Inspiring Story Of Srusthi Jadhav: सबके जीवन में मुश्किलें आती हैं लेकिन कुछ लोग समस्याओं को बहाना नहीं बनाते बल्कि उन्हें अपनी सफलता के लिए ढाल बनाते हैं। उन्हें मालूम है कि अगर आज हम मेहनत करेंगे तो कल हम जरुर सफल होंगे। उनका यही पॉजिटिव एटीट्यूड उन्हें जीवन में आगे बढ़ते हुए रखता है। उन्हें मालूम है कि लाइफ कभी भी एक जैसी नहीं चलती। इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन अगर हम अपनी समस्याओं को लेकर बैठ जाएंगे और उन्हें दोष देते रहेंगे तो फिर हम कभी भी जिंदगी में कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे। आज हम आपको सृष्टि की कहानी बताएंगे जिसका सपना फोटोग्राफर बनने का है। चलिए जानते हैं STP हिंदी के साथ, अपनी जर्नी के बारे क्या बातचीत की।
सृष्टि: फोटोग्राफी में बनाना चाहती करियर, साथ न मिलने के बावजूद भी हौंसला नहीं छोड़ा
सृष्टि यादव ने बताया कि वह अभी 10 वीं कक्षा में उन्होंने परीक्षा दी है और वह साइकोलॉजी भी कर रही है। इसके साथ ही फोटोग्राफी (Photography) भी उनका शौक है। इससे संबंधित कोर्स जनवरी में ही खत्म हुआ था। इसके बाद फोटोग्राफी को अपने करियर के रूप में चुना और साइंस भी साथ में कर रही है। सृष्टि कहती है कि एक अपना पैशन होता है लेकिन फैमिली की भी हमसे उम्मीदें होती है। उनके कहने पर मैं साइंस कर रही हूं।
शुरुआत में किसी ने सपोर्ट नहीं की
सृष्टि कहती है कि मुझे शुरू से ही फोटोग्राफी में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट है लेकिन सपोर्ट करने वाला कोई नहीं था। मैंने बेसिक फोटोग्राफी का कोर्स किया फिर उसके बाद अभी एडवांस्ड कोर्स जनवरी में किय। यहां मुझे पता चला कि हम फोटोग्राफी में भी करियर बना सकते हैं। इसके बाद मैंने अभी डॉल्फिन टंकी में लाइट्स के लिए कहा। अभी फैमिली भी सपोर्ट कर रही हैं। उन्हें भी लग रहा है कि मैं फोटोग्राफी कर सकती हूं। सृष्टि का कहना है कि उसे सब तरह की फोटोग्राफी पसंद है लेकिन फिलहाल वह अभी पोर्ट्रेट और फैशन फोटोग्राफी कर रही है।
लड़की हो, कैसे करोगी?
सृष्टि फोटोग्राफी के दौरान होने वाली दिक्कतों को बताती हैं। उसने बताया कि महिलाओं को बहुत चीजों का सामना करना पड़ता है जैसे पुरुषों को ट्रैवल करने में कोई दिक्कत नहीं आती है। वह जहां मर्जी ट्रेवल कर सकते हैं लेकिन उसे प्रॉब्लम यह आती है कि वो ज्यादा दूर तक नहीं जा सकती है। अभी वह अपने आसपास के फोटोशूट के जाती है। वह अपनी फैमिली को कहती है कि मुझे बाहर जाना है लेकिन उनका कहना है कि पहले एजुकेशन कंप्लीट करनी पड़ेगी।
सृष्टि ने बताया महिलाओं के लिए फोटोग्राफी में बहुत सारे चैलेंज है जैसे फैमिली को टेंशन रहती है की लड़की है, कैसे अकेले बाहर जाएगी और सामने जिन लोगों के साथ काम करना है वो भी जानते नहीं है। इसके साथ यह भी सुनने को मिलता है कि तुम लड़की हो कैसे सब कुछ करोगी?
खुद का सपोर्ट बनना पड़ता है
जब सृष्टि से पूछा गया कि कौन सी चीज उसे लाइफ में यह सब करने के लिए प्रेरणा दे रही हैं तो उसने कहा कि जब हमें कुछ करना होता है तब कोई हमें सपोर्ट नहीं करता लेकिन जब हम कुछ अचीव कर लेते हैं तब हमें सब सपोर्ट करते हैं। पैरेंट्स भी कहते हैं कि तुम फर्स्ट प्रायरिटी स्टडी को दो और फोटोग्राफी को साइड में कर लेकिन जब मैं कुछ अच्छा अचीव करती हूं तब वह बहुत ज्यादा खुश होते हैं।
लोग मजाक बनाते हैं
सृष्टि बताती है कि मैं थोड़ी पतली और हाइट में छोटी हूं तो मुझे देखकर लोग मजाक उड़ाते कि तुम फोटोग्राफी कैसे करेगी? सृष्टि का कहना है कि मुझे इन बातों से बुरा लगता है लेकिन मैं इन्हें इग्नोर करती हूं। फैमिली की तरफ से सपोर्ट आता है। उसे बहुत लोग ऐसे भी बोलते हैं की फोटोग्राफी में कोई कैरियर नहीं है इससे तुम साइड में रखो और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो इसके साथ ही सृष्टि रहती है कि अब फैमिली का सपोर्ट मिलने लग गया है जिस कारण वह बाकी लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देती है
फोटोग्राफी में भी करियर हो सकता है
फैमिली के सपोर्ट के ऊपर बात करते हुए सृष्टि ने कहा कि पहले जब उसने फोटोग्राफी का कोर्स ज्वाइन किया था तब पैरंट्स ने कहा था कि इसमें इतना मत शामिल हो। तुमने साइंस विषय को चुना है, उस पर तुम्हें ज्यादा ध्यान देना चाहिए लेकिन सृष्टि का कहना है कि उसने फोटोग्राफी के ऊपर ही ध्यान दिया। डॉल्फिन टंकी में मेरी सिलेक्शन होने के बाद उन्हें ऐसा लगने लगा कि अब मैं फोटोग्राफी में कुछ कर सकती हूं। अब वह समझने लगे हैं कि फोटोग्राफी में भी करियर हो सकता है।
आने वाले समय में अपने प्लान्स के ऊपर बात करते हुए सृष्टि ने कहा कि मुझे अपना स्टूडियो खोलना है और मैं चाहती हूं कि मेरी पहचान फोटोग्राफी से बने। इसके साथ ही यंग महिलाओं (Young Womens) के लिए सृष्टि ने संदेश दिया कि हमारा जो ड्रीम और पैशन है। हमें उसे ही फॉलो करना चाहिए। आपको लोगों की तरफ से बहुत सारे सुझाव मिलेंगे कि ऐसा नहीं करना चाहिए लेकिन आखिर में आपकी मदद कोई नहीं करता है। आपको खुद का ही सहारा बनना पड़ता है। पेरेंट्स जो हमसे चाहते हैं, उस पर भी ध्यान देना चाहिए लेकिन खुद के ड्रीम्स को भी पूरा करना चाहिए। उनसे किनारा नहीं करना चाहिए