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मिलिए Simrat Kathuria से, तमाम चुनौतियों का सामना करके भी लोगों को कर रही हैं हेल्थ के लिए अवेयर

सिमरत कथुरीया ने SheThePeopleHindi से इंटरव्यू में बात करते हुए अपनी जर्नी के बारे में बताया और उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की कि कैसे उनका न्यूट्रिशनिस्ट बनने का सफ़र आगे बढ़ा।

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Priya Singh
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Simrat Kathuria

Simrat Kathuria

Inspiring story of Nutritionist Simrat Kathuria Interview: आज कल के समय में लोगों को अवेयर करना चाहे वह किसी चीज को भी लेकर हो उतना कठिन नहीं है जितना पहले के समय में होता था। आज से 10 या 15 साल पहले लोगों सोशल मीडिया का इतना चलन नहीं था कि लोगों को किसी चीज के बारे में बताया जाए और वे उसे मान लें। लेकिन जब यह अवेयरनेस लाना किसी का पैसन हो जाये तब और खासकर किसी महिला का तो ऐसा कर पाना भले ही मुश्किलों से भरा हो लेकिन वह हो ही जाता है। या पैसन है पंजाब की न्यूट्रिशनिस्ट सिमरत कथुरीया का जिन्होंने लोगों को हेल्थ के लिए तब अवेयर करना शुरू किया जब लोग डाईट को एक टैबू की तरह लेते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समय के साथ लोगों में बदलाव लेकर आयीं।

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मिलिए Simrat Kathuria से, तमाम चुनौतियों का सामना करके भी लोगों को कर रही हैं हेल्थ के लिए अवेयर

सिमरत कथुरीया ने SheThePeopleHindi से इंटरव्यू में बात करते हुए अपनी जर्नी के बारे में बात की और उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया कि कैसे उनका न्यूट्रिशनिस्ट बनने का सफ़र आगे बढ़ा और किस तरह वो उन्होंने हार न मानते हुए अपने पैसन को आगे बढ़ाया और बिजनेस वीमेन बनने के साथ-साथ लोगों को हेल्थ और डाईट के प्रति अवेयर किया। आइये जानते हैं उनकी जर्नी के बारे में- 

सिमरत कथुरीया के साथ बातचीत के कुछ अंश

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जब हमने सिमरत से उनके शिक्षा और कैरियर की शुरुआत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “मैने अपना न्यूट्रीशन का कोर्स आज से 24 साल पहले साल 2000 में किया था। लेकिन लोगों के बीच अवेयरनेस न होने की वजह से मैने काम करना शुरू नही किया और उस टाइम कंटेंट क्रिएशन के लिए कोई अच्छे प्लेटफार्म भी नही थे, साथ ही अवेयरनेस भी बहुत कम थी लोगों में तो मैने काम करना 10 साल बाद शुरू किया। उसके बाद मैने क्लिनिकल डाइटीशियन के तौर पर काम करना शुरू किया और यह करना थोड़ा सा मुस्किल था क्योंकि अवेयरनेस नही थी यहां पर तो इस चीज को सेट कर पाना थोड़ा मुस्किल था और स्पेशियली पंजाब जैसे स्टेट में जहां पर डाइट को बहुत अच्छा नहीं समझा जाता था। लोग बात करते थे कि डाइट आप वेट लॉस करने के लिए कर रहे हो? लोग समझते नही थे उन्हें लगता था यह सब बस बिजनेस के लिए है। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ मैने कंटेंट बनाना स्टार्ट किया और यहाँ से मेरी जर्नी एक डाइटिशियन के तौर पर शुरू हुई।

आपने अपने करियर के रूप में न्यूट्रिशनिस्ट बनना ही क्यों चुना? इसके पीछे कोई ख़ास वजह?

हमारे इस सवाल का जवाब देते हुए सिमरत ने बताया कि, उस समय ज्यादातर लोग या तो बीएससी कर लेते थे या एमबीए कर लेते थे तो मैंने कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चुना। तो जब मैने बीएससी किया तो मेरे पास एक ऑप्शन एमबीए का ही था। लेकिन जब मुझे न्यूट्रिशन के कोर्स के बारे में पता लगा कि न्यूटिशन में एमएससी है तो थोड़ा सा नया लगा और मुझे लगा कि ये फ्यूचर है और एक वजह ये भी थी कि हेल्थ को लेकर मेरी फैमिली में स्टार्टिंग से अवेयरनेस थी। तो इसलिए मैने इसको चुना और उस टाइम ये लग रहा था कि थोड़ा नया कोर्स है नया डिग्री है और ये एक प्रोफेशनल डिग्री थी। कोई सामान्य कोर्स के जरिए आप आसानी से अपनी लाइफ में कोई प्रोफेशन नही चुन सकते हो लेकिन इससे मुझे आगे बढ़ने और काम करने का अवसर मिल रहा था इसलिए मैंने ये किया।

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आपके जीवन में सबसे बड़ी चुनौती क्या थी जब आपने अपना बिजनेस स्टार्ट करने के बारे में सोचा और बिजनेस स्टार्ट किया?

इस सवाल का जवाब देते हुए सिमरत ने बताया, सबसे पहली प्रॉब्लम तो ये है कि मैं पंजाब से हूं और यहां सबसे पहले लोगों का ये कहना था कि लड़कियां काम नहीं करती यहां पर। तो सबसे पहली चुनौती थी सबको समझाना कि ये एक अच्छा काम है ये किया जा सकता है। लोगों ने टाइम-टाइम पर डिमोटिवेट भी किया। ये तक बोला कि आप गंजे को कंघी बेचने का काम कर रहे हो पंजाबियों को डाइट कराना आसान नही। क्योंकि पंजाबियों का कल्चर है कि अगर आप उन्हें मॉर्निंग में डाइट करा भी देंगे तो भी वो रात में बटर-चिकन और ड्रिंक्स को ही डिनर में शामिल करेंगे। तो ये एक बहुत बड़ा चैलेंज था मेरे लिए। 

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इसके साथ ही हमारे यहां बहुत बड़ा चैलेंज का था अवेयरनेस के लिए क्योंकि उस टाइम जब मैंने स्टार्ट किया था तो लोग अगर जिम भी जाते थे तो लोगों को लगता था कि सिर्फ जिम करने से ही आप पतले हो सकते हो। डाइटिंग को लेकर बड़ा ही लो कांसेप्ट था उसमें अवेयरनेस लाने में टाइम लगा, लोगों को समझने में और बिजनेस स्टार्ट करने में घर वालों को समझने में। ये चुनौतियां करीब एक साल तक रहीं और उसके बाद जब स्टार्ट कर लिया तो सबसे बड़ा चैलेंज ये आया प्रचार-प्रसार की हम इसके बारे में न्यूज पेपर, रेडियो पर और अन्य जगहों पर ऐड कर सकते थे।

लेकिन सबसे ज्यादा जो काम करता है वो जब लोग एक दूसरे को इसके बारे में बताते हैं लेकिन हमारे प्रोफेशन में ऐसा नही था ये बड़ा चैलेंज था कि लोग एक दूसरे से छुपाते थे कि वो डाईट कर रहे हैं। ये एक चैलेन्ज था कि लोग बताते ही नहीं थे कि वो डाईट कर रहे हैं। अगर कोई पूछता था कि आप ठीक कैसे हुए? आप फिट कैसे हुए? पतले कैसे हुए? तो लोग कहते थे कि अपने आप हो गये। तो ये चैलेज थे जो हमने फेस किये जिसमे हमने धीरे-धीरे बदलाव लाया और उसके दो तीन साल बाद अच्छा लगने लगा जब लोगों ने यह कहना शुरू किया कि हम ये खा नही सकते क्योंकि हम डाईट पर हैं। 

एक महिला होने की वजह से बिजनेस स्टार्ट करने में क्या आपको कोई ऐसी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी जो आपको लगता है आप महिला हैं सिर्फ इसलिए फेस करनी पड़ी?

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सवाल का जवाब देते हुए सिमरत ने हमें बताया, कि इस प्रोफेशन को उतना आसानी से प्रोफेशन ही नही समझा जाता था क्योंकि यह उस टाइम पर एक प्रोफेशन की तरह था ही नहीं। आज के टाइम पर हम लोग देखते हैं कि हर दूसरा इंस्टाग्राम अकाउंट खाने के बारे में बता रहा है। लेकिन जब मैंने स्टार्ट किया तब यह प्रोफेशन की तरह नही लिया जाता था। तो एक महिला के रूप में मुझे यह भी फेस करना पड़ा कि एक नए प्रोफेशन की शुरुआत कर रहे हो, आप पैसा लगा रहे हो, आप सब कुछ कर रहे हो और अगर ये फेल हो गया तो? लड़कों के साथ क्या होता है कि उन्हें जो काम करना है वो करना है तो आसान हो जाता है और एक महिला के तौर पर ज्यादा समस्याएं नही आयीं क्योंकि यह प्रोफेशन थोड़ा सा महिलाओं पर ही आधारित था। लेकिन ऐसा बिलकुल नही है कि डाईट सिर्फ महिलाएं ही करती हैं लेकिन शुरुआत में जब क्लाइंट आते थे तो ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं। लेकिन आज के समय में मैं ये कह सकती हूँ कि 50 -50 हो चुका है। पहले ऐसा नही था पहले बहुत अलग था।

आप अपने काम और बिजनेस और बाकी चीजों के साथ टाइम मैनेजमेंट कैसे करती हैं?

टाइम मैनेजमेंट को लेकर जब हमने सिमरत कथुरीया जी से सवाल किया तो उनका जवाब कुछ ऐसा था।

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मैं कहूंगी ये डेली का संघर्ष है। क्योंकि एक आदमी ऑफिस में काम करके घर आ जाते हैं तो उन्हें घर आकर काम नही देखना होता है। एक महिला के तौर पर जब आप काम से घर लौटते हैं तो आपको अपने बच्चों का भी देखना है, आपको आपका घर भी सम्भालना है, आपको आपकी बाकी चीजें भी सम्भालनी हैं और आपको साथ में अपने सोशल मीडिया पर भी काम करना है और जब आप ये करते हो तो लोगों को लगता है कि आप सिर्फ हर टाइम फ़ोन पर ही बिजी रहती हैं। इन चीजों के साथ बहुत ज्यादा मैनेज करना पड़ता है और आप परेशान हो जाते हो। कभी आपको अपना फॅमिली टाइम एक्स्ट्रा देना है, तो कभी काम पर ज्यादा समय देना है। इस सब में कुछ न कुछ तो छूटता ही है। हम सब कुछ कभी ऐसे मैनेज नही कर सकते हैं कि सब कुछ कर लें लेकिन हाँ अगर आपकी प्रायोरिटी आपका वर्क है आप अपने काम को आगे बढ़ाना चाहते हो तो मैं हर महिला से यही कहूंगी कि गिल्टी फील मत करो क्योंकि ऐसा ही करने के लिए पुरुषों को गिल्टी फील नही होता है। 

सिमरत कहती हैं कि हम महिलाओं में ये बहुत होता है कि अगर हम अपने काम के लिए परिवार को बच्चों को छोड़कर जा रहे हैं तो हम गिल्ट लेने लग जाते हैं। हम अपने काम को लोगों में बांटते नहीं हैं। अगर आप काम कर करते हैं तो आप अपने परिवार से पति से, सास-ससुर से और अन्य सदस्यों से इस बारे में बात करें और सब मिलकर घर को सम्भालने में मदद करें। अगर आप काम करके फॅमिली को फाइनेंसियल सपोर्ट कर रही हैं तो मुझे लगता है आपको इस बारे में अपने परिवार के साथ खुलकर बात करनी चाहिए। क्योंकि बच्चे या परिवार आपकी अकेले की जिम्मेदारी नही हैं। मैंने अपने परिवार से बात की उन्होंने बच्चों को और परिवार की सम्भालने में मेरी मदद की। इसलिए मैं यह सब आसानी से कर पाई।

एक महिला और न्यूट्रिशनिस्ट होने के नाते आप आज के समय में महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी क्या सलाह देना चाहेंगी?

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"अपने आप की केयर करना आपको सेल्फिश नहीं बनाता है।"

इस लाइफ के साथ मेरे सवाल का जवाब देते हुए सिमरत ने कहा, ज्यादातर महिलाओं को सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि अगर आप अपने लिए कुछ कर रही हैं हो तो इसका मतलब ये नही कि आप सेल्फिश हो रही हैं। क्योंकि जब हम अपने लिए कुछ अलग करने लगते हैं तो लोगों को लगता है कि हम सेल्फिश हो रहे हैं। लेकिन ऐसा होता नहीं है जब तक आप ठीक नही हैं आप हेल्दी नहीं है आप दूसरों की हेल्थ का ध्यान नही रख सकते हैं। अक्सर मेरे पास मेनोपॉज के आस-पास या मेनोपॉज के बाद महिलाएं आती हैं तब तक उनकी हेल्थ बहुत ही ख़राब हो चुकी होती है। सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने कभी अपना ख्याल रखा ही नही। उन्होंने अपनी हेल्थ और अपने आप को कभी देखा ही नही।

आपने जल्द ही आई मूवी लापता लेडीज में देखा कि महिलाएं बात करते हुए कहती हैं कि उन्हें याद भी नही होता कि उन्हें क्या चीजें अच्छी लगती थीं या उन्हें पता ही नही होता कि उन्हें क्या पसंद है जो कि रियलिटी है महिलाओं की।

जब मैं महिलाओं से पूछती हूँ कि आपने अपने लिए क्या खाया या क्या बनाया तो उनसे अक्सर जवाब मिलता है कि कुछ नही जो बच्चों की पसंद है वो बनाया और वही हमने भी खा लिया। अक्सर ऐसा होता है कि जो बच्चे खाते हैं वो बनता है और वही महिलाएं खा लेती हैं जिसे उन्हें उनकी बॉडी के हिसाब से चीजें नहीं मिलती है और प्रॉब्लम यही है कि आपको अपनी बॉडी की जरूरत के हिसाब से चीजें लेनी चाहिए। उनके पास काम इतना होता है कि वे ब्रेकफास्ट तक टाइम से नही कर पाती हैं। इसलिए मैं सारी महिलाओं से यही कहूंगी कि अगर आप अपनी फॅमिली की केयर करना चाहते हो तो वो आप तभी कर पाओगे जब आपकी हेल्थ ठीक होगी अगर आपकी हेल्थ ठीक नही है तो आपकी केयर करने वाला कोई नही है। आप बीमार हो जाओगे तब भी लोग आपसे यही कहेंगे कि आप उनका ध्यान नही रख रहे हो आपका ध्यान रखने वाला तब भी कोई नहीं होगा। तो सबसे पहले आप अपना ध्यान रखिए और साथ ही बाकी चीजों का भी। इस बात पर ध्यान दो कि आपको टाइम से खाना है और आपको हेल्दी खाना है।

आपकी सोशल मीडिया प्रेजेंस काफी अच्छी है! आप उन महिलाओं को सोशल मीडिया प्रेजेंस के बारे में क्या सलाह देना चाहेंगी जो बिजनेस स्टार्ट कर रही हैं? यह क्यों जरूरी है और कितनी फायदेमंद हो सकता है?

लॉकडाउन ने हमें एक चीज सिखाई है कि हर चीज ऑनलाइन हो सकती है। तो कोई भी नया काम आप शुरू करते हैं तो अच्छे तरीके से उसकी विजिबिलिटी जरूरी है। हम अगर किसी चीज को लोगों के बीच लाना चाहें तो उसके लिए एक पॉजिटिव इंपैक्ट लाना बहुत जरूरी है। आप कोई भी बिजनेस कर रहे हो चाहे वो न्यूट्रीशन का है या कोई प्रोडक्ट आपने बनाया है आप सेल करना चाहते हो या आप मेकअप आर्टिस्ट हो आप किसी भी तरह का काम कर रहे हो आपको अपने सोशल मीडिया के ऊपर काम करना होगा। लेकिन आप उतना करो जितना आप अपने डेली रुटीन में आराम से कर सको और सबसे बड़ी बात आपके अलावा आपका पेज कोई भी नही संभाल सकता है। ये सबसे बड़ी गलती है हमारी कि हमे लगता है कि डिजिटल मैनेजमेंट या सोशल मीडिया मैनेजमेंट कम्पनी सब कुछ कर देगी लेकिन आपका जो आईडिया है वो आपका ही रहेगा। वो आपको एडिटिंग, ग्राफ़िक्स और पोस्ट करने में मदद कर सकते हैं। पर जो कंटेंट होता है वो सिर्फ आपका ही हो सकता है। कोई भी कंटेंट राइटर आपके हिसाब से कंटेंट नही लिख सकता है। क्योंकि आप अपने बिजनेस को कहाँ देखना चाहते हो कैसे प्रेजेंट करना चाहते हो ये आपको पता है। तो आपके ब्रांड और पेज के लिए आपको ही काम करना पड़ेगा कोई और उसे आपके हिसाब से कर ही नहीं पायेगा।

एक महिला एंटरप्रेन्योर के रूप में अपना बिजनेस करने के बारे में सोच रही लड़कियों और महिलाओं से आप क्या कहना चाहेंगी?

सबसे पहले तो मैं ये कहूंगी कि अगर आप एक महिला है तो आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है फाइनेंसियल स्टेबिलिटी और मेंटल स्टेबिलिटी और ये आपको मिलेगी काम करने से। तो सबसे पहले आपको ये समझना पड़ेगा कि आप क्या काम करना चाहते हैं और कैसे उसे स्टार्ट करना चाहती हैं। किसी भी काम के लिए पैसन होना बहुत ही जरूरी है। देखो कोई भी नया काम करोगे आप तो आपको रिस्क लेना पड़ेगा। मेहनत भी है और रिस्क भी है और अगर महिलाएं अपनी फॅमिली और बच्चों के लिए इतना रिस्क लेनी हैं इतना कुछ कर लेती हैं तो मुहे लगता है अपने लिए रिस्क लेना अच्छा है। अगर हम अपने घर की बड़ी महिलाओं की देखें तो वो अपने आपके लिए कुछ नही करती थी और परिवार और बच्चों के लिए ही सब कुछ करती थीं। लेकिन मै यही कहूंगी कि एक महिला होकर आपमें जो क्वालिटी और मैनेज करने की स्किल्स हैं वो पुरुषों में नहीं हैं। तो अगर आप घर को इतने अच्छी से मैनेज करती हैं तो कम्पनी को और भी बेहतर मैनेज करेंगी।

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