विशिष्ट अखिल भारतीय सिविल सेवाओं के लिए भर्ती के नवीनतम दौर में एक अच्छा आँकड़ा सामने आया है, आपको बता दें से नई भर्तियों में से एक तिहाई से अधिक या 34 प्रतिशत महिलाएँ हैं। महिलाओं ने टॉप चार रैंक हासिल किए, शीर्ष 20 में से 12 महिलाएं हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो अपने दूरदर्शी नेतृत्व और समावेशिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती हैं, ने विविध क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उनकी स्वीकृति देश के विकास में महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है और उनकी असाधारण प्रतिभा और क्षमताओं को प्रदर्शित करती है।
जानिए सिविल सेवाओं में महिलाओं के टॉप रैंक हासिल करने पर क्या कहा राष्ट्रपति मुर्मू ने ?
इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति भारत में हो रहे बदलाव की झलक दिखाती है। बता दें की इस साल संघ सिविल सेवा परीक्षा में चार शीर्ष रैंक हासिल करने वाली महिलाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अगर समान अवसर दिए जाएं तो बेटियां लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्नाटक के चिक्कबल्लापुरा जिले के मुद्देनाहल्ली में श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस (एसएसएसयूएचई) के दूसरे दीक्षांत समारोह में बोल रहीं थी, "मुझे बेहद खुशी है कि इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में, हमारी बेटियों ने शीर्ष चार रैंक में जगह बनाई है। यह इंगित करता है जब भी समान अवसर दिए जाते हैं, हमारी बेटियां हमारे बेटों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं।"
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी, दूसरी महिला और शिक्षण पृष्ठभूमि वाली सबसे हालिया राष्ट्रपति हैं। उनके राजनीतिक जीवन की लंबी, कठिन यात्रा के दौरान शिक्षा के प्रति उनका समर्पण निरंतर बना रहा है। वह श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक थीं। उनकी यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है।