LGBTQA Challenges: भारतीय समाज में LGBTQ की क्या परेशनियाँ है?

एलजीबीटी कम्युनिटी आज भी बहुत संघर्ष कर रही है चाहे वह अपने अस्तित्व के लिए हो या फिर अपने हकों की लड़ाई हो। समाज में अभी भी उन्हें वो दर्जा नहीं मिला है जो उन्हें चाहिए।

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Rajveer Kaur
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LBTQA(FreePIk)

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एलजीबीटी कम्युनिटी आज भी बहुत संघर्ष कर रही है चाहे वह अपने अस्तित्व के लिए हो या फिर अपने हकों की लड़ाई हो। समाज में अभी भी उन्हें वो दर्जा नहीं मिला है जो उन्हें चाहिए। आज भी उनके साथ शोषण और हिंसा की जाती है और उनके अधिकार उन्हें नहीं दिए जाते है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि उन्हें कौन-कौन सी चुनौतियां का सामना करना पड़ता है

LGBTQA Challenges: भारतीय समाज में LGBTQ की क्या परेशनियाँ है? 

1. अपने अस्तित्व की लड़ाई

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आज भी हमारा समाज  एलजीबीटी के मामले में बहुत पीछे है। एक घर में जब बच्चा पैदा होता है तब दो संभावनाएं होती है कि बच्चा लड़का पैदा होगा या लड़की। इसके बाद की ना हमें कोई जानकारी है ना ही हम जानने की इच्छा रखते हैं।  जब बच्चा जन्म के बाद टीनेज उम्र में अपनी सेक्सुअलिटी को पहचाने लगता है तब मां-बाप उसके व्यवहार को आसमान मानने लगते हैं और उसे वो बनने के लिए कहते हैं जो नहीं होता जिससे बच्चा मानसिक डिप्रेशन में चला जाता है। कई बार बच्चों के साथ मां-बाप हिंसा करते हैं उन्हें टॉर्चर किया जाता है लेकिन यह गलत है मां-बाप बच्चों के अस्तित्व जाने में उनके साथ दें।

2.समाज के रवैया

हमारे समाज का अरे रवैया एलजीबीटी के तरफ अभी उतना नरम और स्वीकार्य नहीं है जितना होना चाहिए। आज भी हम अगर ट्रांसजेंडर की बात करें उन्हें ऐसे नामों से बुलाया जाता है जो उनका मजाक बनाते हैं। इसके बाद अगर हम  सेम सेक्स मैरिज बात करें तो उनकी शादी को लेकर इतने बड़े विवाद हो जाते हैं। अभी यह लड़ाई बहुत लंबी है और इसमें उन्हें समाज के योगदान की बहुत जरूरत है।

3. कानून से आशाएं

सेम सेक्स मैरिज के लिए जो एलजीबीटी कम्युनिटी की तरफ से  याचिकाएं दर्ज की गई थी उन पर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और अभी इंडिया में से सेक्स मैरिज को लीगलाइज नहीं किया गया है। अभी उन्हें अपने अधिकारों के लिए और बहुत लंबी लड़ाई लड़नी है। रास्ता छोटा नहीं है चाहे समाज का रवैया हो चाहे कानून से आशाएं दोनों को पूरा होने में अभी बहुत समय लग सकता है।

4. जानकारी की कमी

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हमारे समाज में सेक्स एजुकेशन की बहुत कमी है जिस कारण अभी लोगों को एलजीबीटी टर्म क्या है इसके बारे में ही नहीं पता है। अगर हम चाहते हैं कि समाज की तरफ से उन्हें स्वीकार किया जाए इसके लिए हमें उन्हें एजुकेट और जागरूक करना बहुत जरूरी है। इसके लिए हमें अभियान और ऐसे कुछ कम्युनिटी ग्रुप बनाने चाहिए जो लोगों को जाकर जागरूक करें और इसके बारे में उन्हें बताएं कि यह बिल्कुल नॉर्मल है यह कोई बीमारी नहीं है।

5. उनके दिनों और त्योहारों की जरूरत

एलजीबीटी को हमारे सहयोग की जरूरत है हमें ज्यादा से ज्यादा उनके साथ मिलकर उनके त्योहार और दिनों को मनाना चाहिए जैसे जून महीना प्राइड मंथ होता है। ऐसे दिनों पर अगर आपकी लाइफ में कोई एलजीबीटी कम्युनिटी से है उन्हें स्पेशल फील करवाएं। उनके लिए गिफ्ट लेकर जाए और प्रोत्साहन करें। उनका साथ दे जिसकी उन्हें बहुत ज्यादा जरूरत है।