Lata Didi: भारत में गानों की एक असीम विरासत देने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज पहली पुण्यतिथि है। पिछले साल 6 फरवरी 2022 को स्वर कोकिला लता मंगेशकर इस दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए चली गईं। बता दें गायिका लता मंगेशकर ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी लाइव परफ़ार्मेंस देकर संगीत प्रेमियों का दिल जीता था। देश-दुनिया में उन्हें लता दीदी कहकर बुलाया जाता था।
छोटी उम्र से मिल गईं पारिवारिक ज़िम्मेदारियां
28 सितंबर सन् 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी गायिका लता मंगेशकर का जीवन असाधारण था। बचपन में ही पिता दीनानाथ का साया उठ जाने से उनके ऊपर पारिवारिक ज़िम्मेदारियां आ गईं। लेकिन लता ने कभी इन पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को अपने करिअर के आगे नहीं आने दिया। पंडित दीनानाथ के 05 बच्चे थे जिनमें 04 बेटियां और एक बेटा था। गायिका लता अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी बहन थीं।
जब पिता ने सुनी बेटी की आवाज़
दरअसल लता जी के पिता दीनानाथ एक संगीतकार और कलाकार थे। उन्हें अपनी बेटी लता के बारे में गायन को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। ऐसा इसलिए कि लता बचपन में अपने पिता के सामने गाना नहीं गाया करती थीं। मां के सामने गाना गाने पर मां उसे कोई तवज्जों नहीं देतीं। पर एक दिन उनकी क़िस्मत बदल गई। पिता दीनानाथ ने जब अपनी बेटी लता की आवाज़ पहली बार सुनी, उन्होंने लता जी को सुबह 6 बजे रोज़ गाने का रियाज़ शुरु करा दिया।
ज़िम्मेदारियों के आगे छोड़ दी पढ़ाई
लता जी ने हिंदी ही नहीं बहुत-सी भाषाओँ में अपनी आवाज़ दी है। हिंदी फ़िल्मों में उनका पहला हिट गाना सन् 1949 में आई महल फ़िल्म का गीत 'आयगा आने वाला है', जिससे उन्हें पहचान मिली। तब से वह हिंदी फ़िल्म के अनेक गाने गाने लगीं। अपनी रिकॉर्डिंग कराने के लिए वो मीलों दूर से स्टूडियो पैदल आया करती थीं। शुरुआत में उन्होंने एक फ़िल्म में अभिनेत्री के रूप में भी रोल किया था। गायिका लता को पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते बहुत छोटी उम्र में पेशेवर ज़िंदगी में क़दम रखना पड़ा, जिसके लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी।
सभी सर्वोच्च सम्मान से की गईं सम्मानित
हालांकि स्वर कोकिला लता मंगेशकर का हमेशा से सपना था क्लासिकल सिंगर बनने का, पर पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते वो क्लासिकल सिंगर बनने से रह गईं। भारत सरकार ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को देश के सर्वोच्च सम्मान्नों में पद्म भूषण, पद्म विभूषण और फिर सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा। गायिका लता को दादा साहेब फ़ाल्के सम्मान और लाइफ़ टाइम एचीवमेंट सम्मान से भी नवाज़ा गया था।
आज भी संगीत प्रेमियों के बीच लता दीदी अमर हैं। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक हर कोई लता दीदी के गाए गाने आज तक अपनी ज़ुबानी गाता है।