Yami Gautam To Fight Against Terrorism In 'Article 370': 4 साल पहले, 6 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दी गई विशेष स्थिति या फिर ऑटोनॉमी को रद्द कर दिया थाI इस सिलसिले पर बनी है बॉलीवुड की अगली फिल्म 'आर्टिकल 370' इस फिल्म में यामी गौतम एक इंटेलिजेंस ऑफिसर का किरदार निभा रही है जो कि कश्मीर में बढ़ती आतंकवाद, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ रही है लेकिन स्पेशल स्टेटस आर्टिकल 370 के वजह से उसके हाथ बंधे हुए होते हैंI अभी तक केवल इस फिल्म का टीज़र ही रिलीज़ किया गया है जहां हम देखते हैं कि किस तरह से कश्मीर की आम जनता राजनीति एवं धर्म के नाम पर चल रहे दंगों और अत्याचार से जूझ रही हैI इन आपसी मतभेदों और रणनीति को इस फिल्म में और भी गहराई से दिखाया जाएगाI
कौन है फिल्म की स्टार-कास्ट?
इस फिल्म को निर्देशित किया है आदित्य सुहास जांभले ने जो दो बार नेशनल अवार्ड जीत चुके हैंI 'खरवास' एवं 'अमृतसर जंक्शन' उनकी कुछ बेहतरीन फिल्में हैंI फिल्म में यामी गौतम जो कि एक इंटेलिजेंस ऑफिसर का किरदार निभा रही है, कश्मीर पर बढ़ती आतंकवाद एवं जुर्म के खिलाफ लड़ती देखी जाएगी तो वही साउथ की बेहतरीन अभिनेत्री प्रियामणि जिन्हें हमने आखरी बार साल की सबसे ब्लॉकबस्टर फिल्म 'जवान' में देखा था, उन्हें एक अहम किरदार निभाते हुए देखेंगेI इसके अलावा किरण कर्मकार, अरुण गोविल एवं सुमित कॉल जैसे कलाकारों को हम फिल्म में अभिनय करते हुए देखेंगेI यह फिल्म जिओ स्टूडियोज़ और B62 स्टूडियोज़ द्वारा प्रोड्यूस की गई हैI फिल्म के प्रोड्यूसर्स है ज्योति देशपांडे, लोकेश धर एवं आदित्य धर जो कि यामी गौतम के पति भी हैI आदित्य धर देश से जुड़े सत्य घटनाओं पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं उनकी निर्देशित फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' भी कुछ ऐसी ही थी जहां यामी गौतम ने भी अभिनय किया थाI
क्या है आर्टिकल 370?
जानने के लिए बता दें कि आर्टिकल 370, अक्टूबर 1949 में अस्तित्व में लाया गया था जिसने कश्मीर को आंतरिक प्रशासन के मामलों में ऑटोनॉमी दी थी ताकि उसे विदेशी मामलों, अर्थव्यवस्था और डिफेंस एवं कम्यूनिकेशन को छोड़कर सभी मामलों में अपने नियम बनाने की अनुमति मिले। हालाँकि, इसने राजनीतिक और सामाजिक मुश्किलों में भी योगदान दिया। इस प्रावधान ने भारतीय कानूनों के विस्तार को कश्मीर तक सीमित कर दिया, जिससे सेपरेटिज्म या फिर एक अलग होने की भावना को बढ़ावा मिला और एकीकरण में बाधा उत्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त, इसने इन्वेस्टमेंट को रोककर और संपत्ति के अधिकारों को नियंत्रित कर आर्थिक विकास में भी बाधा डाली। जिसके चलते बाद में इसे रद्द कर दिया ताकि जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से भारतीय संघ के साथ एकजूट कर सकेI