Gauri Lankesh Murder Case: प्रख्यात पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले के तीन आरोपियों को जमानत दे दी है। जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की अगुवाई वाली बेंच ने के टी नवीन कुमार, सुरेश एच एल और अमित देग्वेकर को जमानत प्रदान की है। हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि ये तीनों आरोपी ट्रायल के दौरान जरूरत पड़ने पर कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
गौरी लंकेश हत्याकांड में तीन आरोपियों को मिली जमानत
17 आरोपी हैं इस मामले में
गौरतलब है कि गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर हुई थी। इस मामले में कुल 17 आरोपी हैं, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता अमोल काले, शूटर परशुराम वाघमारे और बाइक चलाने वाले गणेश मिस्त्री शामिल हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 में एक अन्य आरोपी मोहन नायक को भी जमानत मिल चुकी है।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला
जिन तीन आरोपियों को जमानत मिली है, उन्होंने अपनी और अपने परिवार के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए जमानत की याचिका दायर की थी।
हत्या के बाद का घटनाक्रम
इस मामले में अब तक 527 गवाहों के बयान दर्ज किए जाने हैं, जिनमें से केवल 130 की ही जांच हो पाई है। ये आरोपी इसी बात का हवाला देते हुए जमानत की मांग कर रहे थे।
परशुराम वाघमारे कौन है?
इस मामले का मुख्य आरोपी परशुराम वाघमारे है। उसने कबूल किया था कि उसे धर्म बचाने के नाम पर गौरी लंकेश की हत्या करने के लिए कहा गया था। उसने यह भी बताया था कि उसे हत्या के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उसने कबूल किया, “मुझे मई 2017 में बताया गया था कि मुझे अपने धर्म को बचाने के लिए किसी की हत्या करनी होगी। मैं मान गया और मुझे नहीं पता था कि पीड़ित कौन होगा। अब मुझे लगता है कि मुझे उस महिला को नहीं मारना चाहिए था। मुझे फिर से शाम को उसी बाइकर ने गौरी लंकेश के घर ले जाया जो मुझे पिछले दिन ले गया था। मुझे बताया गया कि मुझे आज ही काम पूरा करना है। लेकिन गौरी काम से लौट चुकी थीं और अपने घर के अंदर थीं,” उसने कथित तौर पर एसआईटी से कबूल किया।
5 सितंबर, 2017 को हत्यारे ने खुद को एक बंदूक से लैस किया और, “हम सही समय पर पहुंचे। लंकेश ने अपनी कार गेट के सामने रोकी थी और अंदर से खोल रही थी, तभी मैं उनके पास पहुंचा। मैंने हल्की सी खांसी की और वो मेरी ओर मुड़ी। मैंने उन पर चार गोलियां दाग दीं,” वाघमारे ने कहा।
गौरी लंकेश की हत्या एक ऐसे समय हुई थी जब वो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद कर रही थीं। उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या इससे जांच प्रभावित होगी।