Celebrate Eco-Friendly Diwali : दशहरा निकल चुका है और ‘रोशनी का त्योहार’ दीपावाली बस आने ही वाला है। यह बहुत ही पवित्र त्योहार है और पूरा भारत इसे चाव से मनाता है। इस दिन लोग बड़े ही उत्साह से दीपक जलाते हैं और मिठाई खाते है। बच्चे बड़े सब इस दिन उल्लास में होते हैं। दिन में घरों की सजावट होती है और रात में दिये जलाने के साथ लोग पटाखे भी चलाते हैं। लेकिन दुख की बात है कि इस पवित्र फेस्टिवल पर पटाखों से बहुत शोर और हवा का प्रदूषण होता है। आज हम इसी पर बात करेंगे कि इस दिवाली प्रदूषण कैसे कम से कम हो।
Diwali: इस दीपावली कम से कम पॉल्यूशन, कैसे करें मुमकिन
ज़्यादा धुएँ वाले पटाखों को ना बोलें
अगर यह कहा जाये कि पटाखे मेनली दिवाली से जुड़े हुए हैं तो यह ग़लत नहीं होगा। मगर हम यह भी भूल नहीं सकते कि प्रदूषण का मेन कारण भी पटाखे ही बनते हैं और हमारी मदर नेचर को कई तरह की परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। हमारी हवा, पानी और पूरा वातावरण इनसे ही प्रदूषित होता है।
इस दिवाली सिर्फ़ ग्रीन क्रैकर्स
ग्रीन पटाखों में ख़तरनाक कैमिकल्स की जगह ईको-फ्रेंडली मटेरियल यूज़ होता है। इनकी आवाज़ दूसरे पटाखों से कम होती है, जिससे ज़्यादा शोर नहीं होता। इन्हें चलाने से आप इंजॉय भी कर पाएँगे और पैल्यूशन से भी बच पायेंगे।
एयर प्युरीफ़ायर यूज़ करें
इस दिवाली आप घरों के अंदर धुएँ को कम करने के लिए एयर प्युरीफ़ायर यूज़ कर सकते हैं। इससे घर में हवा पोल्यूट नहीं होगी और बच्चे बुजुर्गों को सांस लेने की तकलीफ़ नहीं होगी।
घर के अंदर स्मोक ना करें
स्मोक करने से भी आपके आस पास की हवा प्रदूषित होती है और आपके पास बैठे लोगों पर भी इसका असर होता है। इसलिए आप अपने घर को हवा के प्रदूषण से बचाने के लिए अंदर स्मोकिंग अवॉयड करें।
अच्छे दोस्त हैं हमारे, मिट्टी के दिए
मिट्टी के बने दीये घी या तेल से जलाने से कोई प्रदूषण नहीं होता और ना ही कोई धुआँ होता है। इसलिए आप इस ख़ुशी के मौक़े पर दिये ज़रूर जलाएँ और अपने घर को दिवाली पर रोशन करें।
दिवाली के इस पावन अवसर पर इंजॉय करने के साथ-साथ अपने वातावरण की साफ़ रखना भी हमारी ही ज़िम्मेदारी है। इसलिए दिवाली हैप्पिली और सेफ़ली मनाएँ।