Perimenopause में क्यों बहने लगते हैं आंसू? 43 की उम्र में खुद से पूछने लगी ये सवाल: प्रतिभा सोनी की कहानी

43 साल की प्रतिभा सोनी ने पेरिमेनोपॉज़ के दौरान आए अचानक मूड स्विंग्स और आँसुओं से जूझते हुए Gytree के पर्सनलाइज़्ड हेल्थ प्रोग्राम की मदद ली। पढ़िए कैसे इस प्रोग्राम ने उनके जीवन को आसान और संतुलित बनाया।

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Photograph: (Freepik)

क्या आपने कभी बिना किसी खास वजह के अचानक रो दिया है? क्या आपके मूड में बार-बार उतार-चढ़ाव आता है, और आप समझ नहीं पातीं कि इसके पीछे वजह क्या है? 43 साल की प्रतिभा सोनी भी ऐसी ही एक स्थिति से गुज़रीं, और जब उन्होंने खुद से ये सवाल पूछे, तो उन्हें जवाब मिला पेरिमेनोपॉज़।

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Perimenopause में क्यों बहने लगते हैं आंसू? 43 की उम्र में खुद से पूछने लगी ये सवाल: प्रतिभा सोनी की कहानी

43 की उम्र में मैं कभी-कभी बिना वजह रोने लगती थी। कोई कुछ कह दे तो भी आंखें भर आती थीं, और कई बार बिना किसी बात के मन भारी हो जाता था। पहले लगा, शायद मैं बहुत इमोशनल हो गई हूं या फिर थक गई हूं। लेकिन जब ये बार-बार होने लगा, तब मुझे एहसास हुआ ये कुछ और है।”

ये कहानी है प्रतिभा सोनी की, जो आज पेरिमेनोपॉज़ के दौर से गुजर रही हैं, और इस अनुभव को पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ शेयर कर रही हैं।

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Perimenopause: एक अनकही, अनजानी यात्रा

बहुत कम महिलाओं को पता होता है कि मेनोपॉज़ से पहले की अवस्था, जिसे पेरिमेनोपॉज़ कहा जाता है, भी कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव लेकर आती है। हार्मोनल असंतुलन के कारण मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी, और यहां तक कि बिना वजह रोना भी आम बात हो सकती है।

प्रतिभा कहती हैं, "किसी ने मुझे इसके लिए तैयार नहीं किया था। न स्कूल में बताया, न डॉक्टर ने समझाया। जैसे ये अनुभव महिलाओं की ज़िंदगी का ‘सीक्रेट चैप्टर’ हो।"

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जब समझ आया “It’s not just in my head”

जब प्रतिभा ने खुद इस पर रिसर्च करना शुरू किया, तो उन्हें समझ आया कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव का सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है। एस्ट्रोजन, जो सेरोटोनिन (mood stabilizing chemical) के निर्माण में मदद करता है, जब घटता है, तो हम ज्यादा भावुक, संवेदनशील और कभी-कभी बेचैन महसूस करने लगते हैं।

इस बदलाव के साथ, अगर आपको हो रही घबराहट या भावनात्मक अशांति को कोई नाम मिल जाए, तो उससे निपटना थोड़ा आसान हो जाता है।

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Gytree Program से मिला साथ और समाधान

प्रतिभा बताती हैं कि जब उन्होंने Gytree का पेरिमेनोपॉज़ प्रोग्राम जॉइन किया, तब जाकर उन्हें असली राहत महसूस हुई।

इस प्रोग्राम में उन्हें मिला:

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Nutrition Guidance: जहां हर महिला के शरीर की ज़रूरतों के अनुसार डाइट बनाई जाती है।

Weight & Gut Program: जो वजन, पाचन और हॉर्मोनल बैलेंस को दुरुस्त करने में मदद करता है।

Stress Management Techniques: जिसमें योग, मेडिटेशन और माइंडफुलनेस जैसी चीज़ें शामिल हैं, ताकि आप भावनात्मक रूप से मजबूत बनें।

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ये प्रोग्राम मेरे लिए एक तरह की संजीवनी साबित हुआ। ऐसा लगा जैसे कोई मेरे लिए हर स्टेप पर सोच रहा हो, मुझे समझ रहा हो,” प्रतिभा कहती हैं।

बदलाव को समझना ही पहला कदम है

पेरिमेनोपॉज़ एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके बारे में जानकारी और सपोर्ट होना बेहद जरूरी है। प्रतिभा की तरह अगर आप भी इस दौर से गुजर रही हैं, तो जान लीजिए आप अकेली नहीं हैं।

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अब जब मैं खुद को बेहतर समझने लगी हूं, तो इस सफर से डर नहीं लगता। Gytree जैसे प्लेटफॉर्म्स से मुझे वो सपोर्ट मिला जिसकी मुझे ज़रूरत थी।”

क्या आप भी ऐसे ही बदलावों से गुजर रही हैं?

Gytree के पेरिमेनोपॉज़ प्रोग्राम को आज़माएं और अपने शरीर व मन को दें सही देखभाल और साथ। यह कहानी सिर्फ एक अनुभव नहीं है, बल्कि उन लाखों महिलाओं की आवाज़ है जिन्हें अब चुप रहने की ज़रूरत नहीं है।

Gytree Menopause