमानता को समझना ही नहीं बल्कि उसे चुनौती देना भी जरूरी है।

2. खुद की आवाज बने 

अक्सर ये देखा जाता है कि महिलाएं पुरुषों पर निर्भर रहती हैं और पुरुष ही उनकी आवाज होते हैं। फेमिनिज्म को अपनाने के लिए खुद की आवाज को प्रमुखता और मजबूत बनाना चाहिए। यदि आपको भेदभाव या अन्य महसूस होता है तो चुप ना रहे उसके खिलाफ आवाज उठाएं और समाज के सामने डटकर खड़े रहे। आपके पास बहुत सारे कानूनी अधिकार है जिसकी जानकारी रखें और समय आने पर उसका सही प्रयोग करें। 

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3. अन्य महिलाओं को सपोर्ट करें 

खुद के प्रति जागरूक होने के साथ अन्य महिलाओं को भी जागरूक करना बेहद जरूरी होता है। फेमिनिज्म को अपना रही है तो कोशिश करें आपके आसपास की महिलाएं भी उसे अपनाए। महिलाओं का एक झूठ होना और एक दूसरे का समर्थन करना बहुत जरूरी है किसी महिला के खिलाफ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से समाज में परिवर्तन आ सकता है। अन्य महिला को भी प्रेरित करें।

4. पुरुषों को शामिल करें 

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फेमिनिज्म के प्रति जागरूकता फैलाना और उसे अपनाना केवल महिलाओं का ही काम नहीं बल्कि पुरुषों को भी इस आंदोलन में शामिल होना जरूरी है। कुर्सी को यह समझने की आवश्यकता है कि समानता का सपोर्ट करना समाज के लिए बहुत जरूरी है। अगर समाज में समानता की विचारधारा नहीं होगी तो समाज पिछड़ा ही रह जाएगा। इसको अपने से महिला और पुरुषों दोनों को बराबर अधिकार और फ्रीडम मिल सकता है।

Feminism we need feminism Myths About Feminism
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