How To Be A Good Bahu?: हमारी एकता कपूर की तुलसी, प्रेरणा और पारवती के साथ-साथ हमारे देश की ज़्यादातर बहुओं में एक चीज़ तो कॉमन है और वो चीज़ है-एक अच्छी बहू बनने का मैन्युअल। इस समाज में हर बहू से एक जैसी एक्सपेक्टेशंस रखी जाती हैं और समझा जाता है कि ज़िंदगी की कसौटी पर हर बहू को खरा उतरना है।
कैसे बनें एक अच्छी बहू
'बहू को बेटी की तरह रखेंगे' यह बात हर कोई कहता तो है, लेकिन कोई अप्लाई नहीं करता। ज़्यादातर घरों में बहू के रोल्स फिक्स हैं और वो अपनी ज़िंदगी कैसे जिएगी, इसका डिसीजन भी ससुराल वाले लेते हैं। आइये जानते हैं कि हमारे समाज में एक अच्छी बहू बनने के लिए आपको कौन से 5 पॉइंट्स का ध्यान रखना है।
1. हमेशा 'हाँ' कहें
आप को अपनी ज़िंदगी और काम छोड़ कर अपनी सासू-माँ के हिसाब से चलना है और जो काम वो आपसे बोलें, आप उन सब कामों को हाँ ही बोलेंगी। जब तक आप लगातार हर बात पर उनके साथ एग्री करती रहेंगी, तब तक आप उनके लिए एक अच्छी बहू होंगी।
2. साड़ी या सलवार कमीज
आपको अच्छी बहू बनने के लिए शॉर्ट्स या जीन्स के बारे में सोचना भी नहीं है, क्योंकि अच्छी बहू सिर्फ साड़ी या सलवार कमीज पहनती हुई अच्छी लगती है। इसके साथ आपको सोने के गहनों के साथ भी लदे हुए रहना है। याद रखें कि अपने पति के साथ ट्रिप पर जाते समय भी आपको कल्चरल साड़ी ही पैक करनी है।
3. मास्टर शेफ से कम नहीं
आपको एक अच्छे कुछ होना चाहिए। अच्छी बहू के ख़ास गुणों में यह भी एक गुण है कि आपका खाना आपके आस-पास के सारे रेस्टॉरेंट्स और ढाबों से अच्छा और बेहतर होना चाहिए, खास कर जिनसे आपकी सासू-माँ आर्डर करें।
4. आपके गुण सासू माँ से भी मिलने चाहिए
एक अच्छी बहू होने के नाते आपकी हॉबीज और पैशन्स अपनी सासू-माँ से मिलने चाहिए। चाहे 'चार धाम की यात्रा' हो या फिर फ्रेंड्स के साथ किट्टी पार्टी, आपको दोनों जगह एन्जॉय करना है। आफ्टर आल, आपके 36 गुण पति के साथ ही नहीं, मदर इन लॉ के साथ भी मिलने चाहिए।
5. फैमिली आपकी पहली प्रायोरिटी
एक अच्छी बहू वही होती है जो अपने काम और फैमिली में से अपनी फैमिली को चूज़ करती है। आपको अपने करियर को सैक्रिफाइस करने में दो बार नहीं सोचना और अपने ससुराल और पति की ख़ुशी के बारे में सबसे पहले सोचना है। अच्छी बहू की ख़ुशी तो फैमिली की ख़ुशी में ही होती है।
स्टडीज में पाया गया है कि जो बहुएं जॉइंट फैमिली के ऊपर नुक्लेअर फैमिली को चूज़ कर रही हैं, उनका नंबर ऑलमोस्ट 64% से बढ़ चुका है। अब ज़रूरत है इन स्टीरियोटाइप्स को तोड़ने की क्योंकि हमारी बहुओं को भी आज़ादी की ज़रूरत है। ज़रूरत है उन्हें कपड़े पहनने की आज़ादी, अपने दोस्त चूज़ करने की आज़ादी और जो चाहें वो खाने की आज़ादी की। आप खुद भी मज़े से जिएं और अपनी बहू को भी जीने दें। बहू को बेटी सिर्फ कहने से कुछ नहीं होगा, उसे सच में बेटी बनाना ज़रूरी है।