Suhani Shah: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री प्रकरण के बाद सुर्खियों में आईं सुहानी शाह अपने को मेन्टलिस्ट बताती हैं। जैसा कि सामने आ रहा है सुहानी शाह बस सामने वाले से सवाल करती हैं, कुछ पूछती हैं, देखती हैं और उसका उत्तर ख़ुद बता देती हैं। कमाल है न! मेनटलिस्ट सुहानी शाह को जादूगर और माइंड रीडर भी बताया जाता है। हाल ही में ये देश के बड़े नेशनल चैनलों में छाई हुई हैं। इनकी प्रतिभा को देखते हुए सब बस देखते रह जाते हैं।
राजस्थान में जन्मी हैं सुहानी शाह
राजस्थान के उदयपुर में 29 जनवरी 1990 को जन्मी सुहानी शाह का मानना है कि वो अपने को ढोंग या पाखंड की श्रेणी में नहीं रखती। उनको कोई पाखंडी बुलाए उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। उनकी माने तो जो कुछ भी वो आज कर रही हैं वो केवल और केवल कला है जो बहुत प्रेक्टिस के बाद हासिल होती है। सुहानी शाह की इस ग़ज़ब की कला को देखते हुए उनके बहुत फ़ैन्स हैं। इंस्टाग्राम में 1.2 लोगों ने उन्हें फौलो कर रखा है।
कैसे आईं सुर्खियों में
बता दें, हाल ही में बागेश्वर धाम से जुड़े कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं। वे सामने वाले की सभी बातें बिना पूछे एक काग़ज़ जिसे 'अर्जी' बताते हैं, में लिखकर दे देते हैं। ये सब उनके दरबार में होता है। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि ये उनपर हनुमान जी की कृपा है। वो ही सब कुछ करवाते हैं। ये दिव्य शक्ति है। उनकी इस ही बात को अस्वीकार करते हुए 32 साल की मेनटलिस्ट सुहानी शाह सामने आई हैं।
‘दिव्य शक्ति’ नहीं ‘माइंड रीडिंग’
सुहानी शाह का कहना है कि दिव्य शक्ति नाम की कोई चीज़ नहीं होती है। सब कुछ माइंड रीडिंग है। माइंड रीडिंग उनकी माने तो एक कला है। इस बात को प्रूफ़ करने के लिए उन्होंने नेशनल चैनल्स के सामने करके भी दिखाया। इन्होंने बहुत छोटी-सी उम्र से ही अपनी कला दिखानी शुरु कर दी थी। उन्होंने अपना पहला मेजिक शो महज़ 07 साल की उम्र में करके दिखा दिया था। ऑल इंडिया मैजिक एसोसिएशन ने सुहानी की कला देखते हुए उन्हें 'जादू परी' की उपाधि दी। तब से सभी फ़ैंस इन्हें प्यार से 'जादू परी' बुलाने लगे।
पिता से सीखी कला
मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी को दिए एक इंटरव्यू में सुहानी शाह ने बताया है कि उन्होंने मात्र फ़र्स्ट क्लास तक पढ़ाई की है, इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी और अपनी कला पर ध्यान दिया। सुहानी शाह की माने तो वो एक माइंड रीडर के अलावा कॉर्पोरेट ट्रेनर, लाइफ कोच, और पेशेवर हिप्नोथेरेपिस्ट भी हैं। उनकी माने तो उन्होंने माइंड रीडिंग की कला अपने पिता चंद्रकांत शाह से सीखी है। इन्होंने पांच किताबें भी लिखी हैं।
जादू परी सुहानी शाह ने देश ही नहीं विदेश में भी अपने मेजिक शो किए है। देश ही नहीं संपूर्ण विश्व में उनकी पहचान बनी हुई है।