Challenges Of Being A Woman In India: कहते हैं कि एक औरत होना बड़े ही गर्व की बात होती है। भारत जैसे देश में जहां बेटियों को भगवान का दर्जा दिया जाता है वहीं उन्हीं बेटियों को कईं संघर्षों का भी सामना करना परता है वो भी बड़ी छोटी उम्र से ही। कितनी ही सारी महिलाएं इस बात से एग्री करेंगी। यह एक बहुत ही जानी मानी बात है की महिलाओं को इस देश में न जाने कितने ही उलटे सीधे चुनौतियों का सामना करना परता है। कईं सारी महिलाएं इंटरनेट पर इस बात पर अब बांड भी करते नज़र आतीं हैं। हाँ बिलकुल पहले के समय से आजकल की महिलाओं को अलग परेशानियां झेलनी परती है लेकिन अक्सर इनकी वजह हमारा पुरुष प्रधान समाज है। महिलाएं आगे बढ़तीं तो हैं पर अक्सर उन्हें समाज और परीवार की इज़्ज़त और प्रतिष्ठा को बनाये रखने के बेड़ियों को खींचते हुए चलना परता है। इस देश में महिला होना कितना मुशिक है और एक महिला को इस देश में किन चुनौतियों का सामना करना परता है, आइये पढ़ें।
भारत में महिला होने पर कैसी चुनौतियाँ सामने आती है?
अधिकतर महिलाएं इस बात को पढ़ कर ज़रूर मानेंगे की इस देश में कईं परिस्तिथियों में ऐसा ज़रूर होता है जहाँ उनसे खुद ब खुद कोम्प्रोमाईज़ करने की अपेक्षा करली जाती है। क्या यह सही है? क्या महिलों का पॉइंट ऑफ़ व्यू अभी भी नहीं समझा जायेगा? घर, ससुराल, मायका, पब्लिक, वर्कप्लेस, ऐसे हर जगह,लाखों महिलाएं हैं जिन्हे रोज़ाना बेसिस पर यह कोम्प्रोमाईज़ करने परतें हैं।
अपने करियर से लेकर फ्यूचर डिसिशन भी लेने के लिए इन्हें बहुत सारी चीज़ें ध्यान में रख कर आगे चलना होता है और कईं बार तो इन्हें इनके मामूली अधिकार भी नसीब नहीं होतें। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अप्राध, हिंसा, पुरुषों से असमानता, यह सब सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पुरे दुनिया में चल रही स्तिथि है। महिलाओं को कमज़ोर और आसानी से हीन दर्शाया जा सकता है, ऐसा सोच हमारे देश में कईं परिवार और समाज आज भी रखतें हैं। उनके हिसाब से महिलाओं को बराबर का दर्जा मिलना सही नहीं होता और पुरुषों को उनपर अपनी मनमानी चलाने का पूरा अधिकार होता है। ऐसी सोच ना बदलने पर देश विकास देखने में अभी भी बहुत दूर रह जायेगा।