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Meet Cadet No. 1 Priya Jhingan who paved the way for women in the army: आज के समय में महिलाओं की हिस्सेदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है। महिलाओं ने अब घर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है और उनके लिए माहौल पहले से भी आसान हो गया है। वे हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं जिसके कारण उनके लिए माहौल भी काफी आसान हो रहा है लेकिन आज हम आपको उस समय की कहानी बताने जा रहे हैं जब महिलाओं की भागीदारी बहुत कम क्षेत्रों में थी। आर्मी भी एक मेल डोमिनेटेड फील्ड था लेकिन तब एक लड़की ने आर्मी में भर्ती होने का सपना देखा और आने वाली महिलाओं के लिए भी आर्मी में रास्ते खोल दिए। चलिए आज आर्मी में भर्ती होने वालीं पहली महिला अफसर प्रिया झिंगन की कहानी जानते हैं-
मिलिए कैडेट नंबर 1 प्रिया झिंगन को जिन्होंने आर्मी में महिलाओं के लिए रास्ता खोला
पुलिस अफसर की बेटी
पुलिस अफसर की बेटी प्रिया झिंगन का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ। उनके घर का माहौल काफी सख्त था लेकिन प्रिया शरारती स्वभाव की थी। प्रिया ने शिमला के ही St Bede’s College से लाॅ में ग्रेजुएशन की। बचपन से उनका सपना आर्मी ऑफिसर बनने का था। इसके साथ ही उनके कपड़े पहनने का स्टाइल भी लड़कों जैसा था।
1992 तक महिलाएं नहीं हो सकती थी आर्मी में शामिल
1992 तक महिलाएं आर्मी में शामिल नहीं हो सकती थी लेकिन यह बात प्रिया को सही नहीं लगी। इस बात ने उनके मन में रोष भर दिया। इसके परिणामस्वरूप प्रिया ने सेना प्रमुख जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स को एक चिट्ठी लिखकर महिलाओं को आर्मी में भर्ती करने की मांग की। 1989 में प्रिया ने आर्मी भारती के लिए एक विज्ञापन देखा जिसमें सिर्फ पुरुषों के लिए जगह थी। यह बात प्रिया को सही नहीं लगी क्योंकि उन्हें लगता था कि महिलाएं पुरुषों से किसी भी तरीके से कम नहीं। इसके बाद वह भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं।
भारतीय सेना में शामिल होने वाली पहली महिला होने का गौरव प्राप्त
झिंगन को भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला होने का गौरव प्राप्त है क्योंकि 1992 में सेना ने भर्ती के नियम बदल दिए और आर्मी में भर्ती होने के लिए महिलाओं से भी आवेदन मांगा। चेन्नई में लाॅ ग्रेजुएट के लिए OTA में सीट रिजर्व्ड थी। टेस्ट और इंटरव्यू के बाद प्रिया झिंगन चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी की महिला कैडेट नंबर 1 बन गईं। 21 सितम्बर 1992 को 25 महिला कैडेटों का एक बैच भारतीय सेना में शामिल किया गया था। 6 मार्च 1993 को अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया।
यह भारतीय सेना में लैंगिक एकीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। मेजर झिंगन ने जज एडवोकेट जनरल (JAG) शाखा में 10 साल काम किया। इस दौरान उन्होंने कई कोर्ट-मार्शल किए। हाई कोर्ट में सैन्य मामलों को वकालत की और सैनिकों और कर्मचारियों को कानूनी प्रक्रियाओं में ट्रेन किया। आर्मी के अलावा प्रिया के पास मांस कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म की भी डिग्री है। इसके अलावा वह स्कीयर और पर्वतारोही में माहिर हैं।