The Silent Shift: 35 के बाद महिलाओं के हार्मोन्स में आने वाले धीरे-धीरे बदलाव को समझें

35 की उम्र के आसपास कुछ बदलाव शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में आपको यह बदलाव महसूस न हो, या आप इसे “थकान” या “तनाव” समझ लें, लेकिन ये बदलाव धीरे-धीरे आपके शरीर और मानसिक स्थिति पर असर डालने लगते हैं।

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The Meno Coach
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Photograph: (drasmitadongare)

The Silent Shift After 35: Understanding Hormonal Changes and Perimenopause Prelude: 35 की उम्र के आसपास कुछ बदलाव शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में आपको यह बदलाव महसूस न हो, या आप इसे “थकान” या “तनाव” समझ लें, लेकिन ये बदलाव धीरे-धीरे आपके शरीर और मानसिक स्थिति पर असर डालने लगते हैं। आपकी ऊर्जा कम हो जाती है, पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं दिखने लगती हैं। ये हैं हार्मोनल बदलाव के साइलेंट सिग्नल।

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35 के बाद हार्मोनल बदलाव क्यों होते हैं?

35 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है। ये हार्मोन आपकी ऊर्जा, मूड, वजन, त्वचा और पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। Gytree की न्यूट्रीशनिस्ट, चहात वासदेव के अनुसार, “इस उम्र के बाद हार्मोन्स का सही संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी हो जाता है, जिसके लिए सही भोजन, क्वालिटी सप्लीमेंट्स और लाइफस्टाइल बदलाव जरूरी हैं।”

यह मेनोपॉज नहीं, बल्कि इसका प्रील्यूड है

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यह बदलाव मेनोपॉज की शुरुआत से पहले का चरण होता है, जिसे Perimenopause Prelude भी कहा जाता है। यह 20-30 की उम्र के बाद का वह दौर है जब शरीर में धीरे-धीरे बदलाव आ रहे होते हैं, लेकिन मेनोपॉज पूरी तरह से शुरू नहीं होता। इस दौरान महिलाओं को खुद के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।

हार्मोनल बदलाव और भावनात्मक बदलाव साथ-साथ आते हैं

डॉ. सुदेशना रे, सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और Gytree की मेडिकल डायरेक्टर कहती हैं, “अगर महिलाएं 35 के बाद अपने स्वास्थ्य का खुद ध्यान नहीं रखेंगी तो उन्हें ना सिर्फ अपने शरीर से, बल्कि अपने परिवार और समाज से भी निराशा हो सकती है। समाज इस बदलाव को समझने के लिए तैयार नहीं होता, इसलिए महिला को खुद की पैरवी करनी पड़ती है।”

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हार्मोनल बदलाव का असर सिर्फ शारीरिक नहीं होता, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक रूप से भी महसूस किया जाता है। कई महिलाएं इस उम्र में अपने करियर, रिश्तों और जीवन के फैसलों पर गहरा विचार करने लगती हैं। यह कोई संकट नहीं, बल्कि जीवन का एक पुनः समायोजन है।

सही ज्ञान और समर्थन से बदलें अपनी कहानी

हार्मोनल बदलाव को समझना और समय रहते उसका इलाज करना आपके लिए आजादी और शक्ति का स्रोत बन सकता है। सही जानकारी, सपोर्टिव कम्युनिटी और उपयुक्त सप्लीमेंट्स जैसे गाईट्री के Clean Plant Protein Blend और Sound Sleep gummies आपकी मदद कर सकते हैं।

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35 के बाद क्या करें?

  • पोषण पर ध्यान दें: प्रोटीन युक्त आहार लें जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहे।
  • स्वयं को समझें: अपनी साइकिल, मूड और ऊर्जा के पैटर्न को ट्रैक करें।
  • स्वास्थ्य के लिए आवाज उठाएं: डॉक्टर से सलाह लें और अपनी जरूरतों के लिए खड़े हों।
  • समय निकालें: तनाव कम करें और आराम को प्राथमिकता दें।
  • साथी खोजें: ऐसी महिला समुदाय में शामिल हों जो आपके अनुभव को समझती हों।

35 के बाद शरीर का यह धीमा परिवर्तन आपकी कमजोरी नहीं, बल्कि आपकी नई शुरुआत का संकेत है। यह वक्त है खुद को समझने का, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने का और जीवन को पूरी ताकत से जीने का। आपकी सेहत आपकी ताकत है, इसे अनदेखा न करें।

Hormonal Changes Perimenopause