Things About Financial Boundaries: रिश्तो में बाउंड्रीज के साथ-साथ फाइनेंशियल बाउंड्रीज भी बहुत जरूरी है। इससे हम मनी का ट्रैक रखते हैं और पैसे की फिजूलखर्ची से बचते हैं। आईए जानते हैं कि फाइनेंशियल बाउंड्रीज का हमारी लाइफ में कितना महत्व है और कैसे हम इसे अपने खर्चे ऑर्गेनाइज कर सकते हैं-
Financial Boundaries होना क्यों है जरूरी? जानिए ये कुछ जरूरी पॉइंट्स
फाइनेंशियल गोल निर्धारित कर सकते हैं
फाइनेंशियल बाउंड्रीज का एक फायदा यह भी होता है कि हम अपने गोल निर्धारित कर लेते हैं। हम उनमें ही रहने की कोशिश करते हैं इसे हमें अपने खर्चे और इनकम के बारे में भी पता लगता है क्योंकि हम हर चीज को प्लान करके चलते हैं। मान लीजिए सेविंग आपका गोल है तो आप यह डिफाइन करते हैं कि आप सेविंग किसके लिए कर रहे हैं जैसे रिटायरमेंट और लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के लिए आदि।
बजट बन जाता है
इससे आपका बजट भी बन जाता है जिससे आपको अपना खर्चा और इनकम ट्रैक करने का एक अच्छा मौका मिल जाता है। आप हर एक चीज का हिसाब रखते हैं जिससे आपको पता लगता है कि आप महीने में कितना कमा रहे हैं और कितना खर्च कर रहे हैं। जिससे आप बहुत सारे ऐसे खर्चों से बच जाते हैं जो आपके किसी काम नहीं आते सिर्फ आपका बोझ ही बढ़ाते हैं।
उधार देने से बचते हैं
उधार बहुत गलत चीज है। यह हमारे खर्चे को और भी बढ़ा देती है। यह ऐसा बोझ होता है जो हमारे किसी काम नहीं आता लेकिन हमारे बजट को हिला कर रख देता है। इसलिए कभी भी किसी को उधार मत दें। अपने बजट के हिसाब से अपनी स्पेंडिंग करें। इसलिए कोई कितना भी आपका दोस्त हो या कोई कितनी भी बात करें लेकिन किसी को पैसे उधार मत दे।
फिजूलखर्ची से बचें
जब हमारी कोई फाइनेंशियल बाउंड्री नहीं होती है तब हम बहुत सारे ऐसे खर्चे भी कर देते हैं जिनकी हमें जरूरत भी नहीं होती है। फाइनेंशियल बाउंड्री हमें फफिजूल ख़र्चे से भी बचाती है क्योंकि हमने डिसाइड किया होता है कि एक महीने में कितना खर्चा करेंगे।
किसी का बोझ अपने ऊपर नहीं लेते हैं
फाइनेंशियल बाउंड्री से आप सिर्फ अपना बोझ उठाते हैं। दूसरों का बोझ लेने के लिए आप बिल्कुल भी राजी नहीं होते हैं। मान लीजिए आपका दोस्त और आप महंगे रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए गए। आपने वहां बहुत काम खाया लेकिन आपके दोस्त ने वहां महंगी खाने की चीज ऑर्डर की लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि हम बिल आधा-आधा करेंगे। आपने फाइनेंशियल बाउंड्री का पालन करते हुए उन्हें यह कहना है कि हम आप बिल आधा नहीं करेंगे, सिर्फ अपने हिस्से का देंगे। इससे आप फिजूल खर्ची से या दूसरों के बोझ के नीचे नहीं आएंगे।