भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला क्यों ले जा रहे हैं एक सॉफ्ट टॉय हंस 'JOY' को स्पेस में?

भारतीय व्योमयानॉट शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन में एक सॉफ्ट टॉय हंस 'जॉय' के साथ अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। जानिए कैसे यह खिलौना भारहीनता का संकेत और भारतीय संस्कृति का प्रतीक बनेगा।

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Vaishali Garg
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Indian Astronaut Shubhanshu Shukla to Carry Soft Toy Swan Joy to Space

Indian Astronaut Shubhanshu Shukla to Carry Soft Toy Swan Joy to Space: भारतीय वायुसेना के अफसर और व्योमयानॉट शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरिक्ष में एक ऐतिहासिक कदम रखने जा रहे हैं। 11 जून को जब वे Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर प्रस्थान करेंगे, तो उनके साथ होगा एक बेहद खास साथी एक सॉफ्ट टॉय हंस, जिसका नाम है ‘जॉय’। यह साधारण खिलौना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रतीक बनकर अंतरिक्ष यात्रा का हिस्सा बनने जा रहा है।

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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला क्यों ले जा रहे हैं एक सॉफ्ट टॉय हंस 'जॉय' को स्पेस में?

‘जॉय’ सिर्फ एक खिलौना नहीं, भारहीनता का प्रतीक है

अंतरिक्ष मिशनों में यह परंपरा रही है कि जैसे ही यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलता है और भारहीनता शुरू होती है, उस क्षण को पहचानने के लिए एक हल्का खिलौना अंतरिक्ष यान में तैरता दिखता है। इसी भूमिका में ‘जॉय’ को चुना गया है जो अंतरिक्ष में ज़ीरो ग्रैविटी का प्रतीक बनेगा। लेकिन इससे भी ज़्यादा, यह हंस तीन देशों की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक भी बन चुका है।

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ज्ञान, शांति और परंपरा की उड़ान

शुभांशु शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होकर बताया कि ‘जॉय’ उनके लिए सिर्फ एक वैज्ञानिक टूल नहीं है, बल्कि यह उस परंपरा और शिक्षा का प्रतीक है जिससे वे पले-बढ़े हैं। भारतीय संस्कृति में हंस मां सरस्वती का वाहन माना जाता है, जो ज्ञान और विवेक का प्रतीक है। शुभांशु ने कहा कि यह उन्हें याद दिलाता है कि वैज्ञानिकता के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी थामे रखना ज़रूरी है।

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अंतरिक्ष मिशन में एकता का संदेश

Axiom-4 मिशन की कमांडर पेगी व्हिटसन ने भी ‘जॉय’ की भूमिका को सम्मान के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि यह हंस तीन देशों भारत, पोलैंड और हंगरी की साझा आकांक्षाओं और संस्कृति को दर्शाता है। भारत में यह ज्ञान का प्रतीक है, पोलैंड में लचीलापन और हंगरी में गरिमा का। अंतरिक्ष जैसी विशाल दुनिया में भी जब एक खिलौना तीन संस्कृतियों को जोड़ता है, तो वह खिलौना नहीं, एक विचार बन जाता है।

शुभांशु शुक्ला: भारत का नया अंतरिक्ष हीरो

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उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले शुभांशु शुक्ला, भारत के दूसरे नागरिक बनेंगे जो अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने यह उपलब्धि हासिल की थी। शुभांशु Axiom-4 मिशन का हिस्सा तो हैं ही, साथ ही भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए भी चयनित हैं, जो आने वाले समय में लॉन्च किया जाएगा।

विज्ञान और संवेदना का यह संगम भारत की ताकत है

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Axiom Space, SpaceX और NASA के साथ साझेदारी में चलाए जा रहे इस मिशन में जहां वैज्ञानिक उपलब्धियां हैं, वहीं भावनात्मक गहराई भी है। ‘जॉय’ जैसे प्रतीक यह दिखाते हैं कि अंतरिक्ष की दुनिया में भी मानवीय भावनाओं और संस्कृति के लिए जगह है। यह मिशन सिर्फ अंतरिक्ष में जाने का सफर नहीं है, यह अपने साथ भारत की सोच, परंपरा और प्रेरणा को भी लेकर जा रहा है।

Shubhanshu Shukla Indian Space