What Is The Significance Of Rash Purnima Among The Bengalis: रास पूर्णिमा वह दिन है जिस दिन चांद पूरा होता है अर्थात पूर्णिमा की रात होती हैI कई औरतें इस दिन उपवास भी रखती हैI बंगालियों में रास पूर्णिमा का बड़ा ही पवित्र महत्व है क्योंकि उनके लिए यह पूर्णिमा भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है जिस दिन वह श्री कृष्ण एवं राधा की पूजा करते हैं और उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैI न केवल पूजा बल्कि इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैI यही तो खास बात है बंगाली संस्कृति कि उनके यहां कोई भी महीना बिना उत्सव के नहीं बितताI वह कहते है ना "बारो माशे तेरों पारबोन" यानी 12 महीने में 13 त्योहारI
इस साल कब मनाया जाएगा रास पूर्णिमा?
रास पूर्णिमा कार्तिक पूजा काल के ठीक बाद आती है। इस साल रास पूर्णिमा 26 नवंबर के रविवार को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी और खत्म 27 नवंबर सोमवार को 10 बजकर 15 मिनट में होगी I
क्या महत्व इस उत्सव का?
हमारे हिंदू पुराण के अनुसार रास पूर्णिमा के रात को श्री कृष्णा ने महारास रचाया थाI वही रास जिसे हम प्रेम का नृत्य मानते है जो किसी दिव्य अनुभूति से कम नहींI कहा जाता है कि इस रात, भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर गोपियाँ कृष्ण के साथ रात भर नृत्य करने के लिए अपना घर और परिवार छोड़कर आई थी उनके मन को मोह लेने वाले बांसुरी के सरगम पर थिरकने के लिए।
कैसे मनाया जाता है यह त्योहार?
रास पूर्णिमा में कई उपवास करते है और इसके अलावा कई तरह के सांस्कृतिक उत्सव भी मनाए जाते हैI भगवान कृष्ण के लिए दूध और चावल से बने विशेष व्यंजन तैयार करते है। इसके सिवा भगवान कृष्ण को स्वादिष्ट भोग जैसे कि खिचड़ी, मालपुआ और मक्खन भी चढ़ाया जाता हैI कोलकाता के कई जगह में बड़े शानदार मेले लगते हैं और छोटी बच्चियों से लेकर महिलाओं तक इस दिन को सभी रासलीला में भाग लेते है, जो एक पारंपरिक फोक डांस है जिसके माध्यम से हम राधा और कृष्ण की महान प्रेम कथा को याद करते है।
कौन से स्थान प्रसिद्ध हैं इस त्योहार के लिए?
कोलकाता में रास यात्रा मनाया जाता है जिसे शुरू किया था नदिया के राजा कृष्ण चंद्र रॉय ने जबकि कूच बिहार के शाही घराने ने शहर में मेले का प्रारंभ कियाI कूच बिहार, नवद्वीप एवं सुंदरबन जैसे स्थान कोलकाता में रास पूर्णिमा मनाने के लिए प्रसिद्ध है जहां इस जश्न का मजा उठाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैI जब सुबह से रात तक नाच-गाना एवं मेला लगा रहता है यहां तक की प्रोफेशनल नृत्यकार एवं गायकों को बुलाया जाता है इसमें भाग लेने के लिएI मेले में अपना कला का प्रदर्शन करने के लिए कई शिल्पकार भी हिस्सा लेते हैंI
यदि आप इस समय कोलकाता में है या आपका वहां जाने का प्लान है तो अपने परिवार अथवा दोस्तों के साथ साल के इस खूबसूरत त्योहार का आनंद उठाने ज़रूर जाएI