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इंदौर की डेली वेज वर्कर की बेटी को मिला फ्लैट ; लायी थी क्लास 10 में फर्स्ट डिवीज़न

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Swati Bundela
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इंदौर के शिवाजी नगर के फुटपाथ से भारती खाण्डेकर और उनकी फैमिली अब फ्लैट में शिफ्ट होजाएगी।
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क्लास 10 में 68 प्रतिशत लाने के बाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने भारती को फ्लैट प्रोवाइड कराया है। इंदौर में फुटपाथ पर रह रही भारती और उसका परिवार फ्लैट में शिफ्ट हो जायेगा।



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भारती करती हैं अपने माता पिता को धन्यवाद



"मैं अपने पेरेंट्स का मुझे एनकरेज करने के लिए शुक्रिया करना चाहती हूं। हमारे पास रहने को घर नहीं था। हम फुटपाथ पर रहते थे। मैं एडमिनिस्ट्रेशन का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे ये गिफ्ट दिया और मेरी आगे की पढ़ाई फ्री कर दी। मैं आईएएस अफसर बनना चाहती हूं।" उन्होंने अपनी टीचर्स को भी धन्यवाद दिया।
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फुटपाथ पर रहते थे भारती और उसका परिवार
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ये परिवार पहले शिवाजी मार्किट के फुटपाथ के सामने झोपड़ी में रहते थे। ये झोपड़ी को अतिक्रमण(encroachment) हटाने की ड्राइव में तोड़ दिया गया था।

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भारती के माता पिता को गर्व है भारती पर

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भारती के पिता दशरथ खाण्डेकर एक डेली वेज वर्कर है। वो अपनी बेटी की अचिवमेंट्स पर गर्व करते हैं। भारती जो कि अपने दो भाइयों के साथ रहती है, अपने पिता की कहानियां सुन कर बड़ी हुई है। पिता कभी स्कूल नहीं गए और वो कितनी मेहनत करते हैं ताकि उनके बच्चे प्रॉपर एजुकेशन ले सकें।



पिता कहते हैं,"मैं और मेरी पत्नी डेली वेज वर्कर हैं। सुबह मैं काम पर जाता हूँ और मेरी पत्नी स्कूल में स्वीपर का काम करती है।"

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"भारती दिनभर अपने भाइयों को सम्भालती है। उसके बाद रात को 1 बजे तक पढ़ती है। उसके दोनों भाई रात को बारी बारी उठकर भारती की रखवाली करते हैं।" दशरथ खाण्डेकर कहते हैं।



भारती की मां लक्ष्मी कहती हैं,"मैं खुश हूं कि मेरी बेटी ने क्लास 10 का एग्जाम पास करके हमे घर दिलाया।हम पहले फुटपाथ पर रहते थे। हमारे लिए हमारी बेटी भगवान लक्ष्मी है। मैं और मेरे पति दोनों अनपढ़ हैं पर हमारे बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। मेरी बेटी ने बहुत मेहनत करी।"



कमिशनर ने भारती की पढ़ाई करी फ्री



इंदौर की म्युनिसिपल कमिशनर प्रतिभा पाल भारती के बारे में जानकर दंग रह गईं। प्रधानमंत्री जन धन योजना के प्रशांत दिघे कहते हैं,"प्रतिभा जी ने अरेंजमेंट्स किये ताकि भारती आगे की पढ़ाई फ्री में कर सके। भारती को घर के साथ टेबल, चेयर, बुक्स, कपड़े भी दिए गए।"



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