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Witch Hunting: क्या थी विच हंटिंग प्रथा और इसका उद्धेश्य

blogs | लाइफ़स्टाइल : विच हंटिंग का मुख्य कारण था कि धार्मिक तत्वों और ज्योतिष विद्या के आधार पर लोग विश्वास करते थे कि जादू का उपयोग किसी भी महिला द्वारा किया जा सकता है जो अपराध के लिए दोषी हो।

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Ayushi
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Witch Hunting and Its Objectives (Image Credit: IAS Gyan)

Witch Hunting and Its Objectives: विच हंटिंग एक ऐसी प्रथा है जिसमें लोग अंधविश्वासों या किसी आदमी या महिला को जादूगर, भूत या शैतान के रूप में देखते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने के आरोप में उन्हें पकड़ने और सज़ा देने के लिए प्रयास करते हैं। विच हंटिंग का मुख्य कारण था कि धार्मिक तत्वों और ज्योतिष विद्या के आधार पर लोग विश्वास करते थे कि जादू का उपयोग किसी भी महिला द्वारा किया जा सकता है जो अपराध के लिए दोषी हो। विच हंटिंग का इतिहास बहुत पुराना है और इसके दौरान कई महिलाओं और लड़कियों को अधिकतर नापसंद किया गया है। इस प्रथा के दौरान लोग धार्मिक उत्साह या दूसरे उद्देश्यों से इसे करते थे। यह एक अधिकतर मानसिकता और जाति पर आधारित था। इस प्रथा के दौरान वहाँ पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के अंदरूनी दुष्प्रभाव थे। पहले, लोग अधिकतर महिलाओं को निशाना बनाते थे। दूसरे, लोग अंधविश्वासों को मजबूती देने के लिए विविध प्रकार की शक्तियों के अंदरूनी दुष्प्रभाव का इस्तेमाल करते थे। विच हंटिंग का दौर यूरोप और अमेरिका में 15 वीं से 18 वीं सदी के बीच था। यह एक अंधविश्वास का परिणाम था जिसमें लोग असंगत समुदायों और लोगों को निश्चित करने के लिए जादू के आधार पर आरोप लगाते थे।

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विच हंटिंग की शुरुआत कहां से हुई और क्यों हुई

Witch Hunting.png (Image Credit:The Telegraph)

विच हंटिंग एक ऐसी प्रथा है जिसमें लोग किसी व्यक्ति को विशेष तरीके से आरोप लगाकर उसे एक जादूगर या चुड़ैल मानते हैं और उसे उसके कार्यों के लिए दोषी ठहराते हैं। यह प्रथा इतिहास में कई स्थानों पर देखी जा सकती है, लेकिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण मध्य युगीन यूरोप में था।

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कुछ लोगों के अनुसार, हंटिंग मुख्य रूप से महिलाओं को निशाना बनाती जो समाज में आम तौर पर अलग-थलग रहती थीं या जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रही थीं। इस प्रकार की प्रथा के पीछे धर्म, संस्कृति और जाति जैसे मानव भावनाओं का भी प्रभाव था। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर लोग चुड़ैलों या जादूगरों के अस्तित्व पर भी विश्वास करते थे।

विच हंटिंग या डायन शिकार का प्रथम उल्लेख 15वीं शताब्दी यूरोप में हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य था वह लोग जो अशुभ शक्तियों के प्रभाव से लगते थे, उन्हें ढूंढ़कर उन्हें मार डालना था। इस प्रक्रिया को संभालने वालों का मानना था कि डायन अथवा जादूगर भूत-प्रेत या असंभव चीजों का अनुभव कर सकते हैं और अन्य लोगों पर इन शक्तियों का प्रभाव डाल सकते हैं। इस धारणा के आधार पर, लोग अपनी समाज में किसी भी प्रकार के असामान्य या अन्यायपूर्ण कार्यों को डायन के कारण मानने लगे थे। धार्मिक अतिरिक्ताओं और स्त्री-दुष्कर्म के लिए जल्दी से ये आरोप लगाए जाते थे। विच हंटिंग के दौरान, लोगों को तरह-तरह की टॉर्चर टेक्निक्स का इस्तेमाल करके उन्हें इतना परेशान किया जाता था कि वे अपने आप को विनाश के लिए दे देते थे। यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन था।

Witch Hunting विच हंटिंग मानसिकता
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