Bhang & Belpatra: शिव पूजन में भांग और बेलपत्र का क्या महत्व है?

महाशिवरात्रि या शिव पूजा में भांग और बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। जानिए क्यों भगवान शिव को प्रिय हैं ये दोनों सामग्रियां और इनके धार्मिक व वैज्ञानिक लाभ।

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Vaishali Garg
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महाशिवरात्रि या किसी भी शिव पूजन में भांग और बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। ये दोनों ही भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख पूजन सामग्रियों में से एक हैं। भले ही यह परंपरा सदियों से चली आ रही हो, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भांग और बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने के पीछे का कारण क्या है? आइए जानते हैं भांग और बेलपत्र का धार्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व।

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Bhang & Belpatra: शिव पूजन में भांग और बेलपत्र का क्या महत्व है?

शिव पूजन में भांग का महत्व

1. पौराणिक महत्व

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पुराणों के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था, तब उसमें से हलाहल विष निकला था। इस विष के प्रभाव से पूरा ब्रह्मांड संकट में आ गया था। तब भगवान शिव ने उस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया, जिससे उनका गला नीला पड़ गया और वे "नीलकंठ" कहलाए। माना जाता है कि भांग का सेवन करने से उनके शरीर की जलन शांत होती थी। इसलिए भक्तगण शिव पूजन में भांग चढ़ाते हैं ताकि भगवान शिव को शीतलता प्राप्त हो।

2. धार्मिक महत्व

भांग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना भक्तों के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का एक तरीका माना जाता है। भांग को भगवान शिव की कृपा का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि यह ध्यान और साधना में सहायता करता है।

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3. वैज्ञानिक महत्व

भांग का उपयोग औषधीय रूप से भी किया जाता है। इसमें दर्द निवारक गुण होते हैं और आयुर्वेद में इसे कुछ बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसका संतुलित उपयोग ही लाभकारी होता है।

शिव पूजन में बेलपत्र का महत्व

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1. पौराणिक मान्यता

बेलपत्र को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है। स्कंद पुराण में वर्णन है कि बेलपत्र भगवान शिव की पूजा में अर्पित करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी ने भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया था और बेलपत्र चढ़ाया था।

2. धार्मिक महत्व

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बेलपत्र की तीन पत्तियाँ त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक मानी जाती हैं। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

बेलपत्र औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को कई प्रकार के संक्रमणों से बचाते हैं। साथ ही, इसकी खुशबू मन को शांति और ताजगी प्रदान करती है।

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शिव पूजन में भांग और बेलपत्र कैसे चढ़ाएं?

बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका

  • बेलपत्र को अच्छी तरह से धोकर चढ़ाएं।
  • पत्तियों पर किसी प्रकार के छेद या कटाव नहीं होने चाहिए।
  • बेलपत्र को उल्टा न रखें, बल्कि सीधा शिवलिंग पर अर्पित करें।
  • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र चढ़ाएं।
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भांग चढ़ाने का सही तरीका

  • भांग को शिवलिंग पर अर्पित करने से पहले इसे गंगा जल से शुद्ध करें।
  • इसे शिवलिंग पर चढ़ाते समय "ॐ नीलकंठाय नमः" मंत्र का उच्चारण करें।
  • भांग का सेवन केवल प्रसाद के रूप में सीमित मात्रा में करें।

भांग और बेलपत्र का भगवान शिव की पूजा में गहरा धार्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व है। यह न केवल शिवभक्तों के लिए एक परंपरा है, बल्कि आध्यात्मिक और औषधीय रूप से भी लाभकारी है। महाशिवरात्रि या किसी भी दिन भगवान शिव की आराधना में इनका प्रयोग कर शिव कृपा प्राप्त की जा सकती है।

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