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मेंटल पीस और लॉकडाउन : जैसा कि हम सभी जानते हैं, COVID-19 के केसेस भारत में बढ़ते ही जा रहे हैं और इसी कारणवश अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन घोषित हो चुका है। ऐसे डिस्ट्रेसिंग और मुश्किल समय में खुद को मानसिक रूप से कैसे शांत रखा जाए, यह सोचने वाली बात है।
लंबे समय तक घर पर ही रहना बहुत बोरिंग, फ्रस्ट्रेटिंग और निराशाजनक साबित हो सकता है। इसी के साथ हमारे ग्रुप और टाइमलाइन पर बुरी खबरों के आने से किसी भी व्यक्ति के मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। मेंटल हेल्थ और वेल-बीइंग दोनों ही फिजिकल हेल्थ जितने ही आवश्यक है और इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
आइए जाने 5 ऐसी पॉजिटिव आदित्य जिनसे आप मानसिक रूप से शांत रह सकते हैं
मेडिटेशन
हमारा माइंड एक फ्री फॉलोइंग स्टेट में रहता है, जिससे वह या तो पॉजिटिविटी या फिर नेगेटिविटी की तरफ खींचा चला जाता है और फिर उसी तरह की एनर्जी हमारे बॉडी में पैदा होती है। लॉकडाउन के दौरान फिजिकली रूप से बंद रहने से एक व्यक्ति के मस्तिष्क पर भी इसका असर पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप मेडिटेशन से अपनी एनर्जी को एक ही दिशा में चैनलाइज कर सकते हैं।
मेडिटेशन आपकी रोजमर्रा की जिंदगी के सिर्फ 10 से 20 मिनट लेता है, जिसे आप अपना पर्सनल टाइम भी कह सकते हैं, ऐसा काम जो सिर्फ खुद के लिए है। गहरी सांस और पॉजिटिव थॉट्स से आपको रिलैक्सेशन मिलेगा और आपके मस्तिष्क को हल्कापन और स्टेबिलिटी। आप चाहे तो गाइडेड मेडिटेशन भी कर सकते हैं या फिर केवल अपनी श्वसन तंत्र और ब्रीथिंग पर भी ध्यान दे सकते हैं।
जर्नलिंग मेंटल पीस और लॉकडाउन
एक ही तरह के फिजिकल स्पेस में बंद होने के कारण दिमाग में कई नेगेटिव थॉट्स आना आम है। इसे दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कागज़ और कलम। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी, अपने थॉट्स, तकलीफें आदि चीजों को एक डायरी में लिखिए। इससे आपको अकेला भी महसूस नहीं होगा और आपकी पर्सनल चीजें, बातें आदि प्राइवेट भी रहेंगी। इससे आपको मानसिक रूप से शांति मिलेगी और जर्नलिंग एक बहुत ही आसान और छोटा टास्क है, जिसे आप अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
योग मेंटल पीस और लॉकडाउन
फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। मेंटल हेल्थ थेरेपिस्ट हमेशा यही राय देते हैं कि कुछ फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे आपको मन की शांति मिले। हमारे डेली रूटीन में छोटी-मोटी एक्सरसाइज करने से डोपामिन नामक हार्मोन बॉडी में रिलीज होता है। इसे फील-गुड हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। यह हमें रिलैक्सेशन और खुशी प्रदान करता है।
योग एक ऐसी शारीरिक क्रिया है जोकि आसान है और इसके लिए ज्यादा फिजिकल स्पेस भी नहीं चाहिए। योग रिलैक्सिंग साबित हो सकता है क्योंकि इसे करने के लिए आपकी शरीर की मसल्स स्ट्रेच होती है और साथ ही हेवी ब्रीथिंग से शरीर में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन जाता है जिससे हम काम फील करते हैं।
आर्ट थेरेपी
आर्ट थेरेपी एक दूसरा अच्छा तरीका है हमारी मानसिक शांति को बनाए रखने का। हम यहां पर किसी भी एक्स्ट्रावैगेंट पेंटिंग्स या स्केचेस की बात नहीं कर रहे हैं। अपनी इच्छा से बस पेपर पर कलर करिए। थेरेपिस्ट का कहना है कि कलर्स को देखने से भी माइंड रिलैक्स होता है क्योंकि वह डिफरेंट कलर शेड के साथ डिफरेंट तरीके से रिजेक्ट करता है।
कागज पर कुछ भी ड्रॉ करने से हमारी एनर्जी चैनेलाइज होती है, हमारा थॉट प्रोसेस शुरू होता है और कलर्स के उपयोग से हमारा मूड भी अच्छा हो जाता है। आप चाहे तो एडल्ट कलरिंग बुक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें ज्यादा एफर्ट्स की जरूरत नहीं होती है और ना ही कुछ रूल्स फॉलो करने होते हैं। आपका जो मन चाहे आप वह बनाइए और अंत में यह आपको खुशी और मानसिक रूप से संतुष्टि प्रदान करता है।
हर दिन कुछ नया ट्राई कीजिए
एक और चीज जो मेंटल पीस के लिए आवश्यक है - मस्तिष्क की स्थिरता। आप अपने डेली रूटिंग में कुछ भी नहीं चीज ट्राई कर सकते हैं, जैसे की किचन में कोई न्यू रेसिपी या कोई नई भाषा सीखना या नए पौधे उगाना आदि। इससे आपके मस्तिष्क को स्थिरता मिलेगी और आप जल्दी ही बोर भी नहीं होंगे।
लॉकडाउन को सरवाइव करने के लिए एक ही मंत्र को फॉलो करें - 'वन डे एट ए टाइम '