Traveling Benefits: अकसर ऐसा होता है हम घर पर बैठकर बोर हो जाते हैं। ऐसे में हमें परेशानी शुरू हो जाती है। सबसे अच्छा है बोर होने पर वीकेंड में ट्रैवल प्लान करना। जी हां, हम वीकेंड में यात्रा कर अपने मन की परेशानियों को दूर कर सकते हैं। यात्रा को हम अपना शौक़ बना सकते हैं। यात्रा करने का एक अचछा पहलू ये है कि ज़रूरी नहीं आपके साथ कोई पार्टनर हो। आप अकेले भी किसी जगह घूम-फिर कर आ सकती हैं। 2 लोग या दो से ज़्यादा लोग आप यात्रा में शामिल कर यात्रा का मज़ा बढ़ा भी सकते हैं।
यात्रा करने से हमारे तन और मन में परिवर्तन आता है। हम पहले से ज़्यादा कहीं ज़्यादा बदल जाते हैं। यात्रा के लिए ज़रूरी नहीं आप कहीं बाहर ही जाएं, अपने शहर में ही कोई नई जगह यात्रा के रूप में शामिल कर सकती हैं। जब आप अपने शहर से बाहर जाने को यात्रा के रूप में चाहती हैं तो आपमें अलग परिवर्तन आते हैं। ऐसा इसलिए कि आप किसी नई जगह, नई चीज़ों, नए लोगों, नई संस्कृति आदि से परिचित हो रही होती हैं।
यात्रा के फायदे हमारे जीवन पर
यात्रा करने से हमारे अंदर निम्न परिवर्तन आते हैं :-
तनाव दूर होता है
यात्रा करना हमारे मस्तिष्क के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे हम व्यवहारकुशल बनने के साथ-साथ एक अच्छे प्राब्लम सॉल्वर बनते हैं। हमारे अंदर तनाव दूर होता है। वेवजह की चिंताओं से हम पूरी तरह मुक्त हो जाते हैं। पर इसके लिए ज़रूरी है यात्रा सही समय पर की जाए।
नेटवर्क बनता है
जब हम नई-नई जगहों की यात्रा करते हैं तो हम बहुत से लोगों के संपर्क में आ रहे होते हैं। नई जगह से जुड़ना और नए लोगों का मिलना हमारे नेटवर्क को बढ़ा देता है। इससे हमें ज़िंदगी में बहुत फ़ायदा पहुंचता है। अच्छे लोगों का अच्छा नेटवर्क हमारी ज़िंदगी से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
नॉलेज बढ़ती है
जब हम नई-नई जगह जाते हैं तो हम नए लोगों के साथ, नई संस्कृति, नए भौगोलिक स्तर आदि से परिचित हो रहे होते हैं। हम प्रकृति से जुड़ते हैं। ऐसे में हमें नई चीज़ों का ज्ञान होता है, जो आगे चलकर काम आता है। हो सकता है जहां आप जा रहे हों वहां आपके शहर से बहुत भिन्न कई चीज़ें हों। ऐसे में आपको एक नई चीज़ की जानकारी हासिल होगी।
प्रॉबल्म सॉल्विंग
जब हम यात्रा करते है तो कई परेशानियों को झेलते हुए आगे बढ़ रहे होते हैं। हमारे सामने कई नई समस्याएं और चुनौतियां आती हैं। हमें उसे दूर करके अपना अगला लक्ष्य तय करते हैं। ऐसे में इस तरह हमें कई परेशानियों को सुलझाने का तरीक़ा पता चलता है। इससे हमारी प्राब्लम सॉल्विंग स्किल बढ़ती है।
आत्मविश्वास आता है
यात्रा करने से क्योंकि हम नई चीज़ों के संपर्क में आ रहे होते हैं और उनसे परिचित होते हैं, ऐसे में हमें अपने ऊपर एक अलग आत्मविश्वास आाता है। हमें अपनी क़ाबीलियतों का अहसास होता है। पता चलता है हम क्या हैं और क्या हो सकते हैं।
बहुत बार ऐसा देखा गया है कि यात्रा करने के बाद लोग लिखना शुरू कर देते हैं। यात्रा का शौक़ एक नहीं अनेक शौक़ पैदा कर देता है। इसीलिए अकसर लेखक लोग यात्रा करते हैं। बता दें, साहित्यकार राहुल सांस्कृतायन ने बस यात्राओं के बल पर ही कई भाषाओं और ज्ञान के स्तर पर महारत हासिल की थी।