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Bad Dreams: क्या हैं बुरे स्वप्न और कैसे छुटकारा पाएं बुरे सपनों से

फिटनेस ब्लॉग : सपनों का असर सीधा हमारे मस्तिष्क से जुड़ा होता है। जो कुछ भी हमने अनुभव किया, देखा या सोचा होता है, वो सपने के रूप में हमें प्रदर्शित होता है।

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Prabha Joshi
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बुरे सपने

बुरे सपनों के पीछे अंध-विश्वास मानना महज़ वहम है

Bad Dreams: अक्सर ऐसा होता है कि हम नींद में से एकदम उठ जाते हैं बस एक ख़राब स्वप्न के कारण।। बुरे सपने अकसर हमें विचलित कर देते हैं। जब तक हमें अच्छे सपने लगते हैं तब तक हमें कुछ नहीं लगता लेकिन जैसे ही हमें बुरे सपने आने लगते हैं, हम परेशान हो जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी है हम इसके पीछे का कारण जानें। आज तक कोई भी सपनों से जीत नहीं पाया है। आज भी लगातार सपनों पर शोध जारी हैं। 

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हमारे दिमाग़ में मुख्य तीन तरह की अवस्थाएं होती है : चेतन, अर्धचेतन और अवचेतन अवस्था। इसको अंग्रज़ी में कॉन्शियस, सब-कॉन्शियस और अन-कॉन्शियस कहा गया है। चेतन अवस्था वो अवस्था है जिसमें हम पूरा दिन काटते हैं। हम होश में रहते हैं, हम क्या कर रहे हैं, किससे बात कर रहे हैं, सामने कौन है, क्या कर रहा है आदि। अवचेतन अवस्था होती है जिसमें हमें कुछ होश नहीं होता, हम पूरी तरह नींद में होते हैं। बाहर क्या हो रहा है, कौन बोल रहा है, क्या कर रहा है हमें किसी चीज़ का अंदाज़ा नहीं होता। अर्ध-चेतन अवस्था वो होती है जिसमें हम आधे चेतन में और आधे अवचेतन अवस्था में होते हैं। आइए जानें किस तरह बुरे सपनों से पाया छा सकता है छुटकारा :-

  • नींद पूरी लें : जब हम पूरी तरह नींद नहीं ले पाते है, ऐसे में हमारा मानसिक आराम बिगड़ जाता है। जिसके चलते हमें बहुत-सी मस्तिष्क संबंधी और अन्य शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। हमें बार-बार न केवल नींद आ रही होती है बल्कि हम सही से कोई काम भी नहीं कर पाते हैं। दिमाग़ को आराम न मिलने के कारण बातें दिमाग़ में घूमती रह जाती हैं, जो स्वप्न के रूप में बाहर आती हैं। इसी में हमें लग जाते हैं बुरे सपने। इसलिए पूरी नींद लें।
  • रात को कुछ बुरा न देखें : बुरे स्वप्नों से बचने के लिए अच्छा है आप रात को समय से सोएं। देर रात हॉरर मूवीज़ या फ़िल्में न देखें। रात को सोने से लगभग एक घंटा पहले फ़ोन चलाना बंद कर दें। 
  • बुरा न सोचें : अक्सर ऐसा होता है कि हमारे या हमारे किसी क़रीबी के साथ अगर कुछ बुरा होता है तो वो हमारे दिमाग़ में रातों-रात चलता रहता है। ऐसे में हम देर रात तक उस चीज़ पर सोचते रह जाते हैं। कोशिशि करें रात को सोचने की प्रक्रिया बंद करें। ध्यान करें या कुछ अच्छा सोचकर सोएं।
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  • बुरा न बोलें : कई बार किसी से कुछ बुरा कहने या किसी के प्रति बुरा करने पर बाद में हमें एहसास होता है कि हमने बुरा किया। ऐसे में कोशिश करें बुरा न बोलें न बुरा करें। हमारे शास्त्रों और हमारे बड़ों ने भी हमेंशा अच्छा बोलने और करने की सलाह दी है। बुरा बोलने या करने पर गिल्ट फील होता है, जो बुरे सपनों के रूप में बाहर आता है।
  • तनाव न लें : बहुत बार दिनभर या रोजमर्रा के कामकाज न सही होने के चलते हम अक्सर तनाव में रहते हैं। तनाव न केवल शारीरिक रूप में हमें बीमारियां पैदा करता है बल्कि ये मानसिक रूप से भी हमें परेशान कर देता हैं। ऐसे में तनाव को न पालें। सपने अपने आप नहीं लगेंगे।
  • योग करें  : मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा है योग करें। योग करने से सपने नहीं लगते। योग से न केवल हम अपने आपको जान पातें हैं बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है। ऐसे में योग का नियम बनाएं। आप किसी अच्छे योग एक्सपर्ट से भी बात कर सकती हैं। 

इस तरह आप देख सकते हैं कि बुरे सपने तो दूर सपने भी आपके पास नहीं फटकेंगे। सपनों के प्रति अंध-विश्वास में न रहें। स्वप्नों का आना सामान्य बात है जो केवल और केवल हमारे मस्तिष्क और हमारी दिनचर्या से जुड़ा है। ऐसे में किसी अंध-विश्वास में रहना वहम है। 

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