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Photograph: (X/AIR)
Lt Cdr Divya Sharma Makes History: भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह नौसेना की पहली महिला बनी हैं जिन्हें “Qualified Flying Instructor” (QFI) के रूप में मान्यता दी गई है। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ महिलाओं के लिए प्रेरणास्पद है बल्कि Indian Navy में Gender Equality की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
Lt Cdr Divya Sharma, a Dornier pilot of INAS 318 at #INSUtkrosh #ANC, creates history as 1st woman Qualified Flying Instructor of #IndianNavy! #NariShakti #WomenInUniform #QFI #NavalComponent #ANC @AN_Command pic.twitter.com/flND5f46mW
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 30, 2025
भारतीय नौसेना की पहली महिला Qualified Flying Instructor बनीं लेफ्टिनेंट कमांडर Divya Sharma
INS उत्क्रोश में कर रहीं सेवा
लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा इस समय Port Blair स्थित INS उत्क्रोश में INAS 318 स्क्वाड्रन में सेवा दे रही हैं। वे Dornier एयरक्राफ्ट की पायलट हैं, जो कि Surveillance और Patrol मिशनों के लिए इस्तेमाल होता है। अब वे Navy के अन्य एविएटर्स को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
शुरू से ही रही हैं टॉपर
दिव्या शर्मा ने 2020 में Southern Naval Command के तहत पहली महिला डोर्नियर पायलट बैच में ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने 27वें Dornier Operational Flying Training (DOFT) कोर्स में टॉप करते हुए "First in Flying" का खिताब जीता था। यह उनकी उड़ान क्षमताओं और अनुशासन का प्रमाण है।
ऑल-वुमन Surveillance मिशन का हिस्सा
मार्च 2024 में, International Women’s Day के मौके पर, दिव्या शर्मा ने एक ऐतिहासिक ऑल-वुमन Surveillance मिशन में हिस्सा लिया था। इस मिशन में उनके साथ लेफ्टिनेंट कमांडर शुभांगी स्वरूप और लेफ्टिनेंट वैशाली मिश्रा भी शामिल थीं। मिशन की Planning से लेकर Execution तक सभी चरणों की जिम्मेदारी महिला अधिकारियों ने संभाली थी।
INAS 318 की भूमिका
INAS 318 स्क्वाड्रन, जो 1984 में स्थापित हुआ था, देश की समुद्री सीमाओं की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस स्क्वाड्रन के Dornier एयरक्राफ्ट East Coast की Maritime Security सुनिश्चित करते हैं।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की मिसाल
लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा की यह उपलब्धि भारतीय नौसेना में महिलाओं की नेतृत्व भूमिकाओं को और मजबूत करती है। उनका सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक Role Model की तरह है और यह साबित करता है कि अगर अवसर मिलें तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।