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मां दुर्गा के साथ नारी सशक्तिकरण की मिसाल देगा बंगाल का झांकी प्रदर्शन
Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस की पहचान है भारतीय शौर्य और संस्कृति का प्रदर्शन। इस बार भी हर वर्ष की तरह ही गणतंत्र दिवस में कर्तव्य पथ पर भारतीय शौर्य और संस्कृति की झलग दिखेगी। बता दें, पिछली बार बंगाल राज्य गणतंत्र दिवस में शामिल होने से रह गया था, पर इस बार बंगाल की झांकी की रौनक होंगी 'मां दुर्गा'। मां दुर्गा का इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होना अलग ही शोभा देगा। कारण है महिला सशक्तिकरण। बंगाल राज्य में मां दुर्गा को बहुत माना जाता है। यहां का दुर्गा पूजन यूनेस्को तक में सराहा गया है। इसका ही बंगाल राज्य अपनी झांकी में प्रदर्शन करेगा।
बंगाल राज्य इस गणतंत्र दिवस समारोह में महिला सशक्तिकरण की अद्भुत मिसाल पेश कर रहा है। इस बार राज्य से मां दुर्गा पर झांकी दिखाई जा रही है। इसके साथ ही अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी झांकी में स्थान मिलेगा। झांकी की तैयारी में शामिल एक अधिकारी की माने तो राज्य की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए टेराकोटा से बने मॉडल्स को स्थान मिलेगा। इसके अलावा झांकी में देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिकेय और गणेश की भी मूर्तियां होंगी। अधिकारियों ने ऐसा भी कहा है कि देवी दुर्गा महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं। झांकी स्थानीय कला और संस्कृति को भी उजागर करेगी।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 23 झांकियां होंगी। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से 6 झांकियां शामिल रहेंगी। इस बार की ज़्यादातर झांकियों में 'नारी शक्ति' की झलक के साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति रहेगी।
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बता दें गणतंत्र दिवस परेड में अलग-अलग राज्य शामिल होते हैं। वे अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों का परिचय देते हैं। इसके अलग पहचान दिखाते हुए ये राज्य, भारत का गौरव बढ़ाते हैं। वैसे तो सभी राज्य एक से बढ़कर एक झांकियां प्रदर्शित करते हैं फिर भी जिस राज्य की झांकी सबसे अच्छी पसंद की जाती है, उस राज्य को अंत में पुरस्कृत किया जाता है।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत बनेंगी मिसाल
इसके साथ ही इस बार गणतंत्र दिवस परेड का जो मुख्य आकर्षण रहेगा वह है लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के द्वारा किया जा रहा नौसेना का नेतृत्व। इस बार महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल दिशा के जरिए भी झलकेगी। दिशा युवा नाविकों की 144 सदस्यीय दल का नेतृत्व करेंगी।