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Girls vs Household Work: क्या लड़कियों के लिए घर का काम करना ज़रूरी है?

Girls vs household work

जब से लड़की घर में बढ़ी होने लगती है तब से घरवाले उसे कहने लग जाते है घर का काम सीख ले आगे जाकर परेशानी होगी।आगे जाकर का मतलब सुसराल जाकर वहाँ पर तों खुद काम करना पढ़ेगा।घर का काम नहीं करोगी तो तुमसे कोई शादी भी नहीं करेगा। हर भारतीय घर में हर लड़की ने कभी ना कभी यह बात सुनी होगी।

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घर का काम सिर्फ़ लड़कियों की ज़िम्मेदारी? 

क्या सिर्फ़ घर का काम करना लड़कियों की ज़िम्मेदारी होता है? घर में सब रहते होते है फिर भी औरतों पर हाई घर के काम ज़िम्मेदारी होती है।लड़की चाहे नौकरी से थकी आई हो फिर भी घर आकर काम उसे ही करना है।

घर का काम एक स्किल है 

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घर का काम स्किल है जो हर किसी को अपनी लाइफ़ में आना चाहिए लेकिन इसको जेंडर रोल के साथ जोड़ना ग़लत बात है। इसके साथ ही औरतों को बोलना कि अगर तुम यह नहीं करोगी तो तुम्हारी शादी नहीं होगी या फिर हमारी समाज में कोई इज़्ज़त नहीं रहेगी। आज भी हमारा समाज यह सोचता है कि अगर लड़की को घर का काम नहीं आता तो उसकी समाज में कोई इज़्ज़त नहीं है। इस तरह तो हमें बहुत आगे जाने की ज़रूरत है।

लड़कों को भी सिखाए घर के काम

भारतीय घरों  में आज भी समाज द्वारा बनाए जेंडर रोल के तहत ही काम दिए जाते है जैसे लड़के बाहर जाकर काम और लड़कियाँ घर का काम करेंगी। लेकिन यह सोच बदलने की ज़रूरत है। लड़कों को भी घर का काम सिखाना चाहिए और दूसरी तरफ़ लड़कियों को भी बाहर निकलने के मौक़े देने चाहिए तभी हमारे समाज बढ़ा बदलाव आएगा।

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तुम्हारी शादी नहीं होंगी

अक्सर घर में यह कह दिया जाता है कि अगर खाना बनाना नहीं आता तो तुमसे कोई शादी नहीं करेगा। क्या शादी सिर्फ़ लड़की के खाना बनाने तक सीमित है? शादी दो लोगों का बंधन है जिसमें दोनो में हर समय एक दूसरे का साथ देना बल्कि यह नहीं कि आप उसमें अपने पार्ट्नर को नीचा दिखाओ।

सोच बदलने की ज़रूरत

हमें यह सोच बदलने की ज़रूरत है। लड़कियों को सिर्फ़ घर तक सीमित ना रखे। उन्हें ज़िंदगी में जो वे चाहती है करने दे। उन्हें रोक ना रखे। अगर आप उन्हें साथ देंगे तो वे अपनी क़ाबिलियत से ज़्यादा काम करेंगी।उन्हें पढ़ने दे लिखने दे शादी या घर के तक बांध के ना रखे।

#Society And Women #household work
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