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सदियों से महिलाएँ हार्मोनल बदलावों से निपटने के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करती आई हैं। आज सबसे ज़्यादा चर्चा जिस पर है, वह है चेस्टबेरी (Vitex)। आधुनिक रिसर्च बताती है कि यह मेनोपॉज़ की आम परेशानियों जैसे हॉट फ्लैश, मूड स्विंग और नींद की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।
Chasteberry for Menopause: एक ऐसा साथी जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
एक क्लीनिकल ट्रायल में जिन महिलाओं ने 8 हफ्तों तक चेस्टबेरी ली, उन्हें हॉट फ्लैश कम हुए और वे ज़्यादा रिलैक्स महसूस करने लगीं। हालाँकि और रिसर्च की ज़रूरत है, लेकिन बहुत-सी महिलाएँ इसे एक सुरक्षित और plant-based विकल्प मानती हैं।
एस्ट्रोजन से जुड़ाव
ऐसा माना जाता है कि चेस्टबेरी कुछ हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है, ख़ासकर जब मिडलाइफ़ में एस्ट्रोजन कम होने लगता है। अगर इसे अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियों के साथ लिया जाए तो यह नींद सुधारने और समग्र स्वास्थ्य बेहतर करने में भी सहायक है।
इसे आप एक “टूलकिट” की तरह सोचें। कोई जादुई इलाज नहीं, लेकिन पोषण, व्यायाम और आराम के साथ एक मज़बूत मदद।
इसे डेली डाइट का हिस्सा बनाना
आपको चेस्टबेरी को अलग से गोली के रूप में लेने की ज़रूरत नहीं। यह आसानी से प्रोटीन शेक या हेल्थ ड्रिंक में मिलाकर ली जा सकती है। इस तरह, आप अपने शरीर को सपोर्ट देते हैं बिना किसी एक्स्ट्रा झंझट के।
उदाहरण के लिए, अगर चेस्टबेरी को प्रोटीन ब्लेंड में मिलाया जाए, तो एक ही स्कूप से आपको लक्षणों से राहत और मसल्स मज़बूत करने वाला न्यूट्रिशन दोनों मिल जाता है।
Gytree इसे भारत में कैसे ला रहा है
अब तक भारत में ज़्यादातर मेनोपॉज़ सप्लिमेंट या तो इम्पोर्टेड थे या सिर्फ लक्षण कम करने पर फोकस करते थे। लेकिन Gytree ने भारत का पहला मेनोपॉज़-स्पेसिफिक प्लांट प्रोटीन लॉन्च किया है, खासतौर से 40+ महिलाओं के लिए। इसमें चेस्टबेरी के साथ उच्च-गुणवत्ता वाला प्लांट प्रोटीन है जो मसल और हड्डियों को मज़बूत करता है।
इसके अलावा Gytree का Forty Plus कैप्सूल भी है। दिन में दो बार लेने वाला सप्लिमेंट, जो हार्मोन सपोर्ट से लेकर स्ट्रेंथ और इम्यूनिटी तक महिलाओं की ज़रूरी ज़रूरतों को कवर करता है। यह सिर्फ हॉट फ्लैश कम करने के लिए नहीं है, बल्कि महिलाओं को 40, 50 और उसके बाद भी मज़बूत, एक्टिव और कॉन्फिडेंट बनाने के लिए है।