Chandrayaan 3's Countdown Voice N.Valarmathi Probably Gone Far Away With It: एन वलार्मथी जी ने न केवल चंद्रयान-3 बल्कि श्रीहरिकोटा से इसरो के ऐसे कई लॉन्च मिशनों में काउंटडाउन के वक्त अपनी मूल्यवान आवाज प्रदान की हैI पिछले 30 सालों से उन्होंने इसरो के प्रति, अपने देश के प्रति अपनी मेहनत और लगन का प्रमाण दिया हैI यह न केवल इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए शोक का समय है क्योंकि कुछ दिनों पहले चंद्रयान-3 के लैंडिंग पर जिस जोशीली आवाज ने हमें अपने देश के प्रति गर्व महसूस करवाया हमें खुशी दिलाई आज वही आवाज दूर अंतरिक्ष के साए में कहीं गुम हो गई लेकिन एक बात सच है कि उनका असाधारण स्वर सदा ही हमारे कानों में गूंजेगी और हमें उनकी और उनकी देशभक्ति की याद दिलाएगीI
एन वलार्मथी जी का प्रारंभिक जीवन
N Valarmathi जी का जन्म 31 जुलाई, 1959 को तमिलनाडु के एरियारूल में हुआ थाI उन्होंने अपनी स्कूलिंग निर्मला गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से की थी और कोयंबटूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी से बैचलर्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा कियाI सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने आना यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस में अपनी मास्टर्स की डिग्री भी हासिल कीI
इसरो में एन वलार्मथी जी का सफर
उन्होंने 1984 को इसरो ज्वाइन किया थाI वह भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित 'रेडार इमेजिंग सैटेलाइट' और देश के दूसरे ऐसे सैटेलाइट 'RISAT-1' की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थी।
प्रोजेक्टस- इसरो के अधिकारियों ने यह कंफर्म किया कि वलार्मथी जी, श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर में स्पेस एजेंसी के द्वारा कई काउंटडाउन प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई थींI वह 30 जुलाई को पीएसएलवी सी56 रॉकेट पर डीएस-एसएआर रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के लॉन्च का हिस्सा थीं और 14 जुलाई को LVM3 रॉकेट पर चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च का भी हिस्सा थींI इसके अलावा वह इनसैट 2ए, आईआरएस आईसी, आईआरएस आईडी और टीईएस जैसे मिशनों में भी शामिल रह चुकी हैंI
एन वलार्मथी जी की सबसे बड़ी उपलब्धि
भारतीय वैज्ञानिक, एन वलार्मथी, वह पहली भारतीय हैं जिन्हें 2015 में तमिलनाडु सरकार द्वारा 'अब्दुल कलाम अवॉर्ड' मिला, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान मेंI
एन वलार्मथी जी के निधन पर क्या कहा इसरो ने?
एक इसरो के अधिकारी कहते हैं कि "पीएसएलवी 56 मिशन जोकि 30 जुलाई को हुई थी, शायद आखिरी बार था जब उन्होंने श्रीहरिकोटा में एक लॉन्च का काउंटडाउन किया था। इस काउंटडाउन के लिए तकनीकी रूप से योग्य वैज्ञानिकों की आवश्यकता होती हैI"
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और निदेशक पी वी वेंकटकृष्णन ने सोशल मीडिया पर अपना शोक जाहिर करते हुए कहते हैं कि “श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की काउंटडाउन के लिए वलार्मथी मैडम की आवाज नहीं होगी। चंद्रयान-3 उनकी अंतिम काउंटडाउन की घोषणा थी। एक अनपेक्षित निधन बहुत दुःख हो रहा हैI प्रणाम!”