Four Positive Aspects Of Menopause: मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक खास चरण होता है। जो आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच आता है। कई महिलाओं के लिए यह नए जीवन की तरह होता है, जिसमें उनके जीवन शैली में कई बदलाव देखने को मिलते हैं और इसमें होने वाले बदलाव को लेकर जागरूकता भी बढ़ गई है। हाल ही में सीनेट की एक जांच में पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज के बारे में सार्वजनिक शिक्षा की सिफारिश की गई है। यह दौर कुछ महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण होता हैं। जिनमें उन्हें सहायता की आवश्यकता होती है। वहीं, अन्य कुछ महिलाओं को इससे शारीरिक और भावनात्मक लाभ भी प्राप्त होते हैं। इसके बारे में शायद ही कभी बताया जाता है, तो आइए जानते हैं कि मेनोपॉज के क्या-क्या फायदे हैं।
जानें मेनोपॉज से जुड़े 4 फायदे
1. पीरियड्स या उससे संबंधित समस्या से छुटकारा
अगर आपको आखिरी पीरियड से लगातार 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आए हैं, तो मान लीजिए कि आप मेनोपॉज फेज़ में कदम रख चुकी हैं। इसमें आश्चर्य की बात नहीं है कि मेनोपॉज में सबसे बड़ा फायदा पीरियड्स का ना आना होता है। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। जिन्हें इरेगुलर और हैवी पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर महिलाओं को मासिक धर्म चक्र सामने आते ही चिंताएं बनी रहती हैं, जो अब मेनोपॉज में कदम रखने से नहीं होती, क्योंकि इसमें आपको अपने बैग में सैनेटरी प्रोटेक्शन रखने की कोई जरूरत नहीं पड़ती और ना ही आपको शौचालय कहां है का फिक्र रहता है या फिर आपको एक्स्ट्रा कपड़े ले जाने की भी आवश्यकता नहीं होती। वहीं, आप मेनोपॉज में सैनिटरी प्रोडक्ट्स ना खरीद कर अपने पैसे भी बचा लेती हैं।
यह उन महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता हैं। जिन्हें गर्भाशय फाइब्रॉएड के कारण हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। यह 80% महिलाओं को प्रभावित करता है। साथ ही जो महिलाएं पीरियड्स के दौरान माइग्रेन से पीड़ित रहती हैं, उन्हें रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोनल उतार-चढ़ाव व्यवस्थित होने से माइग्रेन से भी राहत मिलता है।
कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स का ना होना सामाजिक गतिविधियों में अधिक भागीदारी भी हैं, क्योंकि आमतौर पर पीरियड्स में महिलाओं को संस्कृति व सामाजिक गतिविधि से जुड़े मामलों में से दूर रखा जाता हैं।
2. गर्भधारण की चिंता खत्म
आमतौर पर महिलाओं को प्रजनन वक्त गर्भधारण की चिंताएं बनी रहती हैं जो कि मेनोपॉज के बाद महिलाएं गर्भधारण के लिए चिंतित नहीं होती। यह फेज़ उनके लिए एक स्वतंत्र अनुभव जैसा होता है, जिसमें वह अपने शरीर को बेफिक्र होकर अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर सकती है।
वहीं, जिन महिलाओं ने बच्चे न पैदा करने के विकल्प को चुना हैं। उनके लिए यह समय सामाजिक अपेक्षाओं से मुक्ति प्राप्त जैसा होता है, क्योंकि शायद लोग अब उनसे यह पूछना बंद कर देंगे कि वह बच्चा कब पैदा करने की योजना बना रही है।
3. सेल्फ केयर के लिए समय
शोध के मुलाबिक, मेनोपॉज के बाद महिलाएं अन्य लोगों की ज़रुरत पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय खुद को और अपनी जरूरत को अधिक स्वीकार करती हैं।
कुछ महिलाओं को मेनोपॉज में भावनाओं की ताकत एक चुनौती सी लगती है, जबकि अन्य महिलाएं इस दौरान खुद को अपने मन की बात कहने या जीवन के किसी भी अन्य समय की तुलना में अधिक मुखर होने में सक्षम पाती है।
4. आत्मविश्वास में वृद्धि
महिलाओं के साथ गहन साक्षात्कार पर आधारित अध्ययन में पाया गया है कि इस दौरान महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि दिखती है। जहां हर काम वह पहले की तुलना में अधिक आत्मविश्वास के साथ कर पाती है।
यह सोचना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि मेनोपॉज के बारे में क्या अच्छा है। खासकर तब जब आप पेरिमेनोपॉज के दौरान समस्याओं का सामना कर रही हो, लेकिन यह समय के साथ बेहतर भी हो सकता है। अगर आप इस दौरान अपने डाइट पर ध्यान देने के साथ-साथ सेल्फ केयर को महत्व दें, तो आप इस उम्र में भी अपने लाइफ को बेहतर एंज्वॉय कर सकती हैं।