Holi Hai: बसंत पंचमी के बाद से ब्रज की होली शुरू हो जाती है। अब होली के दिन दूर नहीं, ऐसे में होली के गीत हम मन ही मन गुनगुनाने लगते हैं। कितना भी समय बदल जाए, कहते हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड'। आज भी नए होली के गीत आने के बाद भी हर जगह होली के गीतों में जो पहले के गीत हैं, शामिल रहते हैं। उनके बिना तो होली जैसे अधूरी है। पर आज हम आपको उन गीतों से न केवल परिचय कराएंगे, बल्कि बताएंगे इनके पीछे किसी आवाज़ और किसका संगीत और किसके लेखन का कमाल है, कि आज ये गीत कालजयी हो गए है। हर कोई होली में इन्हें गुनगुना रहा है। आइए देंखे होली के पहले के गीतों की एक झलक :-
रंग बरसे भीगे चुनरवाली (1981)
ये गीत होली में न बजे तो होली अधूरी। जी हां, कमाल ये है कि इस गीत को ख़ुद अमिताभ बच्चन ने गाया था। यही कारण हैं, उनके फ़ैस ये गीत ज़रूर बजाते हैं और झूमते हैं। 1981 में आई सिलसिला फ़िल्म का ये गीत है जिसे अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता कवि हरिवंश राय बच्चन ने लिखा। इसे संगीतकार शिव हरि हैं।
होली आई रे कन्हाई (1957)
गीत 1957 में आई फ़िल्म मदर इंडिया का है। इसमें धुन प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद साहब ने दी है। गायिका शमशाद बेगम हैं तो गीत को कलमबद्ध किया है गीतकार शकील बदायुंनी ने। ये गीत भी होली में अपनी धुन छोड़ता है।
होली के दिन दिल खिल (1975)
1975 में आई शोले फ़िल्म का गीत है। गीत में संगीत दिया है आर.डी. बर्मन ने। गीत के बोल दिए हैं गीतकार आनंद बक्षी ने वहीं आवाज़ दी है गायिका लता मंगेशकर और गायक किशोर कुमार ने। शोले फ़िल्म का ये गीत होली में सभी को नाचने को मजबूर कर देता है।
होली खेले रघुवीरा (2003)
2003 में आई बाग़बान फ़िल्म का ये गीत होली में बहुत चलाया जाता है। इसे गाया है अल्का याग्निक, उदित नारायण और सुखविंदर सिंह ने। गीत के बोल दिए हैं गीतकार समीर ने वहीं संगीत दिया है आदेश श्रीवास्तव ने।
आज न छोड़ेंगे (1970)
गीतकार आनंद बख़्शी का लिखा गीत 1970 में आई कटी पतंग का गीत है। इसे गायिका लता मंगेशकर और गायक किशोर कुमार ने गाया है। संगीत दिया है संगीतकार आर.डी. बर्मन ने।
इस तरह ये यूनिवर्सल गीत हर उम्र के लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ गए हैं। बच्चे से लेकर बुज़र्ग तक भले ये गीत पहले के हैं पर आज भी नए हैं। चाहें युगल हों या टोली, हर कोई इन गीतों को गुनगुनाता है। होली में ये गीत न हों तो होली अधूरी लगती है। सभी का कहना है होली है!