Workout During Periods: पीरियड्स के दौरान वर्कआउट करना कई महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण लग सकता है लेकिन यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक अच्छा तरीका है। यह न केवल मांसपेशियों की ऐंठन और थकावट को कम करता है बल्कि मूड को बेहतर बनाने और ऊर्जा को बनाए रखने में भी मदद करता है। सही वर्कआउट का चुनाव और शरीर की सीमाओं को समझना इस समय बेहद जरूरी है। आइए जानें कि पीरियड्स के दौरान आपको क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए।
Workout During Periods: क्या करें और क्या न करें?
हल्के कार्डियो और स्ट्रेचिंग क्यों हैं फायदेमंद?
पीरियड्स के दौरान हल्के कार्डियो जैसे वॉकिंग और स्लो जॉगिंग करना सबसे आसान और असरदार उपाय है। यह न केवल शरीर को सक्रिय रखता है बल्कि ऐंठन को भी कम करता है। नियमित 20-30 मिनट की वॉक आपके मूड को बेहतर बना सकती है और तनाव को दूर कर सकती है। इसके अलावा, योग और स्ट्रेचिंग पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने का बेहतरीन तरीका है। बालासन (चाइल्ड पोज़) और सुप्त बद्धकोणासन (रेक्लाइंड बटरफ्लाई पोज़) जैसे योगासन मांसपेशियों की जकड़न और पेट दर्द से राहत दिलाते हैं।
किन वर्कआउट्स से बचें और क्यों?
इस समय भारी वजन उठाने से बचना चाहिए क्योंकि यह मांसपेशियों और पेट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। रनिंग और जंपिंग जैसे हाई-इम्पैक्ट कार्डियो वर्कआउट्स भी पीरियड्स के दौरान असुविधाजनक हो सकते हैं। अगर आपका शरीर बहुत थका हुआ महसूस कर रहा है तो किसी भी प्रकार के अत्यधिक मेहनत वाले वर्कआउट को टालें। आराम करना और शरीर की जरूरतों को समझना अधिक महत्वपूर्ण है।
वर्कआउट के दौरान अपनाएं ये सावधानियां
वर्कआउट के दौरान और बाद में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें जो आपको मूवमेंट में मदद करें। वर्कआउट से पहले वार्मअप और बाद में कूलडाउन जरूर करें ताकि मांसपेशियों को चोट से बचाया जा सके। सबसे जरूरी बात यह है कि अपने शरीर की बात सुनें। अगर किसी दिन थकावट महसूस हो रही है, तो वर्कआउट से ब्रेक लेना पूरी तरह से ठीक है।
पीरियड्स के दौरान वर्कआउट करना न केवल शारीरिक दर्द को कम करता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। हल्के कार्डियो, योग और स्ट्रेचिंग जैसी एक्सरसाइज अपनाकर आप खुद को फिट और स्वस्थ रख सकते हैं। हालांकि इस दौरान शरीर की सीमाओं को समझना और जरूरत पड़ने पर आराम करना भी उतना ही जरूरी है। सही संतुलन और सावधानी के साथ वर्कआउट करने से आपका पीरियड्स अनुभव सकारात्मक और सहज बन सकता है।