समाज को लड़की को जज करने और लेबल करने में बहुत दिलजस्पी होती है। एक लड़की को समाज की आँखो में ख़राब या करेक्टरलेस बनना बहुत आसान है। इस ओपिनियन ब्लॉग में पढ़िए ऐसी चीज़ें जो महिला को ख़राब नहीं बनती है।
यह चीज़े महिला को ख़राब नहीं बनाती:
1. स्वतंत्र होना
कोई भी लड़की जो स्वतंत्र होना चुनती है और अपनी पसंद के अनुसार जीती है, और सामाजिक अपेक्षाओं में फिट होने के लिए कोशिश नहीं करती उसे अक्सर बुरा माना जाता है। पर आपको अपने निर्णय में अडिग रहना होगा।
2. पुरुष मित्र होना
'वह सबके साथ सोती है' एक ऐसा वाक्य है जो अक्सर पुरुष मित्र होने के कारण से सुना जाता है। जहां लड़कों को “लॅडीस मैन”(जिसे लड़कियाँ आकर्षक समसझती है) के रूप में सराहा जाता है, दूसरी ओर, महिलाओं को करेक्टरलेस, एक वेश्या और स्लट के रूप में लेबल किया जाता है।
समाज लड़का-लड़की की दोस्ती को स्वीकार नहीं करता, पर इससे दोस्ती गलत नहीं हो जाता।
3. करियर को महत्व देने के लिए
एक महिला सिर्फ एक पुरुष को खोजने और घर बसाने से बड़ा सपना कैसे देख सकती है? कोई शादी के ऊपर करियर बनाने का सपना कैसे देख सकता है? वह ज़रूर सेल्फिश होगी। वह अच्छी महिला नहीं हो सकती। ये है समाज की सोच। अगर आपको करियर बनाना है तो बनाए, और घर के काम पसंद है तो वह करें, पर अपने ख़ुशी के लिए, समाज के लिए नहीं।
4. सिंगल रहना
समाज शादी को अहम मानती है, इसलिए अगर कोई लड़की सिंगल रहना चाहती है, उसे ख़राब माना जाता है। लोग सोचते हैं की उसके में बुराई है, जिसके कारण कोई उससे शादी नहीं करना चाहता। पर सिंगल रहना भी एक चॉइस है। न ही यह आपको ख़राब बनता है, न ही बेचारी।
5. राय रखना
एक लड़की को जीवन भर कोमल और आज्ञाकारी होने के लिए कहा जाता है। कोई भी महिला जो ऐसा करने से इनकार करती है, अपने मन की बात कहने में सक्षम है और राय रखती है, वह बुरी लड़की मानी जाती है। कई बेशर्म लोग छोटे लड़कियों को ऐसा कह देते हैं की दडकिया राय नहीं रखती। अगर आपने ऐसा कुछ सुना हो, उसका बिलकुल विश्वास न करें। अगर ईश्वर ने दिमाग दिया है, तो राय रखने के अधिकार भी दिया है।
6. तलाक
आज भी तलाक को टैबू की नज़रों से देखा जाता है। एक तलाकशुदा महिला को बुरा, स्वार्थी, एडजस्ट न करने वाली, आदि माना जाता है, जो बहुत ही दुख की बात है। एक व्यक्ति दुखी शादी को झेले, समाज के लिए वह तलाक से बेहतर विकल्प है।
7. मातृत्व न चुनना
माँ न बनने का विकल्प चुनने से समाज औरत को क्रूर या स्वार्थी मानता है। अधिकतर लोग बच्चे पैदा करने को औरत का कर्तव्य समझते हैं, और इसलिए बिना बच्चे की महिला को ख़राब समझते हैं। ऐसी सोच बहुत ही गलत है।
8. अपनी मर्जी से कपड़े पहनने के लिए
सलवार कमीज या साड़ी के अलावा कुछ भी पहनने का विकल्प चुनने वाली महिलाएं अस्वीकार्य हैं। जींस, शॉर्ट्स, स्कर्ट्स आदि, जिसमें भी थोड़ी स्किन दिखे, अगर महिला वह पहने तो उसे स्लट मान लिया जाता है। आपको हमेशा वही पहनना चाहिए जो आप चाहती हैं।
9. शादी से पहले रिलेशनशिप होना
शादी से पहले रिलेशनशिप में होने को घृणा के रूप में देखा जाता है। एक अजनबी से शादी करना सामाजिक आदर्श है। बॉयफ्रेंड, लव मैरिज, लिव-इन? 21वीं सदी में भी इन्हें गलत माना जाता है।
10. सेक्स का आनंद लेना
सदियों से औरत के सेक्सुअल सटिस्फैक्शन को इग्नोर किया गया है। आज भी 60% से अधिक महिलाएँ पार्टनर के साथ ओर्गास्म नहीं कर पाती है। समाज के अनुसार केवल पुरुषों को सेक्स चाहने और आनंद लेने की अनुमति है। अगर महिला सेक्स का आनंद ले रही है तो वह कैरेक्टरलेस ही होगी।